लोकसभा में फाइनेंस बिल 2025 पारित: मध्यम वर्ग और व्यापारियों को राहत, डिजिटल टैक्स खत्म
“भारत की संसद के निचले सदन लोकसभा ने 26 मार्च 2025 को फाइनेंस बिल 2025 को 35 संशोधनों के साथ ध्वनिमत से पारित कर दिया। इस विधेयक के पारित होने के साथ ही केंद्र सरकार ने 2025-26 के केंद्रीय बजट की स्वीकृति प्रक्रिया में एक बड़ा कदम पूरा कर लिया है। यह बजट विशेष रूप से मध्यम वर्ग, व्यापारियों और आयातकों को राहत देने के लिए जाना जा रहा है।”
🔹 क्या है फाइनेंस बिल 2025?
फाइनेंस बिल वह कानूनी दस्तावेज होता है जो केंद्रीय बजट में किए गए कर प्रस्तावों और आर्थिक सुधारों को लागू करता है। इसमें प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष करों से जुड़े सभी संशोधन शामिल होते हैं।
2025 के फाइनेंस बिल में मुख्यतः यह बातें शामिल हैं:
- ऑनलाइन विज्ञापनों पर 6% डिजिटल टैक्स समाप्त
- सीमा शुल्क (Custom Duty) को तर्कसंगत बनाना
- आयकर संग्रह में 13.14% वृद्धि का यथार्थवादी अनुमान
- व्यवसाय और उत्पादन क्षेत्र को बढ़ावा
- मध्यम वर्ग को प्रत्यक्ष कर में राहत
🔹 35 सरकारी संशोधन, विपक्ष के संशोधन खारिज
लोकसभा में प्रस्तुत 35 सरकारी संशोधनों को स्वीकार करते हुए विधेयक को पारित किया गया। विपक्षी दलों द्वारा प्रस्तुत संशोधनों को वोटिंग में बहुमत से खारिज कर दिया गया। इस विधेयक पर अब राज्यसभा में चर्चा होगी, जिसके बाद इसे राष्ट्रपति की स्वीकृति मिलते ही कानून बना दिया जाएगा।
🔹 डिजिटल टैक्स खत्म: टेक कंपनियों को बड़ी राहत
फाइनेंस बिल 2025 में सबसे बड़ा बदलाव डिजिटल टैक्स को लेकर है। अब:
- ऑनलाइन विज्ञापनों पर 6% समानिकरण शुल्क समाप्त
- इससे गूगल, फेसबुक, अमेज़न जैसी कंपनियों को राहत
- भारतीय विज्ञापन उद्योग को लागत में कमी
- स्टार्टअप और ई-कॉमर्स सेक्टर को बढ़ावा
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इसे “वैश्विक प्रतिस्पर्धा को संतुलित करने का कदम” बताया।
🔹 बजट 2025-26 की अनुमानित संरचना
बजटीय तत्व | अनुमानित राशि (₹ लाख करोड़ में) |
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कुल व्यय | 50.65 लाख करोड़ |
पूंजीगत व्यय | 11.1 लाख करोड़ |
राजकोषीय घाटा | 5.1% (अनुमानित GDP का) |
टैक्स राजस्व संग्रह | 26.02 लाख करोड़ |
आयकर संग्रह वृद्धि | 13.14% |
🔹 वित्त मंत्री का वक्तव्य
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने चर्चा के दौरान कहा:
“यह बजट करदाताओं के सम्मान का प्रतीक है। हम न केवल टैक्स कम कर रहे हैं बल्कि ईमानदार करदाताओं को प्रेरित भी कर रहे हैं।”
उन्होंने कहा कि यह बजट:
- घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देगा
- निर्यात प्रतिस्पर्धा को मजबूत करेगा
- आयातकों को कस्टम ड्यूटी में राहत
- मध्यम वर्ग को प्रत्यक्ष कर राहत
🔹 मध्यम वर्ग के लिए क्या है बजट में?
- आयकर स्लैब को स्थिर रखते हुए छोटे करदाताओं पर बोझ नहीं बढ़ाया
- 80C, 80D और HRA जैसे लाभ बरकरार
- हाउसिंग लोन पर ब्याज छूट में लचीलापन
- डिजिटल फॉर्म भरने की प्रक्रिया और आसान
🔹 व्यापार और उद्योग जगत के लिए बजट की खास बातें
- MSME को टैक्स रियायतें
- स्टार्टअप्स के लिए Angel Tax को आसान करना
- Import duty में कमी
- Manufacturing Hubs के लिए विशेष आर्थिक क्षेत्र (SEZ) नीति का सरलीकरण
🔹 विपक्ष की आपत्तियाँ और सरकार का जवाब
कुछ विपक्षी सांसदों ने आरोप लगाया कि:
- यह बजट केवल पूंजीपतियों के हित में है
- राज्यों के हिस्से में राजस्व वितरण पर अस्पष्टता है
- कृषि क्षेत्र को उपेक्षित किया गया
वित्त मंत्री ने जवाब में कहा:
- “राज्यों को राजस्व वितरण में संविधान और वित्त आयोग के दिशा-निर्देशों का पूरा पालन किया गया है।”
- “कृषि सुधार योजनाएं और MSP में वृद्धि इस बजट में शामिल हैं।”
🔹 आगे क्या?
लोकसभा से पास होने के बाद, अब यह विधेयक राज्यसभा में विचाराधीन है। एक बार राज्यसभा से मंजूरी मिलने और राष्ट्रपति की स्वीकृति मिलने के बाद, बजट 2025-26 की प्रक्रिया पूर्ण मानी जाएगी।
फाइनेंस बिल 2025 लोकसभा से पारित हो चुका है और यह भारत की आर्थिक दिशा तय करने वाला एक महत्वपूर्ण कदम है। इसमें टैक्स रिलीफ, डिजिटल टैक्स की समाप्ति, और घरेलू उत्पादन को समर्थन जैसे सुधार शामिल हैं। इससे आम जनता, उद्योग जगत और विदेशी निवेशकों – तीनों को लाभ मिलने की संभावना है।