जम्मू-कश्मीर में फिर मुठभेड़, तीन आतंकवादी घिरे, तीन दिन में दूसरी बड़ी कार्रवाई
“जम्मू-कश्मीर एक बार फिर आतंकी गतिविधियों के कारण सुर्खियों में है। 31 मार्च 2025 को सुबह-सुबह सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ की खबर सामने आई है। यह मुठभेड़ दक्षिण कश्मीर के कुलगाम जिले में चल रही है और जानकारी के मुताबिक तीन आतंकवादी सुरक्षाबलों के घेरे में फंसे हुए हैं।“
यह मुठभेड़ ऐसे समय में हो रही है जब कुछ ही दिन पहले शोपियां जिले में एक और बड़ी मुठभेड़ में दो आतंकवादियों को ढेर किया गया था। इससे इलाके में तनाव और सुरक्षा को लेकर चिंताएं एक बार फिर बढ़ गई हैं।
कहां हो रही है मुठभेड़?
ताजा मुठभेड़ कुलगाम जिले के फ्रिसल इलाके में हो रही है। स्थानीय पुलिस और सेना की संयुक्त टीम को खुफिया जानकारी मिली थी कि कुछ आतंकी इस क्षेत्र में छिपे हुए हैं। इसके बाद इलाके की घेराबंदी की गई और तलाशी अभियान शुरू किया गया।
जैसे ही सुरक्षाबल आतंकियों के ठिकाने के पास पहुंचे, वहां से गोलाबारी शुरू हो गई और मुठभेड़ में बदल गई।
मुठभेड़ की स्थिति – अब तक क्या जानकारी?
- संख्या: तीन आतंकवादी मुठभेड़ स्थल पर फंसे हुए हैं
- सुरक्षा बल: सेना, CRPF और जम्मू-कश्मीर पुलिस की संयुक्त कार्रवाई
- इलाका: कुलगाम का फ्रिसल गांव, चारों ओर से घेराबंदी
- स्थानीय लोगों की सुरक्षा: सभी को घरों में रहने की सलाह, इंटरनेट सेवाएं अस्थायी रूप से बंद
पिछली मुठभेड़: तीन दिन पहले शोपियां में
इससे पहले 28 मार्च 2025 को शोपियां जिले में सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ हुई थी, जिसमें दो आतंकवादी मारे गए थे। उस ऑपरेशन में भी पुलिस को समय रहते इनपुट मिला था और बड़े हमले की साजिश को नाकाम किया गया।
इस घटना से साफ है कि आतंकी संगठन एक बार फिर कश्मीर घाटी में सक्रिय होने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन सुरक्षा एजेंसियां भी पूरी तरह सतर्क हैं।
आतंकियों की पहचान और संबंध
अब तक कुलगाम मुठभेड़ में फंसे आतंकियों की पहचान नहीं हो पाई है, लेकिन सूत्रों के अनुसार ये स्थानीय आतंकवादी हो सकते हैं जो किसी सक्रिय संगठन जैसे लश्कर-ए-तैयबा या जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े हुए हैं।
इन संगठनों की हाल के महीनों में गतिविधि फिर से बढ़ी है और पाकिस्तान की ओर से आतंकियों को घुसपैठ के लिए समर्थन मिलने की आशंका भी बनी हुई है।
ऑपरेशन की रणनीति
सेना और पुलिस का यह ऑपरेशन पूरी प्लानिंग के साथ चलाया जा रहा है। आधुनिक तकनीक, ड्रोन और थर्मल इमेजिंग से आतंकियों की गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है।
घरों की तलाशी ली जा रही है और स्थानीय लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया है।
रात के समय ऑपरेशन को रोका गया था, लेकिन सुबह होते ही फिर से फायरिंग शुरू हो गई। गोलीबारी अभी रुक-रुक कर जारी है।
आम जनता पर असर
- इंटरनेट सेवा बंद: अफवाहों और गलत सूचना को फैलने से रोकने के लिए मोबाइल इंटरनेट सेवाएं अस्थायी रूप से बंद कर दी गई हैं।
- स्कूल-कॉलेज बंद: सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए क्षेत्र के स्कूल और कॉलेजों को बंद कर दिया गया है।
- सिविलियन कैजुअल्टी नहीं: अभी तक किसी आम नागरिक के हताहत होने की खबर नहीं है, लेकिन लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है।
सरकार और सेना की प्रतिक्रिया
केंद्र सरकार और जम्मू-कश्मीर प्रशासन पूरी स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं। गृह मंत्रालय से जुड़े वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा है कि “कश्मीर में शांति बनाए रखना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है और किसी भी आतंकी तत्व को बख्शा नहीं जाएगा।”
सेना की उत्तरी कमान के प्रवक्ता ने भी पुष्टि की है कि ऑपरेशन तेजी से आगे बढ़ रहा है और जल्द ही अंतिम परिणाम सामने आ सकता है।
आतंकियों के नेटवर्क पर फोकस
पिछले कुछ महीनों में सुरक्षाबलों ने लगातार कई ऑपरेशनों के जरिए आतंकियों के नेटवर्क को तोड़ने का प्रयास किया है। सोशल मीडिया, लोकल नेटवर्क और फंडिंग चैनलों पर भी निगरानी रखी जा रही है।
खुफिया इनपुट के आधार पर कहा जा रहा है कि घाटी में “Hybrid Militants” यानी पढ़े-लिखे और सोशल मीडिया से जुड़े युवा भी आतंकी संगठनों में शामिल हो रहे हैं, जिससे चुनौती और बढ़ गई है।
आगे की रणनीति
- सुरक्षा बल हर मुठभेड़ के बाद इलाके में सघन तलाशी अभियान चलाते हैं ताकि किसी तरह की दोबारा घुसपैठ न हो
- सीमावर्ती इलाकों पर चौकसी बढ़ा दी गई है
- सेना की मौजूदगी और रूटीन पेट्रोलिंग बढ़ा दी गई है
