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भूपेश बघेल के ठिकानों पर CBI की बड़ी कार्रवाई: रायपुर-भिलाई समेत कई जगह छापेमारी

“छत्तीसगढ़ की राजनीति उस समय गर्मा गई जब सीबीआई (CBI) ने प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के आवास और उनसे जुड़े अन्य ठिकानों पर छापेमारी की कार्रवाई शुरू की। रायपुर, भिलाई और दुर्ग समेत कई इलाकों में मंगलवार सुबह से ही CBI की टीमें सक्रिय रहीं।”

यह कार्रवाई राजनीतिक गलियारों में हलचल पैदा करने वाली है और आगामी लोकसभा चुनाव से पहले इसे एक बड़ी राजनीतिक घटना के रूप में देखा जा रहा है।


🔹 किन-किन जगहों पर हुई छापेमारी?

सूत्रों के अनुसार, छापेमारी राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के निर्देश पर एक साथ छत्तीसगढ़ के 10 से अधिक ठिकानों पर की गई। प्रमुख स्थानों में शामिल हैं:

  • रायपुर स्थित भूपेश बघेल का निजी आवास
  • भिलाई में उनका पैतृक निवास
  • उनके करीबी साथियों के दफ्तर और घर
  • कुछ व्यवसायिक परिसरों पर भी छापे

CBI अधिकारियों ने स्थानीय पुलिस की मौजूदगी में घरों की डिजिटल जांच, दस्तावेज स्कैनिंग और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की बरामदगी की कार्रवाई की।


🔹 किस मामले में हुई रेड?

यह कार्रवाई कथित रूप से “कोयला घोटाला” और “मनी लॉन्ड्रिंग” से जुड़े मामलों में की गई है। हालांकि CBI ने अभी तक कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है, लेकिन सूत्रों के अनुसार:

  • पूर्ववर्ती सरकार के कार्यकाल में कोयला आवंटन में अनियमितताओं की जांच चल रही थी
  • कुछ राजस्व अधिकारियों और व्यापारियों के बयान के आधार पर यह कार्रवाई हुई
  • ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) द्वारा पहले से जांच किए जा रहे मामलों से भी इसका संबंध जोड़ा जा रहा है

🔹 भूपेश बघेल की प्रतिक्रिया

पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस कार्रवाई को राजनीतिक बदले की भावना से प्रेरित बताया। उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा:

“CBI और ED जैसी संस्थाओं का इस्तेमाल भाजपा सरकार सिर्फ विपक्षी नेताओं को डराने और बदनाम करने के लिए कर रही है।”

उन्होंने यह भी कहा कि:

  • वह जांच में पूरा सहयोग करेंगे
  • कार्रवाई से सच्चाई को दबाया नहीं जा सकता
  • यह रेड लोकसभा चुनाव से पहले जनता का ध्यान भटकाने की साजिश है

🔹 कांग्रेस का पलटवार

कांग्रेस पार्टी ने इस छापेमारी को “राजनीतिक शोषण” बताया है। पार्टी प्रवक्ताओं ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा:

  • केंद्र सरकार विपक्ष के मजबूत नेताओं को निशाना बना रही है
  • यह लोकतंत्र और संविधान के खिलाफ है
  • छत्तीसगढ़ की जनता भूपेश बघेल के साथ है

वहीं भाजपा का कहना है कि:

  • कानून अपना काम कर रहा है
  • अगर कोई दोषी नहीं है तो डरने की ज़रूरत नहीं
  • कार्रवाई जांच एजेंसियों की स्वतंत्र प्रक्रिया है

🔹 CBI की अब तक की कार्रवाई का ब्यौरा

तत्वविवरण
छापेमारी की तारीख26 मार्च 2025
मुख्य ठिकानेरायपुर, भिलाई, दुर्ग
एजेंसीCBI (केंद्रीय जांच ब्यूरो)
संभावित मामलाकोयला आवंटन, मनी लॉन्ड्रिंग
बरामद दस्तावेज और डेटाकई महत्वपूर्ण फाइलें, डिजिटल उपकरण
गिरफ्तारियांअभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई

🔹 इससे पहले की जांचें

भूपेश बघेल के कार्यकाल के दौरान कई बार:

  • ईडी (ED) द्वारा पूछताछ
  • उनके कई सहयोगियों के परिसरों पर रेड
  • नान घोटाला, राशन वितरण, और खनन नीतियों को लेकर विवाद

हालांकि, अब तक भूपेश बघेल के खिलाफ कोई निर्णायक सबूत सार्वजनिक नहीं हुए हैं।


🔹 लोकसभा चुनाव की पृष्ठभूमि में यह कार्रवाई

विशेषज्ञों का मानना है कि इस छापेमारी का समय राजनीतिक दृष्टि से बेहद अहम है। क्योंकि:

  • लोकसभा चुनाव नज़दीक हैं
  • भाजपा और कांग्रेस दोनों राज्य में सक्रिय हैं
  • भूपेश बघेल कांग्रेस के प्रमुख चेहरे माने जाते हैं

ऐसे में यह कार्रवाई चुनावी गणित को भी प्रभावित कर सकती है।


🔹 जनता की राय

छत्तीसगढ़ की जनता में इस कार्रवाई को लेकर मिश्रित प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है:

  • कुछ लोगों का मानना है कि भ्रष्टाचार की जांच होनी ही चाहिए
  • जबकि कुछ का कहना है कि यह राजनीतिक बदले की कार्रवाई है
  • सोशल मीडिया पर भी मामला ट्रेंडिंग टॉपिक बन गया है

निष्कर्ष

CBI की छापेमारी ने छत्तीसगढ़ की राजनीति में नई हलचल पैदा कर दी है। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर जांच एजेंसियों की नजर पहले से थी, लेकिन इस बार की कार्रवाई को सीधी टक्कर के रूप में देखा जा रहा है।

अब यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले दिनों में जांच किस दिशा में जाती है, और क्या इससे चुनावी समीकरणों में कोई बड़ा बदलाव आता है।

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