भारत-UAE रक्षा रिश्तों को मजबूती देने के लिए राजनाथ सिंह और शेख हमदान की रणनीतिक बैठक
“भारत-UAE रक्षा साझेदारी को नई दिशा देने के लिए हुई उच्चस्तरीय बैठक भारत-UAE रक्षा साझेदारी को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया गया है। भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को संयुक्त अरब अमीरात (UAE) के क्राउन प्रिंस और रक्षा मंत्री शेख हमदान बिन मोहम्मद बिन राशिद अल मकतूम से नई दिल्ली में मुलाकात की। इस बैठक में दोनों देशों ने रक्षा क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के कई अहम मुद्दों पर चर्चा की।”
बैठक का उद्देश्य: रक्षा सहयोग को नई ऊंचाई पर ले जाना
इस उच्चस्तरीय वार्ता का मुख्य उद्देश्य भारत और UAE के बीच रणनीतिक रक्षा साझेदारी को और गहरा करना था। दोनों नेताओं ने अब तक की द्विपक्षीय उपलब्धियों पर संतोष जताया और आगे बढ़ने के लिए स्पष्ट रोडमैप तय किया।
बैठक के दौरान जिन मुख्य बिंदुओं पर सहमति बनी, उनमें शामिल हैं:
- संयुक्त सैन्य अभ्यासों का विस्तार
- प्रशिक्षण और शिक्षा के क्षेत्रों में सहयोग
- संस्थागत स्तर पर रक्षा संवाद को बढ़ावा देना
प्रशिक्षण और शिक्षा पर विशेष ध्यान
राजनाथ सिंह और शेख हमदान दोनों ने इस बात पर जोर दिया कि प्रशिक्षण कार्यक्रम और सैन्य शिक्षा का आदान-प्रदान रक्षा समझ को मजबूत करने का मुख्य माध्यम है। इससे न केवल सैनिकों के तकनीकी कौशल में वृद्धि होगी, बल्कि आपसी विश्वास भी बढ़ेगा।
समुद्री सुरक्षा में सहयोग को मिली मंजूरी
बैठक में कोस्ट गार्ड बलों के बीच जारी सहयोग की सराहना की गई। दोनों देशों ने इस सहयोग को औपचारिक रूप देने के लिए एक समझौते पर सहमति जताई। यह समझौता हिंद महासागर क्षेत्र में समुद्री सुरक्षा और आपदा प्रबंधन को मजबूती देगा।
रक्षा उत्पादन और औद्योगिक भागीदारी पर जोर
राजनाथ सिंह ने भारत की ‘मेक इन इंडिया’ नीति और शेख हमदान ने ‘मेक इन एमिरेट्स’ पहल के माध्यम से दोनों देशों के बीच साझा रक्षा उत्पादन और को-प्रोडक्शन की संभावनाओं पर चर्चा की। इस साझेदारी से उन्नत रक्षा तकनीकों का साझा विकास संभव होगा।
तकनीक और नवाचार को सहयोग का नया आधार
बैठक में यह भी चर्चा हुई कि कैसे तकनीकी नवाचार और अनुसंधान को साझा किया जा सकता है। रक्षा क्षेत्र में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, साइबर सुरक्षा और ड्रोन टेक्नोलॉजी जैसे क्षेत्रों में सहयोग की संभावनाएं तलाशी गईं।
एक्सपो और रक्षा प्रदर्शनियों में बढ़ती भागीदारी
दोनों पक्षों ने हाल ही में आयोजित रक्षा प्रदर्शनियों और एक्सपो में भारत-UAE की भागीदारी को सकारात्मक कदम बताया। साथ ही, उन्होंने भविष्य में इन आयोजनों में और गहराई से भाग लेने की प्रतिबद्धता जताई।
इंडिया-UAE डिफेंस पार्टनरशिप फोरम का महत्व
बैठक के दौरान इंडिया-UAE डिफेंस पार्टनरशिप फोरम को एक स्थायी मंच के रूप में स्थापित करने की चर्चा हुई, जहाँ नियमित रूप से उच्चस्तरीय संवाद और रणनीतिक योजना बनाई जा सके।
राजनाथ सिंह का बयान
राजनाथ सिंह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर लिखा:
“भारत-UAE के बीच व्यापक रणनीतिक साझेदारी हमारी प्राथमिकता है। हम रक्षा, तकनीक, को-प्रोडक्शन और इनोवेशन जैसे क्षेत्रों में मिलकर काम करने को तैयार हैं।”
उनकी इस पोस्ट से यह संकेत मिला कि आने वाले समय में दोनों देशों के बीच रक्षा संबंध और अधिक व्यापक और व्यावहारिक होंगे।
रणनीतिक दृष्टिकोण से क्यों महत्वपूर्ण है यह साझेदारी ?
भारत और UAE दोनों ही अपनी भौगोलिक स्थिति के कारण रणनीतिक दृष्टिकोण से बेहद अहम हैं। जहां भारत हिंद महासागर क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, वहीं UAE मध्य-पूर्व और अफ्रीका के गेटवे के रूप में कार्य करता है। इसलिए दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग केवल द्विपक्षीय ही नहीं बल्कि क्षेत्रीय और वैश्विक स्थिरता के लिए भी महत्वपूर्ण है।
भविष्य की दिशा
इस बैठक के बाद उम्मीद की जा रही है कि दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग को और अधिक औपचारिक ढांचा मिलेगा। संयुक्त अनुसंधान केंद्र, प्रशिक्षण अकादमियां और साझा उत्पादन इकाइयां आने वाले वर्षों में स्थापित की जा सकती हैं।
