महाकुंभ में फ्लाईओवर बाबा का आशीर्वाद
प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ मेला सदियों से आस्था, संस्कृति और परंपराओं का संगम रहा है। हर बार यह मेला अपने साथ नई कहानियाँ और घटनाएँ लेकर आता है, जो समाज में चर्चा का विषय बनती हैं। इस वर्ष, महाकुंभ 2025 में एक अनोखी घटना ने सभी का ध्यान आकर्षित किया है, जिसे लोग ‘फ्लाईओवर बाबा’ का आशीर्वाद कह रहे हैं।
‘फ्लाईओवर बाबा’ की उत्पत्ति
महाकुंभ के दौरान, लाखों श्रद्धालु संगम में स्नान करने और पुण्य अर्जित करने के लिए प्रयागराज आते हैं। भीड़भाड़ और लंबी कतारों के बीच, एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जिसमें देखा गया कि श्रद्धालु एक फ्लाईओवर के नीचे से गुजरते समय उछल-उछलकर उसकी छत को छूने का प्रयास कर रहे हैं। यह घटना तेजी से फैल गई और लोग इसे ‘फ्लाईओवर बाबा’ का आशीर्वाद मानने लगे।
घटना का विवरण
वीडियो में स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है कि फ्लाईओवर के नीचे से गुजरते हुए श्रद्धालु उछलकर उसकी छत को छूने की कोशिश कर रहे हैं। शुरुआत में, यह एक व्यक्ति द्वारा किया गया, लेकिन धीरे-धीरे यह एक प्रचलन बन गया और सैकड़ों लोग इसे दोहराने लगे। लोगों का मानना है कि फ्लाईओवर की छत को छूने से उन्हें विशेष आशीर्वाद और शुभता प्राप्त होगी।
आस्था और अंधविश्वास के बीच की रेखा
यह घटना आस्था और अंधविश्वास के बीच की महीन रेखा को दर्शाती है। कई लोग इसे श्रद्धा का प्रतीक मानते हैं, जबकि अन्य इसे अंधविश्वास और तर्कहीनता का उदाहरण मानते हैं। सोशल मीडिया पर इस घटना को लेकर मिश्रित प्रतिक्रियाएँ देखने को मिली हैं। कुछ लोग इसे महाकुंभ की विशेषता मानते हैं, जबकि अन्य इसे अंधविश्वास का प्रतीक बताते हैं।
सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाएँ
इस घटना का वीडियो इंस्टाग्राम पर @rohitupadhyaay नामक यूजर ने साझा किया, जिसमें उन्होंने कैप्शन में ‘Flyover Baba!’ लिखा। वीडियो पर कई टिप्पणियाँ आईं, जहाँ कुछ लोगों ने इसे आस्था का प्रतीक माना, वहीं अन्य ने इसे अंधविश्वास करार दिया। एक यूजर ने टिप्पणी की, “बिना तर्क के ‘अंधभक्ति’ को ही ‘अंधविश्वास’ कहते हैं। यहाँ यही दिख रहा है।”
महाकुंभ में आस्था का महत्व
महाकुंभ मेला भारतीय संस्कृति में आस्था और विश्वास का सबसे बड़ा पर्व है। यहाँ लोग अपने पापों से मुक्ति पाने और मोक्ष की प्राप्ति के लिए आते हैं। ऐसे में, ‘फ्लाईओवर बाबा’ जैसी घटनाएँ यह दर्शाती हैं कि आस्था किस प्रकार नए रूपों में प्रकट हो सकती है। हालांकि, यह आवश्यक है कि आस्था और अंधविश्वास के बीच संतुलन बनाए रखा जाए।
निष्कर्ष
‘फ्लाईओवर बाबा’ की घटना महाकुंभ 2025 की एक अनोखी और चर्चित घटना बन गई है। यह घटना हमें यह सोचने पर मजबूर करती है कि आस्था और अंधविश्वास के बीच की रेखा कितनी पतली हो सकती है। आवश्यक है कि हम अपनी परंपराओं और विश्वासों का सम्मान करें, लेकिन साथ ही तर्कसंगत सोच और वैज्ञानिक दृष्टिकोण को भी अपनाएँ।
इस घटना के माध्यम से, महाकुंभ ने एक बार फिर यह सिद्ध किया है कि यह केवल धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि समाज के विभिन्न पहलुओं को उजागर करने वाला एक मंच भी है।
इस घटना से संबंधित वीडियो आप यहाँ देख सकते हैं:
