लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने निभाया शहीद हेमराज की बेटी से किया वादा, शादी में पहुंचे बनकर भाई
देशभक्ति और संवेदनशीलता का प्रतीक: शहीद हेमराज की बेटी की शादी में पहुंचे ओम बिरला
“भारतीय लोकतंत्र और सेना के बीच एक मजबूत भावनात्मक रिश्ता है। यही रिश्ता एक बार फिर तब देखने को मिला जब लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, शहीद हेमराज की बेटी की शादी में बतौर ‘भाई’ शामिल हुए। यह केवल एक सामाजिक उपस्थिति नहीं थी, बल्कि एक ऐसा वादा निभाना था जो उन्होंने छह साल पहले शहीद की पत्नी से किया था।“
ओम बिरला ने निभाया वादा, बेटी की शादी में बने भाई
2019 में जब ओम बिरला करौली (राजस्थान) दौरे पर थे, उन्होंने शहीद हेमराज की पत्नी से मुलाकात की थी। उस समय उन्होंने वादा किया था कि वह उनकी बेटी की शादी में भाई बनकर जरूर आएंगे। छह साल बीतने के बाद भी उन्होंने उस वादे को न केवल याद रखा, बल्कि उसे निभाकर संवेदनशीलता की मिसाल पेश की।
शहीद हेमराज की वीरगाथा और उनका बलिदान
शहीद हेमराज सिंह वर्ष 2013 में जम्मू-कश्मीर के पुंछ सेक्टर में सीमा पर तैनात थे। पाकिस्तानी सैनिकों द्वारा किए गए कायरतापूर्ण हमले में वह शहीद हो गए थे। उनका बलिदान पूरे देश को झकझोर गया था। उनका नाम देश के उन वीर जवानों में शामिल है, जिन्होंने मातृभूमि की रक्षा करते हुए अपने प्राण न्योछावर कर दिए।
बेटी की शादी में आया भावुक क्षण, गांववासियों ने किया स्वागत
जब लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला गांव पहुंचे, तो गांव के लोगों और शहीद के परिवार ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया। यह दृश्य हर किसी को भावुक कर देने वाला था। उन्होंने न केवल विवाह में भाग लिया, बल्कि बेटी को आशीर्वाद देकर एक भाई की भूमिका भी निभाई।
देश ने देखा एक सच्चे जनप्रतिनिधि का चेहरा
ओम बिरला का यह कदम केवल एक वादा निभाना नहीं था, बल्कि यह संदेश था कि देश अपने शहीदों और उनके परिवारों को नहीं भूलता। यह एक जिम्मेदार जनप्रतिनिधि की छवि थी, जिसने यह दिखाया कि संवेदनशीलता और कर्तव्य दोनों साथ चल सकते हैं।
शहीद परिवार के लिए यह पल बना प्रेरणा
शहीद हेमराज की पत्नी ने बताया कि उन्हें विश्वास नहीं था कि इतने वर्षों बाद भी ओम बिरला वादा निभाएंगे। लेकिन उनका आना न केवल एक भावनात्मक क्षण था, बल्कि यह भी प्रमाण था कि राजनेता केवल मंचों पर नहीं, ज़मीन पर भी अपनी बात निभाते हैं।
अन्य नेताओं और प्रशासन का भी मिला साथ
इस अवसर पर स्थानीय प्रशासन और अन्य नेताओं ने भी कार्यक्रम में भाग लिया। विवाह समारोह में बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए और हर किसी की आंखें नम थीं जब ओम बिरला ने कन्यादान में भाग लेकर बेटी को आशीर्वाद दिया।
सोशल मीडिया पर भी लोगों ने की सराहना
इस भावुक क्षण को सोशल मीडिया पर भी लोगों ने खूब सराहा। हजारों लोगों ने ओम बिरला की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह एक सच्चे नेता की पहचान है। शहीदों के परिवार को सम्मान देना ही देशभक्ति की सच्ची परिभाषा है।
भविष्य के नेताओं के लिए उदाहरण
ओम बिरला का यह कार्य आने वाली पीढ़ियों के लिए एक उदाहरण है कि राजनीति केवल सत्ता का खेल नहीं, बल्कि जनसेवा और संवेदना का मिशन भी है। शहीदों के परिवारों की देखभाल करना हर प्रतिनिधि की नैतिक जिम्मेदारी होनी चाहिए।
शहीद हेमराज की बेटी की शादी एक राष्ट्रीय भावना का पर्व
यह विवाह समारोह केवल एक पारिवारिक आयोजन नहीं था। यह राष्ट्रीय भावना, सेवा और बलिदान के सम्मान का प्रतीक बन गया। ऐसे आयोजनों से देश को यह संदेश मिलता है कि हमारी सेना और उनके परिवार हमेशा देश के दिल में बसे हैं।
