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बिहार विधानसभा में बजट 2025-26: विकास, प्रगति और चुनौतियाँ

भूमिका

बिहार सरकार ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए अपना वार्षिक बजट विधानसभा में प्रस्तुत किया। इस बजट में शिक्षा, स्वास्थ्य, बुनियादी ढांचे, कृषि और उद्योगों के लिए महत्वपूर्ण आवंटन किए गए हैं। वित्त मंत्री ने राज्य के आर्थिक विकास को गति देने, रोजगार सृजन को बढ़ावा देने और सामाजिक कल्याण योजनाओं को सुदृढ़ करने पर विशेष जोर दिया है।

बजट का कुल आकार और प्रमुख आँकड़े

वित्त मंत्री द्वारा पेश किए गए बजट का कुल आकार 1.45 लाख करोड़ रुपये है, जिसमें विभिन्न क्षेत्रों के लिए आवंटन इस प्रकार किया गया है:

  • शिक्षा क्षेत्र: 25,000 करोड़ रुपये
  • स्वास्थ्य क्षेत्र: 15,000 करोड़ रुपये
  • कृषि एवं ग्रामीण विकास: 18,000 करोड़ रुपये
  • बुनियादी ढांचा एवं सड़क विकास: 20,000 करोड़ रुपये
  • उद्योग एवं रोजगार: 10,000 करोड़ रुपये
  • महिला एवं बाल विकास: 8,000 करोड़ रुपये

बजट में यह भी बताया गया कि सरकार को कुल राजस्व 1.30 लाख करोड़ रुपये मिलने की उम्मीद है, जबकि 15,000 करोड़ रुपये का घाटा अनुमानित है। इस घाटे को कर्ज और केंद्रीय अनुदानों से पूरा किया जाएगा।

शिक्षा क्षेत्र को बढ़ावा

बिहार सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव लाने के उद्देश्य से कई नई योजनाएँ घोषित की हैं। विद्यालयों में आधारभूत संरचना सुधारने के लिए 10,000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।

  • सरकारी स्कूलों में स्मार्ट क्लासरूम बनाए जाएँगे।
  • बिहार छात्रवृत्ति योजना के तहत 12वीं पास छात्रों को 50,000 रुपये की सहायता।
  • शिक्षकों की भर्ती के लिए 30,000 नई भर्तियाँ।
  • ग्रामीण क्षेत्रों में 1000 नए स्कूल खोलने की योजना।

स्वास्थ्य क्षेत्र में सुधार

स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करने के लिए 15,000 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।

  • प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (PHC) की संख्या बढ़ाई जाएगी।
  • सरकारी अस्पतालों में 5000 डॉक्टर और नर्सों की भर्ती।
  • जननी सुरक्षा योजना के तहत माताओं के लिए मुफ्त स्वास्थ्य सेवाएँ।
  • टेलीमेडिसिन सेवाएँ लागू की जाएँगी, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में भी विशेषज्ञ डॉक्टरों की सुविधा मिलेगी।

कृषि और ग्रामीण विकास

कृषि और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए 18,000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।

  • किसानों को 0% ब्याज पर कर्ज।
  • कृषि यंत्रों की सब्सिडी में 50% की वृद्धि।
  • सौर ऊर्जा से चलने वाले पंपों को बढ़ावा दिया जाएगा।
  • ग्राम सड़क योजनाओं को विस्तार, जिससे हर गाँव तक सड़क संपर्क स्थापित हो।

बुनियादी ढांचा और परिवहन

बिहार में बुनियादी ढांचे के विकास के लिए 20,000 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है।

  • पटना और अन्य प्रमुख शहरों में मेट्रो परियोजना को तेजी से पूरा किया जाएगा।
  • राज्य में 2000 किलोमीटर नई सड़कों का निर्माण किया जाएगा।
  • रेलवे और हवाई अड्डा सुविधाओं का विस्तार किया जाएगा।
  • नए औद्योगिक पार्क और आईटी हब विकसित किए जाएँगे।

उद्योग और रोजगार के अवसर

बिहार सरकार ने उद्योगों और स्टार्टअप्स को बढ़ावा देने के लिए 10,000 करोड़ रुपये की घोषणा की है।

  • युवा उद्यमियों के लिए स्टार्टअप फंड।
  • पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए नए पैकेज।
  • राज्य में 10 नए औद्योगिक क्षेत्र बनाए जाएँगे।
  • महिला उद्यमियों के लिए विशेष योजनाएँ।

महिला एवं बाल विकास

महिलाओं और बच्चों के कल्याण के लिए 8,000 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।

  • ‘मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना’ को बढ़ावा।
  • आँगनवाड़ी सेवाओं में सुधार।
  • महिला सुरक्षा के लिए 1000 नए हेल्पलाइन सेंटर।

बजट पर विपक्ष की प्रतिक्रिया

विपक्षी दलों ने इस बजट को “लोकलुभावन” बताते हुए इसकी आलोचना की है। राजद और कांग्रेस ने कहा कि सरकार ने कई वादे किए हैं, लेकिन पिछले बजट में घोषित योजनाओं का सही क्रियान्वयन नहीं हुआ। विपक्ष का कहना है कि सरकार को पहले बुनियादी समस्याओं जैसे बेरोजगारी और पलायन पर ध्यान देना चाहिए।

निष्कर्ष

बिहार सरकार का यह बजट राज्य के विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इसमें शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, उद्योग और महिला कल्याण जैसे क्षेत्रों पर विशेष ध्यान दिया गया है। यदि यह बजट सही ढंग से लागू होता है, तो बिहार की अर्थव्यवस्था को नई गति मिलेगी और राज्य को आत्मनिर्भर बनने में मदद मिलेगी। अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि सरकार अपनी योजनाओं को जमीनी स्तर पर कैसे लागू करती है।

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