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अमेरिकी सेना की बेस पर हमले के बाद सीरिया में बमबारी, ईरान समर्थित गुटों को बनाया टारगेट

सीरिया में अमेरिकी सेना के एक सैन्य अड्डे पर हमले के बाद, अमेरिका ने जवाबी कार्रवाई करते हुए सीरिया में बमबारी की। इस हमले में ईरान समर्थित मिलिशिया गुटों को निशाना बनाया गया है। अमेरिकी सेना के अनुसार, यह कार्रवाई आत्मरक्षा में की गई थी, क्योंकि उनके सैन्य ठिकाने पर हमला किया गया था।

अमेरिकी सेना का सैन्य अड्डा था टारगेट

रिपोर्ट्स के अनुसार, यह हमला मंगलवार को हुआ, जब ईरान समर्थित एक मिलिशिया समूह ने अमेरिकी सेना के एक अड्डे पर रॉकेट हमला किया। हमले में कोई अमेरिकी सैनिक घायल नहीं हुआ, लेकिन यह हमला अमेरिकी हितों के खिलाफ बढ़ते खतरे को दर्शाता है।

अमेरिका की जवाबी बमबारी

हमले के तुरंत बाद, अमेरिकी रक्षा मंत्रालय (पेंटागन) ने सीरिया में ईरान समर्थित गुटों के खिलाफ बमबारी की। पेंटागन के प्रवक्ता ने कहा कि यह हमला आत्मरक्षा के तहत किया गया और इस बमबारी में ईरान समर्थित मिलिशिया के कई ठिकाने नष्ट किए गए हैं। अमेरिका ने इन गुटों को निशाना बनाने के पीछे का कारण बताया कि वे अमेरिकी सैनिकों पर हमले में शामिल थे।

ईरान समर्थित गुटों का बढ़ता खतरा

सीरिया में अमेरिकी सैन्य अड्डों पर हमले ईरान समर्थित गुटों द्वारा किए जाते रहे हैं। ईरान ने अपने प्रभाव वाले शिया मिलिशिया समूहों को सीरिया में तैनात किया है, जो कभी-कभी अमेरिकी सेना और उनके सहयोगियों को निशाना बनाते हैं। अमेरिका का आरोप है कि ईरान इन गुटों को हथियार, प्रशिक्षण और वित्तीय सहायता मुहैया कराता है, ताकि वह सीरिया में अपने सामरिक प्रभाव को बढ़ा सके।

क्षेत्रीय तनाव बढ़ता हुआ

अमेरिका और ईरान के बीच तनाव पहले ही बहुत उच्च स्तर पर है, और यह घटना दोनों देशों के बीच चल रही प्रतिद्वंद्विता को और बढ़ा सकती है। हाल ही में अमेरिका ने इराक और सीरिया में ईरान समर्थित गुटों के खिलाफ कई सैन्य कार्रवाइयां की हैं, और यह नई कार्रवाई उस रणनीति का हिस्सा मानी जा रही है।

अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी इस कार्रवाई को लेकर चिंता व्यक्त की जा रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह के हमले क्षेत्र में युद्धविराम की स्थिति को और अधिक तनावपूर्ण बना सकते हैं और इससे सीरिया संकट में और अधिक बढ़ोतरी हो सकती है।

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