विश्व स्वास्थ्य दिवस 2025: मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य को प्राथमिकता देने की मांग
“हर वर्ष 7 अप्रैल को विश्व स्वास्थ्य दिवस मनाया जाता है। वर्ष 2025 में इसकी थीम है: “स्वस्थ शुरुआत, आशापूर्ण भविष्य” (Healthy Beginnings, Hopeful Futures)। इस थीम के माध्यम से ध्यान केंद्रित किया गया है मातृ एवं नवजात स्वास्थ्य पर, जो वैश्विक स्वास्थ्य एजेंडा का एक अहम हिस्सा है।”
क्यों महत्वपूर्ण है विश्व स्वास्थ्य दिवस 2025 की थीम?
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, आज भी दुनियाभर में गर्भवती महिलाओं और नवजात बच्चों की मृत्यु दर चिंताजनक है। खासतौर पर विकासशील देशों में स्वास्थ्य सेवाओं की कमी, प्रशिक्षित स्वास्थ्यकर्मियों की अनुपस्थिति और मानसिक स्वास्थ्य को नजरअंदाज किए जाने से यह समस्या और जटिल हो जाती है। यही कारण है कि 2025 में इस दिवस की थीम मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य को समर्पित की गई है।
मातृ एवं नवजात स्वास्थ्य की वर्तमान स्थिति
- हर दिन लगभग 800 महिलाओं की मृत्यु गर्भावस्था या प्रसव से जुड़ी जटिलताओं के कारण होती है।
- नवजात मृत्यु दर (0–28 दिन) अब भी कई देशों में बहुत अधिक है।
- एशिया और अफ्रीका के कई हिस्सों में सुरक्षित प्रसव सेवाओं की भारी कमी है।
- मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दे, जैसे पोस्टपार्टम डिप्रेशन, को अभी भी गंभीरता से नहीं लिया जाता।
विश्व स्वास्थ्य दिवस 2025 के मुख्य उद्देश्य
- सभी के लिए सुरक्षित और सुलभ प्रसव सेवाएं उपलब्ध कराना।
- प्रशिक्षित जन्म सहायकों और नर्सों की संख्या बढ़ाना।
- माताओं के मानसिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता देना।
- स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ाना, विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में।
- स्वास्थ्य प्रणाली को मातृ और शिशु केंद्रित बनाना।
मातृ स्वास्थ्य पर केंद्रित योजनाएं और सुधार की आवश्यकता
इस अभियान के तहत यह ज़रूरी माना गया है कि:
- सभी महिलाओं को गर्भधारण से पहले और बाद में नियमित स्वास्थ्य जांच की सुविधा मिले।
- संस्थागत प्रसव को बढ़ावा दिया जाए।
- शिशु के जन्म के बाद देखभाल में कोई कमी न हो।
- पोषण, टीकाकरण और मानसिक समर्थन की योजनाएं बेहतर तरीके से लागू की जाएं।
भारत में मातृ एवं नवजात स्वास्थ्य की स्थिति
भारत सरकार की योजनाएं जैसे जननी सुरक्षा योजना (JSY), प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (PMMVY), और मिशन इंद्रधनुष इसी दिशा में प्रयास कर रहे हैं। हालांकि, कई ग्रामीण इलाकों में इन योजनाओं का प्रभाव सीमित है और जागरूकता की कमी एक बड़ी चुनौती है।
हेल्थकेयर में तकनीक की भूमिका
2025 में डिजिटल हेल्थ प्लेटफॉर्म, टेलीमेडिसिन, मोबाइल हेल्थ ऐप्स जैसे माध्यमों से मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य की देखभाल आसान होती जा रही है। तकनीक के बेहतर उपयोग से दूरदराज के क्षेत्रों में भी परामर्श और देखभाल की सुविधा मिल रही है।
माताओं के मानसिक स्वास्थ्य को लेकर जागरूकता
विश्व स्वास्थ्य दिवस 2025 यह संदेश भी देता है कि शारीरिक स्वास्थ्य के साथ-साथ मानसिक स्वास्थ्य को नजरअंदाज न किया जाए। पोस्टपार्टम डिप्रेशन एक आम समस्या है, जिसे खुलकर बातचीत और चिकित्सा के माध्यम से ठीक किया जा सकता है।
अंतरराष्ट्रीय सहयोग और संगठन
WHO के साथ यूनिसेफ, यूनाइटेड नेशंस पॉपुलेशन फंड (UNFPA) और कई NGO इस अभियान में सक्रिय भागीदारी निभा रहे हैं। उनका उद्देश्य है कि 2030 तक मातृ मृत्यु दर को एक निश्चित सीमा तक कम किया जाए और हर बच्चा स्वस्थ माहौल में जन्म ले।
विश्व स्वास्थ्य दिवस 2025 से क्या अपेक्षा?
यह अभियान केवल एक दिन का आयोजन नहीं है बल्कि एक सतत प्रयास है जिससे विश्वभर में हर मां और नवजात को स्वास्थ्य, सम्मान और देखभाल मिले। इसके लिए जरूरी है कि सभी सरकारें, संगठन और नागरिक मिलकर काम करें।