दिल्ली बजट 2025: डिजिटल बदलाव की ओर 900 करोड़ का मजबूत कदम
“दिल्ली सरकार ने वित्त वर्ष 2025-26 के बजट में डिजिटल इंडिया पहल को मजबूती देने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। बजट में 900 करोड़ रुपये डिजिटल अवसंरचना और ई-गवर्नेंस के विकास के लिए आवंटित किए गए हैं। यह कदम दर्शाता है कि राजधानी को “स्मार्ट दिल्ली” में बदलने की दिशा में सरकार गंभीर है।”
डिजिटल बजट: क्या है योजना?
दिल्ली सरकार का फोकस इस बजट में विशेष रूप से नागरिकों को बेहतर, तेज़ और पारदर्शी सेवाएं उपलब्ध कराने पर रहा। इसके लिए डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म और तकनीकी संसाधनों को मजबूत करने पर विशेष ज़ोर दिया गया है।
मुख्य योजनाएं इस प्रकार हैं:
- डिजिटल सेवा केंद्रों का विस्तार
- स्मार्ट सिटी मिशन के तहत डेटा सेंटर और सर्वर अपग्रेड
- सरकारी विभागों की कार्यप्रणाली में ऑटोमेशन
- शिक्षा, स्वास्थ्य और परिवहन में डिजिटल समाधान
- ई-गवर्नेंस पोर्टल को मोबाइल फ्रेंडली बनाना
🔹 ई-गवर्नेंस को मिलेगा बढ़ावा
ई-गवर्नेंस वह माध्यम है जिससे नागरिक सीधे सरकार से जुड़ते हैं। दिल्ली सरकार अब ज्यादातर सेवाओं को ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर लाने का प्लान बना चुकी है।
जिन सेवाओं को डिजिटल किया जाएगा:
- जन्म-मृत्यु प्रमाणपत्र
- संपत्ति कर भुगतान
- बिजली-पानी कनेक्शन
- ऑनलाइन शिकायत समाधान प्रणाली
- राशन कार्ड, लाइसेंस जैसी सेवाएं
इससे न सिर्फ पारदर्शिता बढ़ेगी, बल्कि सरकारी कामकाज में भ्रष्टाचार में भी कमी आएगी।
🔹 डिजिटल शिक्षा में क्रांति
बजट में शिक्षा क्षेत्र को भी डिजिटल रूप देने का स्पष्ट लक्ष्य है। स्मार्ट क्लासरूम, ई-लर्निंग कंटेंट और छात्रों के लिए टैबलेट की योजना को इस 900 करोड़ रुपये के हिस्से से फंड किया जाएगा।
उल्लेखनीय बिंदु:
- 500 सरकारी स्कूलों में स्मार्ट क्लासरूम
- ऑनलाइन टेस्टिंग और मूल्यांकन प्रणाली
- टीचर्स के लिए डिजिटल ट्रेनिंग प्रोग्राम
- स्कूलों में हाई-स्पीड इंटरनेट कनेक्टिविटी
🔹 स्वास्थ्य सेवाएं होंगी हाई-टेक
डिजिटल हेल्थ कार्ड, ई-हॉस्पिटल सिस्टम, ऑनलाइन अपॉइंटमेंट और टेलीमेडिसिन जैसी सुविधाओं पर भी खर्च किया जाएगा।
मुख्य फोकस:
- सभी मोहल्ला क्लीनिकों में ई-हेल्थ रिकॉर्ड सिस्टम
- सरकारी अस्पतालों में OPD का डिजिटल रजिस्ट्रेशन
- टेलीमेडिसिन की पहुंच ग्रामीण व पिछड़े इलाकों तक
- मरीज़ों की रिपोर्ट व प्रिस्क्रिप्शन डिजिटल रूप में उपलब्ध
🔹 यातायात और नागरिक सेवाओं में तकनीकी सुधार
परिवहन विभाग की भी तकनीकी अपग्रेडेशन पर काम होगा, जिसमें:
- डीटीसी बसों में लाइव ट्रैकिंग
- ई-टिकटिंग सिस्टम का विस्तार
- ड्राइविंग टेस्ट की प्रक्रिया को पूरी तरह ऑनलाइन करना
- पार्किंग मैनेजमेंट सिस्टम को स्मार्ट बनाना
🔹 साइबर सुरक्षा और डेटा संरक्षण
डिजिटल सेवाओं की सुरक्षा के लिए दिल्ली सरकार एक सशक्त साइबर सुरक्षा ढांचा भी विकसित कर रही है। बजट में डेटा सेंटर और सिक्योरिटी इंफ्रास्ट्रक्चर को अपग्रेड करने का प्रावधान भी शामिल है।
🔹 बजट आवंटन का ब्रेकअप (अनुमानित)
क्षेत्र | अनुमानित आवंटन (₹ करोड़ में) |
---|---|
ई-गवर्नेंस | 300 |
शिक्षा में डिजिटल क्रांति | 200 |
स्वास्थ्य क्षेत्र | 150 |
परिवहन और ट्रैफिक | 100 |
साइबर सुरक्षा | 50 |
अन्य/रखरखाव | 100 |
🔹 यह बजट क्यों खास है?
- यह बजट “डिजिटल समावेशन” की सोच पर आधारित है, जो हर नागरिक को तकनीकी रूप से सक्षम बनाना चाहता है।
- इससे “मिनिमम गवर्नमेंट, मैक्सिमम गवर्नेंस” के सिद्धांत को लागू करने में सहायता मिलेगी।
- दिल्ली की छवि एक “डिजिटल राजधानी” के रूप में मजबूत होगी।
निष्कर्ष
900 करोड़ रुपये का डिजिटल आवंटन केवल एक राशि नहीं, बल्कि दिल्ली को भविष्य की राजधानी बनाने की दिशा में एक ठोस प्रयास है। इससे न केवल सेवाएं बेहतर होंगी, बल्कि नागरिकों का सरकार में विश्वास भी बढ़ेगा। यह बजट तकनीक, पारदर्शिता और नागरिक हित को केंद्र में रखकर बनाया गया है।