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नागालैंड का हॉर्नबिल महोत्सव: नागा संस्कृति और विरासत का उत्सव

“नागालैंड में हर साल आयोजित होने वाला हॉर्नबिल महोत्सव, राज्य की समृद्ध संस्कृति, परंपरा और विरासत को प्रदर्शित करने वाला एक प्रमुख आयोजन है। यह महोत्सव नागा जनजातियों की अद्वितीय पहचान और विविधता का प्रतीक है।”

हॉर्नबिल महोत्सव की शुरुआत

हॉर्नबिल महोत्सव का आयोजन हर साल दिसंबर महीने में होता है और यह नागालैंड के किसामा हेरिटेज विलेज में आयोजित किया जाता है। इसे “त्यौहारों का त्यौहार” भी कहा जाता है। इसका उद्देश्य नागालैंड की विभिन्न जनजातियों की संस्कृति, कला, संगीत और परंपराओं को एक मंच पर लाना है।

नागा जनजातियों की विरासत का प्रदर्शन

हॉर्नबिल महोत्सव में नागालैंड की 16 प्रमुख जनजातियां अपनी पारंपरिक वेशभूषा, नृत्य और संगीत के माध्यम से अपनी विरासत का प्रदर्शन करती हैं। यह महोत्सव विभिन्न जनजातियों के बीच आपसी भाईचारे और सौहार्द को बढ़ावा देने का काम करता है।

मुख्य आकर्षण

  • पारंपरिक नृत्य और संगीत: महोत्सव के दौरान जनजातीय नृत्य और संगीत का आयोजन किया जाता है, जो दर्शकों को नागा संस्कृति की गहराई से परिचित कराता है।
  • हस्तशिल्प और कला प्रदर्शन: नागालैंड के अद्वितीय हस्तशिल्प और पारंपरिक कला के प्रदर्शन के लिए विशेष स्टॉल लगाए जाते हैं।
  • खानपान: यहां के पारंपरिक नागा व्यंजन जैसे बांस शूट करी, भुना हुआ सूअर का मांस और स्थानीय चावल की बीयर पर्यटकों को बेहद पसंद आते हैं।
  • एडवेंचर गतिविधियां: महोत्सव में रॉक क्लाइंबिंग, बाइकिंग और अन्य रोमांचक गतिविधियां भी आयोजित की जाती हैं।

पर्यटकों के लिए आकर्षण

हॉर्नबिल महोत्सव ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त की है और हर साल बड़ी संख्या में देश-विदेश के पर्यटक इसे देखने के लिए आते हैं। यह न केवल नागालैंड की सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित करने का काम करता है, बल्कि राज्य के पर्यटन को भी बढ़ावा देता है।

हॉर्नबिल महोत्सव नागालैंड की विविधता, संस्कृति और परंपरा का अद्भुत संगम है। यह उत्सव न केवल नागा जनजातियों की पहचान को संजोता है, बल्कि भारत की सांस्कृतिक विविधता को भी दर्शाता है। यह महोत्सव उन सभी के लिए एक अनूठा अनुभव है, जो भारत की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर को करीब से जानना चाहते हैं।

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