स्वास्थ्य

चीर-फाड़ के बिना पता लगाएं कितनी नसें हैं ब्लॉक, ऑपरेशन का पैसा जोड़ने की जरूरत नहीं, भर्ती भी नहीं होना

अब नसों के ब्लॉक का पता बिना किसी चीर-फाड़ के किया जा सकता है। एक नई तकनीक के तहत, मरीजों को ऑपरेशन और अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत नहीं पड़ेगी। इस तकनीक के जरिए डॉक्टर अब ब्लॉकेज को पहचानने के लिए सर्जरी की बजाय नॉन-इनवेसिव तरीके से काम करेंगे, जिससे समय और पैसे की बचत होगी।

कैसे काम करेगा यह तरीका?

नई तकनीक नसों की स्थिति का पता बिना किसी तरह के ऑपरेशन के लगाती है। इसमें नई इमेजिंग टेक्नोलॉजी का उपयोग किया जाता है, जिससे डॉक्टर ब्लॉक की स्थिति का सही-सही आकलन कर सकते हैं। इस प्रक्रिया में केवल सोनोग्राफी और मल्टीपल टेस्ट का इस्तेमाल होता है, जिससे बिना चीर-फाड़ के नसों की ब्लॉकेज का पता चल सकता है।

फायदे

  • ऑपरेशन की आवश्यकता नहीं: मरीज को ऑपरेशन और अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
  • कम खर्च: इस प्रक्रिया में मरीज को ऑपरेशन के खर्च का सामना नहीं करना पड़ेगा।
  • सुरक्षित और दर्द रहित: यह एक सुरक्षित और दर्द रहित तरीका है, जो मरीज को तत्काल राहत देता है।
  • जल्दी परिणाम: टेस्ट के परिणाम जल्दी मिलते हैं, जिससे इलाज जल्दी शुरू किया जा सकता है।

इस तकनीक के बारे में डॉक्टर की राय

इस तकनीक को लेकर डॉक्टरों का कहना है कि अब पारंपरिक सर्जरी की बजाय यह नया तरीका ज्यादा प्रभावी और सुरक्षित साबित हो सकता है। इससे मरीजों का साधारण उपचार किया जा सकता है और गंभीर सर्जरी से बचा जा सकता है।

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