पश्चिम बंगाल के 24 परगना में गैस सिलेंडर फटा, सात लोगों की मौत, बच्चों सहित कई घायल
“पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले से एक बेहद दर्दनाक घटना सामने आई है। एक रिहायशी इलाके में गैस सिलेंडर के विस्फोट ने सबको झकझोर कर रख दिया है। हादसे में सात लोगों की मौत हो गई है, जिनमें तीन मासूम बच्चे भी शामिल हैं। इसके अलावा, कई लोग गंभीर रूप से झुलस गए हैं जिन्हें स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया है।“
घटना की भयावहता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि विस्फोट के कारण आसपास के कई घर क्षतिग्रस्त हो गए और इलाके में अफरा-तफरी मच गई।
कहां और कब हुआ हादसा ?
यह हादसा 30 मार्च 2025 की सुबह पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले के संतीपुर गांव में हुआ। बताया जा रहा है कि एक घर में खाना बनाते समय अचानक गैस सिलेंडर में विस्फोट हो गया। ब्लास्ट इतना तेज था कि उसकी आवाज़ कई किलोमीटर दूर तक सुनाई दी।
मृतकों और घायलों की जानकारी
स्थानीय प्रशासन की ओर से मिली जानकारी के मुताबिक, मरने वालों में एक ही परिवार के कई सदस्य शामिल हैं।
मृतकों में शामिल:
- तीन बच्चे (उम्र 5 से 10 साल के बीच)
- दो महिलाएं
- दो पुरुष
घायलों की संख्या: 5 से अधिक
गंभीर रूप से घायल: 2 की हालत नाजुक, कोलकाता रेफर किया गया है
कैसे हुआ विस्फोट?
प्राथमिक जांच के अनुसार, गैस सिलेंडर में लीकेज होने की आशंका है। घर के भीतर गैस भर चुकी थी और जैसे ही चूल्हा जलाया गया, पूरी रसोई में आग लग गई और फिर तेज़ धमाका हुआ। इस दौरान घर के सभी सदस्य अंदर मौजूद थे।
फायर ब्रिगेड की टीमें मौके पर पहुंचीं और आग पर काबू पाया, लेकिन तब तक काफी नुकसान हो चुका था।
स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया
घटना के बाद पूरे गांव में मातम पसरा हुआ है। पड़ोसी बताते हैं कि धमाके की आवाज़ इतनी तेज़ थी कि उन्हें लगा जैसे कोई बम फटा हो।
एक स्थानीय निवासी ने कहा, “हम लोग बाहर आए तो देखा कि पूरा घर जल रहा है। बच्चे चीख रहे थे, लेकिन हम उन्हें नहीं बचा सके।”
प्रशासन और राहत कार्य
घटना की सूचना मिलते ही जिला प्रशासन, पुलिस और दमकल विभाग की टीमें मौके पर पहुंचीं। घायलों को पहले नजदीकी सरकारी अस्पताल और बाद में गंभीर हालत वालों को कोलकाता के सरकारी अस्पताल में भेजा गया।
प्रशासन की ओर से उठाए गए कदम:
- मृतकों के परिजनों को 2 लाख रुपये की आर्थिक सहायता
- घायलों का पूरा इलाज राज्य सरकार के खर्च पर
- गैस एजेंसी को नोटिस जारी, सिलेंडर सप्लाई की जांच शुरू
- पूरे इलाके में गैस कनेक्शन की स्थिति की समीक्षा के आदेश
गैस सिलेंडर हादसे क्यों हो रहे हैं?
भारत में हर साल हजारों गैस सिलेंडर विस्फोट की घटनाएं होती हैं, जिनका मुख्य कारण होता है:
- गैस लीक
- पुराने या फटे हुए पाइप
- घटिया गुणवत्ता वाले रेगुलेटर
- अवैध रूप से भरे हुए सिलेंडर
इस घटना ने एक बार फिर सिलेंडर की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
क्या कहती हैं सुरक्षा गाइडलाइंस?
एलपीजी सिलेंडर का इस्तेमाल करते समय कुछ जरूरी सावधानियां बरतनी चाहिए:
- रेगुलर गैस पाइप और रेगुलेटर की जांच करवाएं
- गैस लीक की आशंका हो तो तुरंत एजेंसी को सूचित करें
- गैस इस्तेमाल करते समय खिड़कियां खुली रखें
- पुराने सिलेंडर या पाइप को बदलवाएं
- बिना लाइसेंस या स्थानीय विक्रेताओं से गैस न खरीदें
आगे क्या?
प्रशासन ने घटना की जांच के आदेश दे दिए हैं। गैस एजेंसी के सप्लाई चैन और सुरक्षा उपायों की गहराई से जांच की जाएगी। अगर लापरवाही पाई गई तो एजेंसी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
वहीं राज्य सरकार ने यह भी कहा है कि ऐसे हादसों को रोकने के लिए गांव-गांव में एलपीजी सुरक्षा जागरूकता अभियान चलाया जाएगा।
एक बड़ा सबक
इस दर्दनाक घटना ने हम सभी को यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि हम अपने घरों में इस्तेमाल होने वाली गैस जैसी जरूरी चीजों को कितनी गंभीरता से लेते हैं। थोड़ी सी लापरवाही बड़ी जानलेवा साबित हो सकती है।
