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चुनावी वादों पर पीएम मोदी के वार से तिलमिलाए खरगे, कहा- “मोदी की गारंटी भारत के लोगों के साथ क्रूर मजाक”

मध्य प्रदेश और अन्य राज्यों में विधानसभा चुनावों के नजदीक आते ही राजनीतिक बयानबाजी और आरोप-प्रत्यारोप तेज हो गए हैं। हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस के चुनावी वादों पर निशाना साधा, जिसके जवाब में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। खरगे ने प्रधानमंत्री मोदी की “गारंटी” को “भारत के लोगों के साथ क्रूर मजाक” बताया और कहा कि उनकी घोषणाओं में भरोसे की कमी है।

मोदी का कांग्रेस पर हमला

प्रधानमंत्री मोदी ने कांग्रेस पर तीखा हमला करते हुए कहा था कि पार्टी अपने चुनावी वादों को कभी पूरा नहीं करती और केवल मतदाताओं को लुभाने के लिए बड़े-बड़े वादे करती है। मोदी ने कहा कि जनता को कांग्रेस की “फ्री में देने की योजनाओं” से सावधान रहना चाहिए, क्योंकि वे अर्थव्यवस्था को कमजोर कर सकते हैं और देश की प्रगति में बाधा डाल सकते हैं।

मोदी ने यह भी दावा किया कि बीजेपी द्वारा किए गए वादे हमेशा पूरे होते हैं और उनकी सरकार ने पिछले नौ सालों में कई जनहितकारी योजनाएं लागू की हैं, जो जनता के जीवन में सुधार लाने में सफल रही हैं।

खरगे की कड़ी प्रतिक्रिया

प्रधानमंत्री के इस बयान से मल्लिकार्जुन खरगे तिलमिला गए और उन्होंने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि “मोदी की गारंटी खुद भारत के लोगों के साथ क्रूर मजाक है।” खरगे ने प्रधानमंत्री पर आरोप लगाया कि मोदी सरकार ने अपने कई वादों को पूरा नहीं किया और जनता को झूठे आश्वासन देकर गुमराह किया है।

खरगे ने सवाल उठाते हुए कहा कि प्रधानमंत्री ने अपने कार्यकाल के दौरान बेरोजगारी, महंगाई और किसानों की समस्याओं जैसे गंभीर मुद्दों पर क्या किया है। खरगे ने मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि उनके कई वादे अधूरे हैं और उनकी नीतियों ने देश के गरीब और मध्यम वर्ग को मुश्किलों में डाल दिया है।

चुनावी मुद्दे और मतदाताओं की उम्मीदें

मध्य प्रदेश सहित अन्य राज्यों में चुनावों के चलते दोनों ही पार्टियाँ जनता का समर्थन पाने के लिए अपने-अपने चुनावी एजेंडे पेश कर रही हैं। जहां बीजेपी विकास और सुरक्षा को प्रमुख मुद्दा बना रही है, वहीं कांग्रेस महंगाई, बेरोजगारी, और किसान कल्याण को लेकर जनता के बीच जा रही है।

विशेषज्ञों का मानना है कि इन चुनावों में जनता की अपेक्षाएँ बहुत बढ़ गई हैं और मतदाता अब केवल वादों के आधार पर नहीं बल्कि उन पर अमल की कसौटी पर नेताओं को परख रहे हैं।

दोनों नेताओं के बयान और चुनावी परिदृश्य

खरगे और मोदी के बीच तीखे बयानों ने आगामी चुनावी परिदृश्य को और रोचक बना दिया है। जहां एक ओर मोदी अपनी गारंटी को सशक्त भारत की दिशा में एक कदम के रूप में प्रस्तुत कर रहे हैं, वहीं खरगे इसे “जुमला” करार देते हुए जनता के सामने इसे “वास्तविकता से दूर” बता रहे हैं।

आगामी चुनाव में इन बयानों का असर मतदाताओं पर कितना पड़ेगा, यह देखने वाली बात होगी। जनता के लिए यह एक बड़ा मौका है कि वे अपने नेताओं के वादों को ध्यान में रखकर उन्हें कसौटी पर परखें।

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