नई दिल्ली में भारत और अंगोला के रिश्तों को नई दिशा, विदेश मंत्री एस. जयशंकर और अंगोला के राष्ट्रपति के बीच महत्वपूर्ण भेंट
“भारत और अफ्रीका के बीच मजबूत होते संबंधों की दिशा में एक और कदम उठाते हुए, विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने दिल्ली में अंगोला के राष्ट्रपति जोआओ मैनुअल गोंसाल्वेस लौरेंको से मुलाकात की। यह बैठक भारत की ‘अफ्रीका फर्स्ट’ नीति और वैश्विक दक्षिण में सहयोग को बढ़ावा देने की रणनीति का हिस्सा है।”
एस. जयशंकर और अंगोला के राष्ट्रपति की मुलाकात
विदेश मंत्री ने इस उच्चस्तरीय भेंट की जानकारी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व ट्विटर) पर दी और राष्ट्रपति लौरेंको के प्रति आभार जताया। जयशंकर ने लिखा कि अंगोला के राष्ट्रपति से मुलाकात उनके लिए सम्मान की बात रही और उन्होंने भारत के प्रति राष्ट्रपति की गर्मजोशी और दृष्टिकोण की सराहना की।
रणनीतिक साझेदारी को विस्तार
यह भेंट ऐसे समय में हुई है जब अंगोला के राष्ट्रपति भारत की राजकीय यात्रा पर हैं। यह यात्रा दोनों देशों के बीच राजनयिक और आर्थिक सहयोग को विस्तार देने के लिए बेहद महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति लौरेंको की वार्ता
इस उच्चस्तरीय बैठक के बाद, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और अंगोला के राष्ट्रपति जोआओ लौरेंको के बीच प्रतिनिधिमंडल स्तरीय वार्ता प्रस्तावित है। ऐसी उम्मीद की जा रही है कि दोनों देशों के बीच व्यापार, ऊर्जा, शिक्षा, रक्षा, और कृषि जैसे क्षेत्रों में कई महत्वपूर्ण समझौते किए जाएंगे।
भारत-अंगोला द्विपक्षीय संबंधों का विस्तार
भारत और अंगोला के बीच लंबे समय से मजबूत कूटनीतिक संबंध हैं। भारत, अंगोला के तेल और गैस क्षेत्र में एक प्रमुख भागीदार रहा है। इसके अतिरिक्त, भारत की आईटी, स्वास्थ्य, और फार्मास्युटिकल कंपनियां भी अफ्रीकी बाजार में सक्रिय भूमिका निभा रही हैं।
भारत-अफ्रीका संबंधों की नई दिशा
भारत ने हमेशा अफ्रीकी देशों के साथ 'साझेदारी के सिद्धांत' पर काम किया है। भारत और अंगोला के बीच हो रही यह उच्चस्तरीय बातचीत भारत-अफ्रीका सहयोग को भी नई दिशा देने वाली है। विदेश मंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति लौरेंको की मुलाकात से दोनों देशों के बीच विकास के नए द्वार खुलेंगे।
