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2025 में भारत का आईटी सेक्टर देगा 4.5 लाख नई नौकरियां, एआई और क्लाउड में जबरदस्त डिमांड

भारत का आईटी सेक्टर 2025 में देगा 4.5 लाख से अधिक नई नौकरियां

"भारत का आईटी सेक्टर 2025 में एक बार फिर रोजगार के नए अवसरों का सृजन करने के लिए तैयार है। इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स के अनुसार, अगले साल के पहले छह महीनों में भर्तियों में 7 से 10 प्रतिशत की वृद्धि हो सकती है। साथ ही, पूरे वर्ष के दौरान आईटी इंडस्ट्री में 4 से 4.5 लाख नई नौकरियों का निर्माण होने की संभावना है।"


डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन बना रहेगा केंद्र में

डिजिटल टेक्नोलॉजी में लगातार निवेश यह दर्शाता है कि भारत का आईटी सेक्टर अब भी तेजी से बदलाव के दौर में है। भारत का आईटी सेक्टर 2025 में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), मशीन लर्निंग (ML), क्लाउड कंप्यूटिंग, डेटा इंजीनियरिंग और ऑटोमेशन जैसे क्षेत्रों में अपार संभावनाएं लेकर आएगा।


कंपनियां अपना रही हैं टारगेटेड टेक्नोलॉजी अप्रोच

फर्स्ट मेरिडियन बिजनेस सर्विसेज के सीईओ सुनील नेहरा के मुताबिक, कंपनियां अब ग्लोबल टेक्नोलॉजी इन्वेस्टमेंट्स के लिए अधिक फोकस्ड दृष्टिकोण अपना रही हैं। हालांकि, डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन की रफ्तार अभी धीमी नहीं हुई है। इसका सीधा असर भर्तियों की संख्या पर पड़ा है।


फ्रेशर्स की भर्ती में दिखेगा सकारात्मक रुझान

भारत का आईटी सेक्टर 2025 में फ्रेशर्स के लिए भी सुनहरे मौके लाएगा। वित्त वर्ष 2026 में फ्रेश ग्रेजुएट्स के लिए हायरिंग सेंटीमेंट पॉजिटिव रहेगा। खासकर एंट्री-लेवल टेक्नोलॉजी और सपोर्ट भूमिकाओं में नौकरियों की भरमार देखने को मिल सकती है।


रिकवरी के संकेत, लेकिन चुनौतियां भी कायम

फाइनेंशियल ईयर 2025 में जहां भारतीय आईटी कंपनियों ने रिकवरी के संकेत दिए हैं, वहीं पिछले वर्ष (2024) में हेड काउंट में गिरावट देखी गई थी। इसका कारण था वैश्विक मंदी, बजट कटौती और क्लाइंट प्रोजेक्ट्स में देरी। हालांकि अब कंपनियां दीर्घकालिक दृष्टिकोण से निवेश कर रही हैं।


नौकरी छोड़ने की दर हो रही है स्थिर

एनएलबी सर्विसेज के सीईओ सचिन अलुग का कहना है कि इंडस्ट्री में नौकरी छोड़ने की दर अब 13-15% पर स्थिर हो गई है। इससे स्पष्ट होता है कि टैलेंट लैंडस्केप में अब स्थिरता और संतुलन आ रहा है। इससे कंपनियां दीर्घकालिक योजनाएं बना पा रही हैं।


फ्रेशर्स के लिए नई उम्मीदें

सचिन अलुग ने आगे बताया कि कई कंपनियां FY26 में 10,000 से अधिक फ्रेशर्स को हायर करने की योजना बना रही हैं। यह ट्रेंड इस बात का संकेत है कि लंबी अवधि में कंपनियां ह्यूमन कैपिटल को मज़बूत करना चाहती हैं।


एआई, क्लाउड और डेटा इंजीनियरिंग में होगी सबसे अधिक मांग

रिपोर्ट के अनुसार, भारत का आईटी सेक्टर 2025 में सबसे बड़ा निवेश AI और जनरेटिव AI में कर रहा है। इसके अलावा, क्लाउड आधुनिकीकरण, साइबर सुरक्षा और डेटा इंजीनियरिंग जैसी क्षमताएं इंडस्ट्री की रीढ़ बन चुकी हैं।


हाई डिमांड रोल्स और उनकी सैलरी ग्रोथ

कुछ हाई डिमांड पद जिन पर कंपनियां अधिक वेतन दे रही हैं, उनमें शामिल हैं:

  • एआई/एमएल इंजीनियर
  • डेटा साइंटिस्ट
  • क्लाउड आर्किटेक्ट
  • डेवऑप्स इंजीनियर
  • ESG एनालिस्ट

इन भूमिकाओं में कार्य करने वालों को औसतन 8-10 प्रतिशत अधिक वेतन मिल रहा है।


भारत के अलग-अलग क्षेत्रों में बढ़ेगी हायरिंग

भारत के विभिन्न राज्यों में भी आईटी सेक्टर की हायरिंग एक्टिविटी बढ़ने वाली है। विशेष रूप से बेंगलुरु, हैदराबाद, पुणे, चेन्नई और नोएडा जैसे तकनीकी हब में अधिक रोजगार के अवसर सृजित होंगे।


स्किल अपग्रेडेशन बन रहा है ज़रूरी

इस बदलते दौर में केवल डिग्री ही नहीं, बल्कि सही स्किल्स होना भी बेहद जरूरी है। अब कंपनियां कर्मचारियों से AI, क्लाउड, ऑटोमेशन, डेटा साइंस और साइबर सुरक्षा जैसी नई टेक्नोलॉजी स्किल्स की उम्मीद रखती हैं।


अपस्किलिंग प्रोग्राम्स को मिल रहा है बढ़ावा

कई आईटी कंपनियों ने अपस्किलिंग और री-स्किलिंग प्रोग्राम्स शुरू किए हैं ताकि मौजूदा कर्मचारियों को नए टेक्नोलॉजी टूल्स में दक्ष बनाया जा सके। इससे प्रोडक्टिविटी बढ़ती है और कर्मचारियों की स्थायित्व दर भी बेहतर होती है।

आने वाला समय: टेक्नोलॉजी का युग

भारत का आईटी सेक्टर सिर्फ एक उद्योग नहीं, बल्कि एक राष्ट्रीय आर्थिक इंजन बन चुका है। 2025 में इसका योगदान रोजगार, स्किल डेवलपमेंट और डिजिटल इंडिया के लक्ष्य की प्राप्ति में बेहद अहम साबित होगा।

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