विश्व नेताओं ने ट्रम्प के टैरिफ पर दिया मुंहतोड़ जवाब – “लड़ने को तैयार हैं”
ट्रम्प के टैरिफ ने छेड़ा नया व्यापार युद्ध
“अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने हाल ही में कई देशों के सामान पर ‘प्रतिदान शुल्क’ (Reciprocal Tariffs) लगाने की घोषणा की। इस कदम ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तूफान ला दिया है। विभिन्न देशों के नेताओं ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है।”
क्या है पूरा मामला ?
ट्रम्प ने भारत, चीन, यूरोपीय संघ और अन्य देशों से आयातित सामान पर 25-30% तक के अतिरिक्त शुल्क लगाने का प्रस्ताव रखा। उनका तर्क है कि ये देश अमेरिकी सामान पर पहले से ही उच्च शुल्क लगा रहे हैं।
देश-देश की प्रतिक्रिया
1. भारत की प्रतिक्रिया
- वाणिज्य मंत्रालय ने इसे “एकतरफा और अनुचित” बताया
- संभावित जवाबी कार्रवाई के संकेत दिए
- अमेरिकी कृषि उत्पादों पर शुल्क बढ़ाने पर विचार
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा:
“हम अपने हितों की रक्षा के लिए हर आवश्यक कदम उठाएंगे।”
2. चीन की कड़ी प्रतिक्रिया
- अमेरिकी सोयाबीन और ऑटो पार्ट्स पर शुल्क बढ़ाने की धमकी
- “हम किसी से डरते नहीं” – चीनी विदेश मंत्रालय
- व्यापार युद्ध को और बढ़ावा देने वाला कदम बताया
3. यूरोपीय संघ ने दिखाई एकजुटता
- फ्रांस और जर्मनी ने संयुक्त बयान जारी किया
- अमेरिकी व्हिस्की और मोटरसाइकिल पर शुल्क बढ़ाने की योजना
- डब्ल्यूटीओ में शिकायत दर्ज करने की तैयारी
यूरोपीय आयोग के अध्यक्ष ने कहा:
“हम व्यापार युद्ध नहीं चाहते, लेकिन अपने उद्योगों की रक्षा करेंगे।”
विश्लेषकों की राय
अर्थशास्त्रियों का मानना है कि:
- अल्पकालिक प्रभाव: वैश्विक व्यापार में गिरावट
- दीर्घकालिक असर: आपूर्ति श्रृंखला में व्यवधान
- उपभोक्ताओं पर असर: वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि
क्या हो सकता है समाधान ?
- द्विपक्षीय वार्ता को बढ़ावा
- डब्ल्यूटीओ जैसे मंचों का उपयोग
- नए व्यापार समझौतों पर सहमति
भारत के लिए चुनौतियां और अवसर
चुनौतियां:
- आईटी और फार्मा सेक्टर को झटका
- निर्यात आय में कमी
- रोजगार पर संभावित असर
अवसर:
- अन्य बाजारों की तलाश
- घरेलू उद्योगों को बढ़ावा
- आत्मनिर्भर भारत को गति
आगे की राह
विशेषज्ञों के अनुसार:
- तनाव बढ़ने की संभावना – अगर कोई समझौता नहीं हुआ
- वैश्विक मंदी का खतरा – व्यापार युद्ध के कारण
- राजनीतिक रिश्तों पर असर – द्विपक्षीय संबंध प्रभावित
