भारत बनेगा विश्व की सबसे ताकतवर सैन्य शक्ति और विकसित राष्ट्र: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह
आत्मनिर्भरता और नवाचार के साथ भारत बनेगा वैश्विक सैन्य महाशक्ति: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह
नई दिल्ली, अप्रैल 2025:"रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आज राजधानी में आयोजित डिफेंस कॉन्क्लेव 2025 में कहा कि भारत एक विकसित राष्ट्र बनने के साथ-साथ, आने वाले वर्षों में दुनिया की सबसे ताकतवर सैन्य शक्ति के रूप में स्थापित होगा।
उन्होंने भरोसा जताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत रक्षा क्षेत्र में स्वदेशी उत्पादन और निर्यात के नए रिकॉर्ड स्थापित कर रहा है।"
आत्मनिर्भर भारत की सैन्य दृष्टि
राजनाथ सिंह ने कहा:
- भारत पहले आयात पर निर्भर था, लेकिन अब ‘मेक इन इंडिया’ पहल के तहत रक्षा उत्पादन में आत्मनिर्भरता की ओर तेजी से अग्रसर है।
- देश में एक मजबूत रक्षा औद्योगिक ढांचा तैयार किया जा रहा है जो हमारी जरूरतों को तो पूरा करेगा ही, साथ ही दुनिया भर में रक्षा निर्यात को भी बढ़ावा देगा।
उन्होंने बताया कि भारत वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं का लचीला और भरोसेमंद केंद्र बनकर उभरा है।
भारत की सैन्य ताकत: आक्रामक नहीं, लेकिन सशक्त
रक्षा मंत्री ने स्पष्ट किया कि भारत की सैन्य ताकत का उद्देश्य किसी देश को डराना नहीं, बल्कि शांति सुनिश्चित करने के लिए विश्वसनीय प्रतिरोध के रूप में काम करना है।
उन्होंने कहा,
“शांति तब तक स्थायी नहीं हो सकती जब तक राष्ट्र सामरिक रूप से मजबूत न हो।”
2025: रक्षा क्षेत्र में सुधारों का वर्ष
राजनाथ सिंह ने वर्ष 2025 को ‘सुधारों का वर्ष’ घोषित करते हुए बताया:
- रक्षा मंत्रालय नए युद्धक्षेत्रों जैसे साइबर स्पेस और अंतरिक्ष में भी तैयारियों को मज़बूत कर रहा है।
- निगमीकरण के बाद 200 साल पुरानी ऑर्डनेंस फैक्ट्रियों ने लाभ कमाना शुरू कर दिया है।
- अब तक 5,521 उपकरण और प्रणालियां पॉजिटिव इंडीजेनाइजेशन लिस्ट में जोड़ी जा चुकी हैं।
रक्षा उत्पादन और निर्यात में ऐतिहासिक बढ़त
| वर्ष | रक्षा उत्पादन (₹ करोड़ में) | रक्षा निर्यात (₹ करोड़ में) |
|---|---|---|
| 2014 | 40,000 | 686 |
| 2024-25 | 1,27,000 | 23,622 |
| लक्ष्य (2029) | 3,00,000 | 50,000 |
नवाचार और स्टार्टअप के लिए iDEX, ADITI जैसी योजनाएं
भारत सरकार ने रक्षा नवाचार को बढ़ावा देने के लिए:
- iDEX (Innovations for Defence Excellence)
- iDEX Prime
- ADITI योजना
जैसी योजनाएं शुरू की हैं, जिनके अंतर्गत 25 करोड़ रुपये तक की वित्तीय सहायता दी जाती है।
अब तक ₹2,400 करोड़ से अधिक की खरीदारी एमएसएमई/स्टार्टअप्स से हो चुकी है।
रणनीतिक और तकनीकी उपलब्धियां
भारत अब रक्षा प्रौद्योगिकी में भी:
- अग्नि और ब्रह्मोस जैसी मिसाइलें
- INS अरिहंत (पनडुब्बी)
- INS विक्रांत (एयरक्राफ्ट कैरियर)
- AI, ड्रोन, साइबर सुरक्षा और हाइपरसोनिक तकनीक
में दुनिया के विकसित देशों की बराबरी कर रहा है।
एयरो इंजन निर्माण: अगली बड़ी चुनौती
- कावेरी इंजन परियोजना पर तेज़ी से काम चल रहा है।
- GE, Safran और Rolls Royce जैसी वैश्विक कंपनियों से सहयोग की बातचीत जारी है।
शिपबिल्डिंग में भारत की सफलता
- भारतीय नौसेना और कोस्ट गार्ड के 97% युद्धपोत अब भारतीय शिपयार्ड्स में ही बनते हैं।
- भारत अब मॉरीशस, श्रीलंका, वियतनाम और मालदीव जैसे देशों को भी जहाज निर्यात कर रहा है।
