PM मोदी का संभावित सऊदी दौरा, व्यापार और रणनीतिक साझेदारी पर रहेगी नजर
“PM मोदी का संभावित सऊदी अरब दौरा: व्यापार, निवेश और रणनीतिक सहयोग पर केंद्रित रहेगा दौरा PM मोदी सऊदी अरब दौरा अप्रैल के तीसरे सप्ताह में हो सकता है। इस बात की पुष्टि सरकार से जुड़े सूत्रों ने की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस यात्रा के दौरान व्यापार, ऊर्जा, निवेश और रक्षा जैसे अहम क्षेत्रों में भारत-सऊदी अरब सहयोग को और मजबूत करने के उद्देश्य से सऊदी नेतृत्व से मुलाकात करेंगे।”
यात्रा की संभावित तिथि और उद्देश्य
प्रधानमंत्री की यह यात्रा अप्रैल के तीसरे हफ्ते में संभावित मानी जा रही है। हालांकि, यात्रा की आधिकारिक तिथि और कार्यक्रम की घोषणा अभी नहीं की गई है। सूत्रों के मुताबिक यह यात्रा रणनीतिक साझेदारी को और गहरा करने की दिशा में एक बड़ा कदम हो सकती है।
किन मुद्दों पर होगी चर्चा ?
PM मोदी सऊदी अरब दौरा के दौरान जिन प्रमुख क्षेत्रों में चर्चा की उम्मीद है, वे हैं:
- व्यापार और आर्थिक साझेदारी
- ऊर्जा सुरक्षा और निवेश के नए अवसर
- रक्षा और रणनीतिक सहयोग
- ग्रीन एनर्जी और तकनीकी नवाचार में साझेदारी
- मीडिया और शिक्षा के क्षेत्र में सहयोग
भारत-सऊदी अरब व्यापार संबंध
भारत और सऊदी अरब के बीच 2023 में द्विपक्षीय व्यापार लगभग 52 अरब डॉलर तक पहुंच चुका है। भारत सऊदी से तेल का प्रमुख आयातक है, लेकिन अब दोनों देश ऊर्जा के वैकल्पिक स्रोतों और हाइड्रोजन ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में भी साझेदारी बढ़ाने की दिशा में अग्रसर हैं।
निवेश और तकनीकी सहयोग पर जोर
प्रधानमंत्री मोदी की यह यात्रा सऊदी अरब के साथ निजी निवेश को आकर्षित करने, इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स में सहयोग, और डिजिटल इंडिया मिशन के तहत तकनीकी समझौतों को बढ़ावा देने का भी जरिया बन सकती है।
सऊदी अरब का पब्लिक इन्वेस्टमेंट फंड (PIF) भारत में पहले से ही कई बड़ी कंपनियों में निवेश कर चुका है। इस यात्रा के दौरान नए समझौतों (MoUs) पर हस्ताक्षर की संभावना है।
रक्षा और सामरिक साझेदारी पर नजर
भारत और सऊदी अरब के बीच रक्षा क्षेत्र में सहयोग तेजी से बढ़ रहा है। पिछले कुछ वर्षों में दोनों देशों के बीच सैन्य अभ्यास, उच्च स्तरीय बैठकें और रक्षा उपकरणों की खरीद पर भी बातचीत हुई है।
इस बार की यात्रा में डिफेंस को-प्रोडक्शन, ड्रोन टेक्नोलॉजी, और साइबर सुरक्षा जैसे मुद्दों पर चर्चा हो सकती है।
ऊर्जा सुरक्षा और ग्रीन एनर्जी की दिशा में बातचीत
भारत अपनी ऊर्जा जरूरतों को लेकर सऊदी अरब पर काफी हद तक निर्भर है। लेकिन अब दोनों देश ग्रीन हाइड्रोजन, सौर ऊर्जा और ऊर्जा ट्रांजिशन टेक्नोलॉजी पर सहयोग की दिशा में काम कर रहे हैं। इस यात्रा में ऊर्जा मंत्रालयों के बीच नई पहल की संभावना प्रबल है।
सऊदी अरब की दृष्टि: विजन 2030 से जुड़ाव
सऊदी अरब का महत्वाकांक्षी योजना “विजन 2030” केवल आंतरिक सुधार तक सीमित नहीं है, बल्कि वह अपने अंतरराष्ट्रीय संबंधों को भी तकनीकी, आर्थिक और सामाजिक सुधारों के साथ जोड़ना चाहता है। भारत इसमें “रणनीतिक भागीदार” की भूमिका निभा रहा है।
भारतीय समुदाय की भूमिका
सऊदी अरब में 20 लाख से अधिक भारतीय प्रवासी रहते हैं, जो दोनों देशों के बीच सामाजिक और आर्थिक सेतु का काम करते हैं। पीएम मोदी की इस यात्रा के दौरान भारतीय समुदाय से मुलाकात भी कार्यक्रम का हिस्सा हो सकती है।
क्या होगा इस यात्रा का असर ?
- भारत-सऊदी रणनीतिक साझेदारी में मजबूती
- ऊर्जा और रक्षा क्षेत्र में नई परियोजनाओं की शुरुआत
- बिलियन डॉलर के निवेश प्रस्तावों पर सहमति
- मध्य-पूर्व में भारत की कूटनीतिक स्थिति और सशक्त
कूटनीतिक दिशा
PM मोदी सऊदी अरब दौरा न केवल भारत की विदेश नीति को और गति देगा, बल्कि इससे क्षेत्रीय और वैश्विक स्तर पर भारत की भूमिका और अधिक प्रभावशाली हो सकती है। यह यात्रा आने वाले वर्षों की अर्थव्यवस्था, सुरक्षा और ऊर्जा नीति को दिशा देने वाली साबित हो सकती है।
