यूआईडीएआई और IIIT हैदराबाद ने शुरू की बायोमेट्रिक चैलेंज प्रतियोगिता, विजेताओं को मिलेंगे 7.7 लाख रुपये और राष्ट्रीय पहचान
“भारत में डिजिटल पहचान के क्षेत्र में एक बड़ा कदम उठाते हुए, भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) ने IIIT हैदराबाद के सहयोग से एक खास बायोमेट्रिक एल्गोरिदम चैलेंज प्रतियोगिता शुरू की है। यह प्रतियोगिता देश और दुनिया के बायोमेट्रिक रिसर्चर्स और डेवलपर्स को अपने एल्गोरिदम को परखने और बेहतर बनाने का मंच प्रदान करती है।”
प्रतियोगिता का मुख्य उद्देश्य है – आधार जैसी प्रणालियों में बायोमेट्रिक पहचान की सटीकता और विश्वसनीयता को और मजबूत बनाना।
🔍 प्रतियोगिता का फोकस: बच्चों की फिंगरप्रिंट पहचान
इस प्रतियोगिता का पहला चरण 5-10 साल के बच्चों के फिंगरप्रिंट पहचान एल्गोरिदम पर केंद्रित है। प्रतिभागियों को 1:1 मिलान एल्गोरिदम (matching algorithm) विकसित करने के लिए चुनौती दी गई है, जिसे बाद में अपडेट किए गए बायोमेट्रिक्स के साथ मिलाया जाएगा।
यह चरण न केवल तकनीकी चुनौती है, बल्कि यह बच्चों की पहचान को समय के साथ बनाए रखने की एक वैज्ञानिक कोशिश भी है।
🛡️ कैसे होगा मूल्यांकन?
UIDAI ने स्पष्ट किया है कि सभी प्रस्तुत एल्गोरिदम का मूल्यांकन एक सुरक्षित सैंडबॉक्स सिस्टम के माध्यम से किया जाएगा।
- डेटा सार्वजनिक नहीं किया जाएगा
- डेटासेट प्रतिभागियों के साथ साझा नहीं होंगे
- मूल्यांकन पूरी तरह सुरक्षित और पारदर्शी रहेगा
यह मॉडल रियल-लाइफ आधार डेटा के उपयोग से किया जाएगा जिससे एल्गोरिदम की उपयोगिता और दक्षता वास्तविकता के करीब होगी।
🎁 पुरस्कार और अवसर
प्रतियोगिता में टॉप प्रदर्शन करने वाले प्रतिभागियों को:
- ₹7.7 लाख रुपये (लगभग $9000) का नकद पुरस्कार
- UIDAI के साथ भविष्य में काम करने का अवसर
- राष्ट्रीय पहचान और तकनीकी जगत में मान्यता
📅 प्रतियोगिता की तारीखें
- शुरुआत: 25 मार्च 2025
- अंतिम तिथि: 25 मई 2025
- पंजीकरण: UIDAI की आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध है
🧠 भविष्य में क्या?
इस बायोमेट्रिक चैलेंज के बाद, UIDAI आगे आईरिस और फेस ऑथेंटिकेशन SDK के लिए भी इसी तरह की प्रतियोगिताएं आयोजित करेगा।
इस पहल का मकसद है — सभी प्रकार की बायोमेट्रिक पहचान तकनीकों का सुधार और परीक्षण, ताकि भारत का आधार सिस्टम और भी मजबूत और सुरक्षित बने।
📊 आधार और ऑथेंटिकेशन
भारत में आधार आधारित ऑथेंटिकेशन एक रोजाना का हिस्सा बन चुका है। हर दिन करीब 9 करोड़ ऑथेंटिकेशन ट्रांजैक्शन होते हैं, जो विभिन्न सरकारी सेवाओं और योजनाओं से जुड़े होते हैं।
UIDAI का कहना है:
“इस तरह की प्रतियोगिताएं हमारे सिस्टम को और बेहतर बनाने में सहायक होंगी और बायोमेट्रिक टेक्नोलॉजी को नई ऊंचाइयों तक ले जाएंगी।”
🤝 किसके लिए है यह प्रतियोगिता?
- रिसर्च स्कॉलर्स
- मशीन लर्निंग डेवलपर्स
- बायोमेट्रिक टेक्नोलॉजी स्टार्टअप्स
- यूनिवर्सिटी लैब्स और संस्थान
- इंडस्ट्री के अनुभवी विशेषज्ञ
यह मंच न केवल तकनीकी सुधार के लिए बल्कि नवाचार को मान्यता देने के लिए भी बेहतरीन अवसर है।
🧭 UIDAI का उद्देश्य
- बायोमेट्रिक सिस्टम की दीर्घकालिक सटीकता सुनिश्चित करना
- भारतीय पहचान प्रणाली को वैश्विक स्तर पर मजबूत बनाना
- शोधकर्ताओं और टेक्नोलॉजिस्ट्स को एक खुला मंच प्रदान करना
- डिजिटल समावेशन को और प्रभावी बनाना
निष्कर्ष
UIDAI और IIIT-हैदराबाद की यह प्रतियोगिता भारत के तकनीकी क्षेत्र के लिए एक बड़ा और दूरगामी कदम है। यह न केवल नवाचार को प्रोत्साहन देती है, बल्कि भारत को बायोमेट्रिक तकनीक के वैश्विक नेता के रूप में स्थापित करने की दिशा में महत्वपूर्ण साबित हो सकती है।
अगर आप एक तकनीकी नवाचारकर्ता हैं, तो यह अवसर आपके लिए है – आधार के भविष्य को बेहतर बनाने में भाग लें और पाएं राष्ट्रीय और वैश्विक पहचान!