महाकुंभ 2025: संगम के पानी की शुद्धता पर सीएम योगी ने दिया भरोसा
“ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महाकुंभ 2025 के दौरान संगम के पानी की शुद्धता को लेकर उठ रहे सवालों पर स्पष्ट जवाब दिया है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (UPPCB) द्वारा नियमित रूप से संगम के जल की गुणवत्ता की जांच की जा रही है और वर्तमान रिपोर्ट के अनुसार बीओडी (बायोकेमिकल ऑक्सीजन डिमांड) 3 से कम है और घुलित ऑक्सीजन 8-9 के स्तर पर है, जो इसे स्नान और आचमन के लिए पूरी तरह उपयुक्त बनाता है।“
संगम के पानी की गुणवत्ता पर योगी सरकार का आश्वासन
संगम और आसपास के इलाकों की सभी सीवर लाइनों को टेप कर दिया गया है।
सभी पाइप और नालियों के पानी को शुद्ध करने के बाद ही गंगा में छोड़ा जा रहा है।
फेकल कोलीफॉर्म का स्तर मानकों के भीतर है, जिससे जल गुणवत्ता सुरक्षित बनी हुई है।
सीएम योगी ने स्पष्ट किया कि कुछ लोग महाकुंभ को बदनाम करने के लिए संगम के पानी की शुद्धता पर झूठा अभियान चला रहे हैं, लेकिन सभी वैज्ञानिक रिपोर्ट दर्शाती हैं कि संगम का पानी पूरी तरह से स्वच्छ और सुरक्षित है।
एनजीटी और सीपीसीबी की रिपोर्ट का क्या कहती है?
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) की रिपोर्ट में जनवरी 2025 के पहले सप्ताह में संगम के पानी की गुणवत्ता पर सवाल उठाए गए थे। हालांकि, 13 जनवरी 2025 के बाद जल की गुणवत्ता में सुधार दर्ज किया गया।
सभी प्रमुख स्नान स्थलों पर पानी की शुद्धता स्नान योग्य मानी गई, केवल 19 जनवरी को लॉर्ड कर्जन ब्रिज के आसपास हल्की गिरावट दर्ज की गई।
महाकुंभ के दौरान संगम में स्नान करने वाले श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ने से फेकल कोलीफॉर्म (FC) का स्तर बढ़ सकता है, लेकिन राज्य सरकार ने जल शुद्धिकरण के लिए विशेष इंतजाम किए हैं।
जल शुद्धिकरण के लिए विशेष इंतजाम
संगम में सात जियोसिंथेटिक डीवाटरिंग ट्यूब (Geo-tube) लगाए गए हैं।
CPCB की टीम ने 6-8 जनवरी और 18-19 जनवरी को इन ट्यूब्स का निरीक्षण किया।
इन ट्यूब्स के माध्यम से जल शुद्धिकरण की प्रक्रिया प्रभावी रूप से जारी है।
महाकुंभ 2025 में संगम का पानी पूरी तरह से शुद्ध और सुरक्षित है।
जल परीक्षण रिपोर्ट दर्शाती हैं कि पानी स्नान और आचमन के लिए उपयुक्त है।
फेकल कोलीफॉर्म का स्तर भी स्वीकार्य दायरे में है, जिससे जल की गुणवत्ता सुनिश्चित की जा रही है।
सरकार जल शुद्धिकरण के लिए सभी आवश्यक कदम उठा रही है ताकि श्रद्धालु बिना किसी चिंता के पवित्र स्नान कर सकें।
