ट्रंप का टैरिफ फैसला: चीन को कड़ी चेतावनी, बाकी देशों को राहत
“अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में एक बड़ा फैसला लेते हुए 75 देशों पर लगाए गए टैरिफ को 90 दिनों के लिए स्थगित कर दिया है। इस सूची में चीन शामिल नहीं है, और यही बात वैश्विक व्यापार जगत को और अधिक सतर्क कर रही है। ट्रंप का कहना है कि अगर कोई देश चीन की तरह पलटवार करता है, तो उसे भी वैसे ही परिणाम भुगतने होंगे।“
ट्रंप का टैरिफ फैसला क्यों बना सुर्खियों में ?
ट्रंप ने यह कदम ऐसे समय पर उठाया है जब अमेरिका और चीन के बीच व्यापारिक तनाव लगातार बढ़ते जा रहे हैं। बाजार में गिरावट और निवेशकों की चिंता के बीच ट्रंप ने यह स्पष्ट किया कि उन्होंने उन देशों को राहत दी है जो अमेरिका के टैरिफ फैसले पर प्रतिक्रिया नहीं दे रहे थे।
क्या है ट्रंप का टैरिफ निर्णय ?
- 75 देशों पर लगाए गए टैरिफ पर 90 दिनों की अस्थायी रोक
- चीन को इस राहत से बाहर रखा गया
- ट्रंप का बयान: “अगर कोई चीन की तरह जवाब देगा, तो उसका अंजाम भी वही होगा।”
- फैसला अमेरिका के आर्थिक हितों को ध्यान में रखकर लिया गया
“मैं नहीं तो कौन ?” – ट्रंप की आत्मविश्वासी प्रतिक्रिया
अपने फैसले का बचाव करते हुए ट्रंप ने कहा, “कोई भी राष्ट्रपति ऐसा फैसला नहीं ले सकता था जो मैंने लिया। मुझे गर्व है कि मैंने यह किया।”
यह बयान दिखाता है कि ट्रंप न सिर्फ अपने फैसले के प्रति आश्वस्त हैं, बल्कि वह इसे नेतृत्व की अनूठी मिसाल भी मानते हैं। उन्होंने कहा कि बाजार में गिरावट और निवेशकों की प्रतिक्रिया को देखकर उन्हें लगा कि कुछ बदलाव जरूरी है।
चीन को लेकर ट्रंप का रुख और कड़ी चेतावनी
ट्रंप ने साफ कहा कि चीन को राहत न देने का कारण था उसकी जवाबी कार्रवाई। उन्होंने कहा कि उन्होंने पहले ही चेतावनी दी थी कि जो देश पलटवार करेगा, उस पर ज्यादा कड़ी कार्रवाई की जाएगी। चीन ने जब टैरिफ का जवाबी हमला किया, तब अमेरिका ने भी प्रतिक्रिया में और कड़े शुल्क लगाए।
टैरिफ के फैसले का वैश्विक असर
व्यापारिक संबंधों पर असर
विश्व व्यापार संगठन (WTO) की प्रमुख नगोजी ओकोन्जो-इवेला ने चेतावनी दी है कि इस फैसले से अमेरिका और चीन के बीच द्विपक्षीय व्यापार में भारी गिरावट आ सकती है। शुरुआती अनुमानों के मुताबिक, इस व्यापार में 80 प्रतिशत तक की कमी आने की आशंका है।
वैश्विक अर्थव्यवस्था पर प्रभाव
WTO ने स्पष्ट किया है कि अगर इस तरह के टैरिफ युद्ध जारी रहे, तो इसका असर वैश्विक आर्थिक विकास पर भी पड़ेगा। व्यापार में अस्थिरता से विकासशील देशों पर सबसे अधिक प्रभाव पड़ सकता है।
बाजारों की प्रतिक्रिया
टैरिफ फैसले की घोषणा के बाद शेयर बाजार में तेजी से गिरावट देखी गई। हालांकि, टैरिफ में अस्थायी राहत की खबर से कुछ संतुलन आया। निवेशकों को अब इस बात की चिंता है कि ट्रंप की अगली नीति क्या होगी और चीन की प्रतिक्रिया कैसी होगी।
विशेषज्ञों की राय
- आर्थिक विशेषज्ञों का मानना है कि यह फैसला अल्पकालिक राहत दे सकता है, लेकिन दीर्घकालिक व्यापार नीति में अनिश्चितता बनाए रखेगा।
- कुछ विश्लेषकों का कहना है कि ट्रंप का यह कदम चुनावी रणनीति का हिस्सा हो सकता है, जहां वे अमेरिका की आर्थिक मजबूती को एक राजनीतिक एजेंडा बना रहे हैं।
क्या अमेरिका बनाम चीन व्यापार युद्ध फिर से शुरू होगा ?
चीन ने फिलहाल ट्रंप के फैसले पर आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है, लेकिन विश्लेषकों का मानना है कि बीजिंग चुप नहीं बैठेगा। अगर चीन और पलटवार करता है, तो अमेरिका द्वारा नई आर्थिक कार्रवाई की संभावना भी बनी रहती है।
वैश्विक स्तर पर संभावित जोखिम
- निर्यात पर असर: विकासशील देशों का अमेरिका और चीन दोनों पर व्यापारिक निर्भरता है। टैरिफ तनाव से उनका निर्यात प्रभावित हो सकता है।
- मुद्रास्फीति में वृद्धि: टैरिफ के कारण आयात महंगे हो सकते हैं, जिससे महंगाई बढ़ सकती है।
- नौकरी और निवेश पर असर: व्यापार में अस्थिरता से कंपनियाँ निवेश कम कर सकती हैं और इसका असर रोजगार पर पड़ सकता है।
ट्रंप का टैरिफ फैसला – जोखिम या रणनीति ?
ट्रंप का टैरिफ फैसला निस्संदेह एक साहसिक कदम है। लेकिन यह फैसला अमेरिका को कितना लाभ देगा और वैश्विक व्यापार पर इसका कितना नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा, यह आने वाले समय में स्पष्ट होगा। जहां एक ओर ट्रंप इसे “अमेरिका फर्स्ट” की रणनीति के तहत देखते हैं, वहीं दूसरी ओर दुनिया भर के बाजार, निवेशक और देश चिंतित हैं।
