महाराष्ट्र सरकार जबरन धर्म परिवर्तन और लव जिहाद के खिलाफ कानून की तैयारी में
“महाराष्ट्र सरकार ने जबरन धर्म परिवर्तन और लव जिहाद से जुड़े मामलों की जांच करने और इस पर संभावित कानून का कानूनी ढांचा तैयार करने के लिए सात सदस्यीय समिति का गठन किया है। इस समिति की अध्यक्षता पुलिस महानिदेशक (DGP) संजय वर्मा करेंगे और इसमें गृह, महिला एवं बाल कल्याण, अल्पसंख्यक मामले, कानून एवं न्यायपालिका, सामाजिक न्याय, विशेष सहायता जैसे विभागों के वरिष्ठ अधिकारी शामिल होंगे।“
शुक्रवार देर रात जारी सरकारी संकल्प (GR) के अनुसार, यह समिति अन्य राज्यों में लागू कानूनों की समीक्षा करेगी और महाराष्ट्र के लिए कानूनी सुझाव पेश करेगी।
कानून लाने की जरूरत क्यों महसूस हुई?
महाराष्ट्र में श्रद्धा वाकर हत्याकांड के बाद लव जिहाद का मुद्दा सुर्खियों में आ गया था।
🔹 श्रद्धा वाकर, 27 वर्षीय महिला, की 2022 में उसके लिव-इन पार्टनर आफताब पूनावाला द्वारा हत्या कर दी गई थी। आरोप है कि आफताब ने श्रद्धा को गुमराह कर धर्म परिवर्तन के लिए दबाव डाला और फिर उसकी हत्या कर शव के कई टुकड़े कर दिए।
इस घटना के बाद भाजपा के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र सरकार ने लव जिहाद और जबरन धर्म परिवर्तन को लेकर कड़े कानून की जरूरत पर जोर दिया।
क्या होगा इस कानून में?
समिति अन्य राज्यों में पहले से मौजूद कानूनों की गहन समीक्षा करेगी।
जबरन धर्मांतरण, लालच देकर धर्म परिवर्तन और लव जिहाद से जुड़ी शिकायतों से निपटने के लिए सख्त प्रावधान सुझाएगी।
कानून लागू करने के लिए उचित कानूनी और प्रशासनिक रणनीति पर काम किया जाएगा।
यदि कानून लागू होता है तो बिना सरकारी अनुमति के धर्म परिवर्तन अवैध माना जाएगा और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई होगी।
विपक्ष ने किया विरोध
महाराष्ट्र सरकार के इस फैसले का विपक्षी दलों ने कड़ा विरोध किया है।
एनसीपी (शरद पवार गुट) नेता सुप्रिया सुले ने कहा,
“शादी और प्यार करना एक व्यक्तिगत निर्णय है। सरकार को इस तरह के कानूनों पर ध्यान देने के बजाय आर्थिक मुद्दों पर फोकस करना चाहिए। अमेरिका ने नए टैरिफ लगाए हैं, जो हमारी अर्थव्यवस्था को प्रभावित कर सकते हैं, लेकिन सरकार असली मुद्दों से ध्यान भटका रही है।”
समाजवादी पार्टी के विधायक अबू आज़मी ने भी इस कदम की आलोचना करते हुए कहा,
“बीजेपी की सरकार मुसलमानों को निशाना बना रही है और सांप्रदायिक तनाव बढ़ा रही है। लिव-इन रिलेशनशिप को आजादी दी जाती है, लेकिन अंतरधार्मिक विवाह करने वालों को निशाना बनाया जा रहा है। लव जिहाद जैसी कोई चीज नहीं है, यह केवल समाज में नफरत फैलाने की राजनीति है।”
अन्य राज्यों में क्या हैं इस तरह के कानून?
महाराष्ट्र से पहले, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड, हरियाणा और कर्नाटक ने लव जिहाद और जबरन धर्म परिवर्तन के खिलाफ कानून लागू किया है। इन कानूनों के तहत –
✅ बिना सरकारी अनुमति के धर्म परिवर्तन अपराध माना जाता है।
✅ जबरन धर्मांतरण या लालच देकर धर्म बदलवाने पर कड़ी सजा का प्रावधान है।
✅ पीड़ित पक्ष शिकायत दर्ज करा सकता है, और दोषी पाए जाने पर 5-10 साल तक की सजा और भारी जुर्माने का प्रावधान है।
महाराष्ट्र सरकार द्वारा लव जिहाद और जबरन धर्म परिवर्तन के खिलाफ सख्त कानून बनाने की दिशा में कदम उठाना एक बड़ा निर्णय है। हालांकि, विपक्ष इसे राजनीतिक एजेंडा करार दे रहा है। यह कानून कितना प्रभावी होगा, और क्या यह व्यक्तिगत स्वतंत्रता के अधिकारों का उल्लंघन करेगा, यह देखने वाली बात होगी।
