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HPU Shimla धरना 2025: सातवां वेतनमान और डीए भुगतान की मांग पर शिक्षकों ने दिया धरना

“हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय शिक्षक कल्याण संघ ने हपुटवा के बैनर तले दिया धरना, 7वें वेतन आयोग और डीए को लेकर जताया विरोध”

HPU Shimla Haputwa Protest 2025: डीए, वेतनमान और प्रोमोशन की मांगों को लेकर शिक्षकों ने दिया धरना

HPU Shimla Haputwa Protest 2025 के अंतर्गत हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय शिक्षक कल्याण संघ (हपुटवा) ने शुक्रवार को शिमला में धरना प्रदर्शन किया।
इस धरने का मुख्य उद्देश्य था — 7वें वेतन आयोग के तहत बकाया वेतन, 11% महंगाई भत्ता (DA), और शिक्षकों की पदोन्नति से जुड़ी मांगों को लेकर सरकार और विश्वविद्यालय प्रशासन का ध्यान आकर्षित करना।


हपुटवा का विरोध प्रदर्शन क्यों?

हपुटवा अध्यक्ष डॉ. नितिन ब्यास के नेतृत्व में यह प्रदर्शन आयोजित किया गया।
उनका कहना था कि विश्वविद्यालय में शिक्षकों की लंबे समय से अनदेखी हो रही है।

प्रमुख मांगें:

  • सातवें वेतन आयोग (2016) के तहत बकाया वेतन का भुगतान
  • 11% डीए (महंगाई भत्ता) का जल्द भुगतान
  • UGC 2018 के नियमों के अंतर्गत प्रोमोशन प्रक्रिया (CAS इंटरव्यू)
  • डीन रिसर्च के पद की तत्काल नियुक्ति
  • नए शिक्षक आवासों का निर्माण
  • 2010 और 2018 अधिनियमों के अंतर्गत प्रोमोशन का स्पष्ट तरीका

सातवां वेतनमान और DA: सबसे बड़ी मांग

HPU Shimla Haputwa Protest 2025 के केंद्र में है —

वेतन संशोधन और डीए भुगतान

शिक्षक संघ की दलीलें:

  • 2016 में सातवां वेतन आयोग लागू हुआ लेकिन अब तक बकाया राशि नहीं मिली है
  • 11% डीए भी अभी तक लंबित है
  • अन्य राज्यों के विश्वविद्यालयों में यह भुगतान हो चुका है

शिक्षकों का कहना है कि जब सरकारी अधिकारी और अन्य कर्मचारी 7वां वेतनमान पा रहे हैं, तो विश्वविद्यालय के शिक्षक इससे वंचित क्यों हैं?


पदोन्नति (Promotion) और CAS साक्षात्कार की मांग

Career Advancement Scheme (CAS) के अंतर्गत UGC 2018 नियमों के तहत साक्षात्कार कराने की मांग भी जोरदार तरीके से उठाई गई।

शिक्षकों का तर्क:

  • कई वर्षों से साक्षात्कार लंबित हैं
  • योग्य शिक्षकों को प्रोमोशन से वंचित किया जा रहा है
  • नियमों के तहत समय पर प्रोमोशन न मिलना शैक्षणिक गुणवत्ता पर असर डालता है

अधिनियम 2010 और 2018 के तहत प्रोमोशन प्रणाली में पारदर्शिता की मांग

हपुटवा के सदस्यों का कहना है कि 2010 और 2018 के अधिनियमों के तहत प्रोमोशन प्रक्रिया में पारदर्शिता नहीं है।

वे चाहते हैं कि:

  • विश्वविद्यालय प्रशासन स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी करे
  • वरिष्ठता और योग्यता के आधार पर पदोन्नति सुनिश्चित हो
  • बिना भेदभाव के प्रोसेस हो

डीन रिसर्च का पद खाली क्यों?

शिक्षकों की ओर से डीन रिसर्च के पद की तत्काल नियुक्ति की मांग भी उठाई गई है।
उनका कहना है कि विश्वविद्यालय में शोध कार्यों की निगरानी और अनुमोदन के लिए यह पद अत्यंत आवश्यक है।

इसके न होने से:

  • रिसर्च स्कॉलर्स को समस्याएं आ रही हैं
  • प्रोजेक्ट और गाइडेंस में रुकावटें हैं

शिक्षक आवास की समस्या: नए भवनों की मांग

HPU में शिक्षक आवासों की भारी कमी है।
अध्यक्ष डॉ. नितिन ब्यास ने कहा कि वर्तमान में उपलब्ध आवास अपर्याप्त और जर्जर स्थिति में हैं।

संघ ने मांग की कि:

  • नए और आधुनिक आवासों का निर्माण किया जाए
  • मौजूदा आवासों का नवीनीकरण हो
  • आवास आवंटन में पारदर्शिता लाई जाए

प्रदर्शन के दौरान क्या हुआ?

  • बड़ी संख्या में शिक्षक धरना स्थल पर पहुंचे
  • हाथों में तख्तियां लेकर अपनी मांगें रखीं
  • प्रशासन के प्रति नाराजगी जाहिर की
  • हपुटवा अध्यक्ष और अन्य पदाधिकारियों ने संबोधन दिया
  • अधिकारियों को ज्ञापन सौंपा गया

प्रशासन की प्रतिक्रिया

अब तक विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से कोई औपचारिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है।
हालांकि, सूत्रों के अनुसार मांगों पर विचार-विमर्श किया जा रहा है और जल्द ही एक बैठक बुलाई जा सकती है।


HPU Shimla Haputwa Protest 2025 का व्यापक असर

यह धरना केवल एचपीयू तक सीमित नहीं है।
राज्य के अन्य उच्च शिक्षण संस्थानों के शिक्षक भी इस मुद्दे पर समर्थन जता सकते हैं।
यदि मांगे पूरी नहीं होतीं तो आंदोलन का विस्तार संभव है।


छात्रों पर भी असर की आशंका

यदि मांगें जल्द नहीं मानी जातीं तो भविष्य में:

  • शैक्षणिक कार्य बाधित हो सकते हैं
  • मूल्यांकन और परीक्षा प्रक्रियाएं प्रभावित हो सकती हैं
  • छात्र भी अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित होंगे

मीडिया और समाज का समर्थन

स्थानीय मीडिया में धरने को काफी कवरेज मिल रहा है।
इसके साथ ही सामाजिक संगठनों और छात्र संघों ने भी शिक्षकों की मांगों को वाजिब बताया है।


शिक्षक संघ की आगे की रणनीति

यदि मांगे नहीं मानी गईं तो:

  • कार्य बहिष्कार
  • प्रशासनिक मीटिंग का बहिष्कार
  • सामूहिक अवकाश
  • राज्यव्यापी आंदोलन

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सुनील शर्मा

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