लातूर की पहाड़ियों में मिली मेफेड्रोन फैक्ट्री, DRI की कार्रवाई में पुलिसकर्मी समेत 7 गिरफ्तार
“लातूर मेफेड्रोन फैक्ट्री छापा: पहाड़ियों में छिपी थी 17 करोड़ की ड्रग लैब महाराष्ट्र के लातूर जिले में ड्रग्स का एक बड़ा रैकेट सामने आया है। राजस्व खुफिया निदेशालय (DRI) की मुंबई टीम ने एक गुप्त सूचना के आधार पर लातूर के रोहिणा गांव की पहाड़ियों में स्थित एक मेफेड्रोन निर्माण फैक्ट्री पर छापा मारा।”
लातूर मेफेड्रोन फैक्ट्री छापा में सामने आया सिंडिकेट
पुलिस कांस्टेबल भी शामिल
DRI की इस कार्रवाई में 7 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें एक महाराष्ट्र पुलिस का कांस्टेबल भी शामिल है। इससे साफ होता है कि ड्रग सिंडिकेट केवल निजी नेटवर्क तक सीमित नहीं था, बल्कि इसमें सरकारी सिस्टम से जुड़े लोग भी शामिल थे।
ड्रग्स बनाना, बेचना और फाइनेंस करना
गिरफ्तार किए गए आरोपी केवल उत्पादन में ही नहीं, बल्कि ड्रग्स की फाइनेंसिंग और बिक्री में भी शामिल थे। फैक्ट्री से जो सामग्री जब्त की गई है, वह इसके वृहद नेटवर्क का संकेत देती है।
कैसे मिला लातूर मेफेड्रोन फैक्ट्री का सुराग
गुप्त सूचना के आधार पर हुई कार्रवाई
मंगलवार को DRI को गुप्त सूचना मिली थी कि लातूर के रोहिणा गांव के पहाड़ी इलाके में एक अवैध ड्रग निर्माण फैक्ट्री चल रही है। इसके बाद तुरंत एक टीम गठित की गई और मौके पर छापा मारा गया।
दुर्गम स्थान में छुपाई गई थी फैक्ट्री
यह फैक्ट्री पहाड़ी क्षेत्र में इस तरह छुपाई गई थी कि बाहरी दुनिया को इसकी भनक तक नहीं थी। आसपास के ग्रामीणों को भी इस गतिविधि की जानकारी नहीं थी।
लातूर मेफेड्रोन फैक्ट्री छापा में क्या-क्या जब्त हुआ ?
ड्राई और लिक्विड फॉर्म में मेफेड्रोन
DRI अधिकारियों के अनुसार, इस छापेमारी में 11.36 किलो मेफेड्रोन जब्त किया गया है। इसमें से 8.44 किलो सूखे रूप में और 2.92 किलो तरल रूप में मिला। इस ड्रग्स की अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत लगभग 17 करोड़ रुपये बताई गई है।
केमिकल्स और उपकरण भी जब्त
फैक्ट्री से उच्च गुणवत्ता वाले रासायनिक पदार्थ, मिक्सर, डिस्टिलेशन यूनिट, ड्रायर और अन्य लैब उपकरण जब्त किए गए हैं। इससे साफ होता है कि यह फैक्ट्री पूरी तरह से प्रोफेशनल तरीके से संचालित की जा रही थी।
मेफेड्रोन क्या है और क्यों है खतरनाक ?
पार्टी ड्रग के रूप में होता है इस्तेमाल
मेफेड्रोन (Mephedrone) एक सिंथेटिक ड्रग है जो आमतौर पर पार्टी ड्रग के रूप में उपयोग की जाती है। यह व्यक्ति के मानसिक और शारीरिक संतुलन को बिगाड़ सकती है।
भारत में गैरकानूनी घोषित
भारत में मेफेड्रोन को NDPS एक्ट के तहत प्रतिबंधित किया गया है। इसके निर्माण, बिक्री या भंडारण पर सख्त सजा का प्रावधान है।
लातूर मेफेड्रोन फैक्ट्री छापा के बाद क्या कार्रवाई हुई ?
सभी आरोपियों पर NDPS एक्ट के तहत केस दर्ज
गिरफ्तार किए गए सभी 7 लोगों पर नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रॉपिक सब्स्टेंसेस एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। आगे की जांच NIA और स्थानीय पुलिस मिलकर कर रही हैं।
फैक्ट्री के मालिक की तलाश जारी
DRI के अनुसार, इस रैकेट का मुख्य सरगना अब भी फरार है। उसकी तलाश में टीमों को महाराष्ट्र के अन्य जिलों और सीमावर्ती क्षेत्रों में रवाना किया गया है।
लातूर मेफेड्रोन फैक्ट्री छापा से क्या सीखा जा सकता है ?
ग्रामीण और पहाड़ी इलाकों में बढ़ता ड्रग नेटवर्क
यह घटना बताती है कि अब ड्रग माफिया दूरदराज और दुर्गम इलाकों में अपनी गतिविधियां फैला रहे हैं। इससे न केवल कानून-व्यवस्था पर दबाव बढ़ता है, बल्कि समाज में नशे की जड़ें और गहरी होती जाती हैं।
पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों की जवाबदेही
जब एक पुलिसकर्मी ही इसमें शामिल पाया जाए, तो यह चिंताजनक संकेत है। इससे जांच एजेंसियों की जिम्मेदारी और अधिक बढ़ जाती है कि वे आंतरिक निगरानी प्रणाली को मजबूत करें।
