उत्तर प्रदेश बजट 2025-2026: आर्थिक सुधार और विकास की दिशा में एक बड़ा कदम
प्रस्तावना
उत्तर प्रदेश सरकार ने 2025-2026 का बजट पेश कर दिया है, जिसे राज्य के आर्थिक विकास को गति देने और जनकल्याणकारी योजनाओं को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। इस बजट में शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, बुनियादी ढांचे, और औद्योगिक विकास को प्राथमिकता दी गई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार ने यह बजट राज्य के समग्र विकास और आत्मनिर्भर भारत अभियान के उद्देश्यों को ध्यान में रखते हुए तैयार किया है।
बजट का कुल आकार और प्राथमिकताएँ
वित्त मंत्री सुरेश खन्ना द्वारा प्रस्तुत बजट का कुल आकार ₹7.50 लाख करोड़ रखा गया है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 12% अधिक है। यह बजट विशेष रूप से ग्रामीण विकास, शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाओं, महिला सशक्तिकरण और बुनियादी ढांचे पर केंद्रित है। सरकार ने दावा किया है कि यह बजट प्रदेश के हर नागरिक के जीवन को प्रभावित करेगा और राज्य को $1 ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था बनाने की दिशा में एक मजबूत आधारशिला रखेगा।
शिक्षा क्षेत्र में आवंटन
शिक्षा के क्षेत्र में सुधार लाने के लिए इस बार बजट में ₹1.25 लाख करोड़ का प्रावधान किया गया है। इसमें स्कूलों में डिजिटल शिक्षा को बढ़ावा देने, नए विश्वविद्यालयों की स्थापना और मौजूदा शैक्षणिक संस्थानों को अपग्रेड करने की योजनाएँ शामिल हैं। सरकार ने राज्य के सभी जिलों में स्मार्ट क्लासरूम बनाने और छात्रों को मुफ्त टेबलेट/लैपटॉप उपलब्ध कराने की घोषणा की है।
स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार
स्वास्थ्य क्षेत्र को भी इस बजट में विशेष प्राथमिकता दी गई है। सरकार ने ₹85,000 करोड़ का आवंटन किया है, जिसमें नए अस्पतालों के निर्माण, मौजूदा स्वास्थ्य सुविधाओं के उन्नयन और टेलीमेडिसिन सेवाओं को बढ़ाने पर जोर दिया गया है। बजट में स्वास्थ्य सुविधाओं को गांवों तक पहुँचाने के लिए 200 से अधिक नए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र खोलने की घोषणा की गई है।
कृषि और किसानों के लिए प्रावधान
किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए सरकार ने इस बजट में ₹1.10 लाख करोड़ की राशि निर्धारित की है। सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) को बढ़ाने, जैविक खेती को प्रोत्साहित करने और सिंचाई योजनाओं को विकसित करने के लिए नई नीतियाँ पेश की हैं। साथ ही, बजट में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत किसानों को अधिक वित्तीय सहायता देने की भी घोषणा की गई है।
बुनियादी ढांचे का विकास
बुनियादी ढांचे के विकास के लिए इस बार ₹2.30 लाख करोड़ का भारी निवेश किया गया है। इसमें सड़कों, मेट्रो परियोजनाओं, रेलवे नेटवर्क, और ग्रामीण क्षेत्रों में नए हाईवे और एक्सप्रेसवे के निर्माण पर ध्यान दिया गया है। इसके अलावा, उत्तर प्रदेश सरकार ने गंगा एक्सप्रेसवे और पूर्वांचल एक्सप्रेसवे को तेजी से पूरा करने की योजना बनाई है।
महिला सशक्तिकरण योजनाएँ
महिला सशक्तिकरण के तहत इस बजट में ₹50,000 करोड़ आवंटित किए गए हैं। सरकार ने महिला सुरक्षा, रोजगार, और शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएँ घोषित की हैं। ‘मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना’ और ‘सुकन्या समृद्धि योजना’ के लिए अधिक बजट आवंटित किया गया है।
उद्योग और रोजगार
उद्योग और स्टार्टअप्स को बढ़ावा देने के लिए ₹60,000 करोड़ का प्रावधान किया गया है। सरकार ने ‘मेक इन यूपी’ अभियान के तहत राज्य में नई औद्योगिक नीतियाँ लागू करने की योजना बनाई है, जिससे निवेशकों को अधिक आकर्षित किया जा सके। इसके अलावा, MSME (सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम) क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए भी विशेष प्रोत्साहन दिए गए हैं।
पर्यावरण संरक्षण और ऊर्जा
पर्यावरण संरक्षण और अक्षय ऊर्जा स्रोतों के विकास के लिए ₹40,000 करोड़ की राशि आवंटित की गई है। सरकार ने सौर ऊर्जा और पवन ऊर्जा परियोजनाओं को प्रोत्साहित करने के लिए नई योजनाएँ शुरू की हैं। इसके साथ ही, प्रदूषण को नियंत्रित करने और हरित क्षेत्र बढ़ाने के लिए व्यापक कदम उठाए गए हैं।
डिजिटल यूपी और स्मार्ट सिटी मिशन
डिजिटल यूपी पहल के तहत, सरकार ने ₹30,000 करोड़ की राशि आवंटित की है, जिसमें राज्य में इंटरनेट कनेक्टिविटी को मजबूत करने, सरकारी सेवाओं को डिजिटल बनाने और साइबर सुरक्षा उपायों को बढ़ावा देने पर जोर दिया गया है।
बजट का प्रभाव और भविष्य की संभावनाएँ
इस बजट से उत्तर प्रदेश के विकास की गति तेज होने की उम्मीद है। सरकार का लक्ष्य अगले पांच वर्षों में राज्य की अर्थव्यवस्था को एक नई ऊँचाई पर ले जाना है। यह बजट किसानों, महिलाओं, छात्रों और उद्यमियों के लिए फायदेमंद साबित होगा।
निष्कर्ष
उत्तर प्रदेश बजट 2025-2026 को एक संतुलित और विकासोन्मुख बजट माना जा रहा है। इसमें सभी वर्गों को ध्यान में रखकर योजनाएँ बनाई गई हैं, जिससे प्रदेश के आर्थिक विकास को गति मिलेगी और नागरिकों की जीवनशैली में सुधार होगा। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि सरकार अपनी इन योजनाओं को किस तरह से जमीनी स्तर पर लागू करती है और जनता को वास्तविक लाभ पहुँचाती है।
