21 एकड़ में तब्लीगी जमात का ऐतिहासिक जलसा शुरू, नूंह में जुटे 15 लाख से ज़्यादा मुस्लिम श्रद्धालु
नूंह में तब्लीगी जमात का विशाल जलसा शुरू, लाखों की भीड़ उमड़ी
"हरियाणा के नूंह जिले में आज से तब्लीगी जमात का ऐतिहासिक जलसा शुरू हो गया है। यह आयोजन धार्मिक, सामाजिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है। इस भव्य आयोजन के लिए 21 एकड़ भूमि में विशाल पंडाल लगाया गया है और अनुमान के अनुसार करीब 15 लाख मुस्लिम श्रद्धालु इसमें हिस्सा लेंगे।"
तब्लीगी जमात जलसा: क्या है इसका महत्व?
नूंह तब्लीगी जमात जलसा न केवल एक धार्मिक सभा है बल्कि यह एक सामाजिक मिलन का अवसर भी बन चुका है। यह जलसा पूरी दुनिया से आए मुसलमानों को एकजुट करने और इस्लाम की बुनियादी शिक्षाओं को साझा करने का मंच प्रदान करता है।
जलसे के लिए खास तैयारियां, सुरक्षा के पुख्ता इंतज़ाम
जलसे की विशालता को देखते हुए जिला प्रशासन और आयोजकों ने विशेष इंतज़ाम किए हैं। सुरक्षा के लिहाज से पूरे क्षेत्र में पुलिस बल तैनात है। ड्रोन कैमरों और सीसीटीवी से निगरानी की जा रही है। साथ ही, यातायात को नियंत्रित करने के लिए विशेष प्लान तैयार किया गया है।
21 एकड़ में फैला पंडाल, लाखों के बैठने की व्यवस्था
इस जलसे के लिए जो पंडाल बनाया गया है, वह लगभग 21 एकड़ में फैला हुआ है। इसमें एक साथ लाखों श्रद्धालुओं के बैठने, ठहरने और खाने-पीने की व्यवस्था की गई है। कई अस्थायी टॉयलेट, पेयजल केंद्र और चिकित्सा सहायता केंद्र भी बनाए गए हैं।
देश-विदेश से पहुंचे श्रद्धालु
इस बार के नूंह तब्लीगी जमात जलसा में न सिर्फ भारत के कोने-कोने से, बल्कि बांग्लादेश, पाकिस्तान, नेपाल, मलेशिया, इंडोनेशिया, यूएई और सऊदी अरब जैसे देशों से भी मुस्लिम समुदाय के लोग पहुंचे हैं। यह आयोजन एक अंतरराष्ट्रीय स्वरूप ले चुका है।
कौन करता है जलसे का आयोजन?
तब्लीगी जमात एक अंतरराष्ट्रीय इस्लामी संगठन है, जो इस्लाम की बुनियादी बातों को आम जनता तक पहुँचाने का कार्य करता है। यह संगठन किसी भी राजनीतिक गतिविधि में शामिल नहीं होता और पूरी तरह धार्मिक प्रचार-प्रसार पर केंद्रित रहता है।
जलसे में दिए जाते हैं धार्मिक उपदेश
इस जलसे में मशहूर आलिम (धार्मिक विद्वान) उपस्थित होते हैं जो कुरान, हदीस और इस्लामी जीवनशैली पर व्याख्यान देते हैं। साथ ही, समाज में शांति, भाईचारे और नैतिक मूल्यों की शिक्षा दी जाती है।
जलसे में स्वास्थ्य सुविधाएं भी मौजूद
15 लाख से अधिक लोगों की उपस्थिति को ध्यान में रखते हुए कई स्वास्थ्य कैंप लगाए गए हैं। इनमें 24 घंटे डॉक्टरों की टीम, एम्बुलेंस सेवाएं और मेडिकल स्टाफ तैनात हैं। किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए सभी आवश्यक उपाय किए गए हैं।
जलसे के दौरान सामाजिक नियमों का पालन
आयोजन समिति ने सभी प्रतिभागियों से अपील की है कि वे अनुशासन का पालन करें, स्वच्छता बनाए रखें और किसी भी तरह की अफवाह से बचें। इसके अलावा स्थानीय प्रशासन भी जागरूकता अभियान चला रहा है।
मुस्लिम समाज के लिए एकता का प्रतीक
नूंह तब्लीगी जमात जलसा केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं है, यह मुस्लिम समाज की एकता, शांति और सामाजिक समर्पण का प्रतीक बन चुका है। यहां विभिन्न देशों और संस्कृतियों के लोग एक ही छत के नीचे इकट्ठा होते हैं और एक-दूसरे से सीखते हैं।
जलसे के दौरान क्या हैं मुख्य आकर्षण?
- अंतरराष्ट्रीय स्तर के इस्लामी विद्वानों के भाषण
- कुरान की तिलावत और तफसीर
- नात और इबादत के कार्यक्रम
- इस्लामिक साहित्य और किताबों की प्रदर्शनी
- खान-पान की विविध व्यवस्थाएं
प्रशासन की भूमिका और सहयोग
हरियाणा सरकार और नूंह जिला प्रशासन ने इस कार्यक्रम को सफल बनाने में विशेष सहयोग दिया है। जलसे के सफल आयोजन के लिए प्रशासन, पुलिस, चिकित्सा विभाग और स्वयंसेवी संगठनों की साझा भागीदारी सराहनीय रही है।
मीडिया कवरेज और डिजिटल उपस्थिति
इस साल जलसे को विभिन्न मीडिया चैनलों और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लाइव दिखाया जा रहा है। इससे वे लोग जो किसी कारणवश यहां नहीं आ सके, वे भी इसका लाभ उठा सकें।