भारतीय अर्थव्यवस्था वित्त वर्ष 2025-26 में दर्ज करेगी 6.8% की वृद्धि, रबी फसल और सरकारी खर्च से मिलेगी रफ्तार
“भारतीय अर्थव्यवस्था वित्त वर्ष 2025-26 में 6.8% की मजबूत वृद्धि दर्ज कर सकती है। यह वृद्धि मुख्य रूप से हाई-फ्रीक्वेंसी इंडिकेटर्स जैसे हवाई यात्री यातायात, सेवा पीएमआई में वृद्धि और जीएसटी संग्रह में सुधार के कारण संभव होगी।”
बैंक ऑफ बड़ौदा की रिपोर्ट बताती है कि अगले वित्त वर्ष के दौरान नोमिनल जीडीपी वृद्धि लगभग 10.5% तक रहने की संभावना है। यह भारत की अर्थव्यवस्था को वैश्विक स्तर पर मजबूती देगा।
🌾 रबी फसल की बुवाई से कृषि क्षेत्र को मिलेगी रफ्तार
रिपोर्ट में कहा गया है कि रबी फसल की अधिक बुवाई से भारतीय कृषि क्षेत्र को मजबूत आधार मिलेगा। इससे न केवल ग्रामीण क्षेत्रों की अर्थव्यवस्था को बल मिलेगा, बल्कि यह कृषि विकास में भी तेजी लाएगा।
त्योहारी सीजन की मजबूत मांग और आर्थिक गतिविधियों में सुधार ने भी भारतीय अर्थव्यवस्था को लचीला बनाए रखा है। रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 2025 की तीसरी तिमाही में उत्कृष्ट आर्थिक प्रदर्शन की उम्मीद की जा रही है।
सरकारी और निजी खर्च में होगी वृद्धि
वित्त वर्ष 2025 में सरकारी और निजी खर्च में भी वृद्धि का अनुमान है। रिपोर्ट बताती है कि
- निजी खपत में 7.3% की वृद्धि
- सरकारी खर्च में 4.1% की वृद्धि दर्ज की जा सकती है।
इसके अलावा, निर्यात वृद्धि भी वित्त वर्ष 2024 के 2.6% के मुकाबले 2025 में 5.9% तक पहुंच सकती है। यह सरकारी व्यय और कृषि क्षेत्र के विकास के कारण संभव होगा।
वैश्विक टैरिफ वॉर का खतरा बरकरार
हालांकि, रिपोर्ट में कुछ चुनौतियों का भी जिक्र किया गया है।
- अमेरिका में नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की संरक्षणवादी व्यापार नीतियों के कारण टैरिफ वॉर का खतरा मंडरा रहा है।
- यह स्थिति वैश्विक व्यापार को प्रभावित कर सकती है और भारत को भी नुकसान पहुंचा सकती है।
रबी फसल से कृषि क्षेत्र में वृद्धि।
- सरकारी खर्च और निर्यात में सुधार से आर्थिक विकास को बल।
- उद्योगों और सेवा क्षेत्रों में मजबूत वृद्धि।
- वैश्विक व्यापार नीति में बदलाव के कारण चुनौतियां।
