सिंगापुर आम चुनाव 2025 में लॉरेंस वोंग को भारी जनादेश, पीएम मोदी ने दी बधाई
"सिंगापुर आम चुनाव 2025 में पीपुल्स एक्शन पार्टी (PAP) ने एक बार फिर जबरदस्त जीत दर्ज की है। पार्टी ने 97 में से 87 सीटों पर जीत हासिल की है, जो लगातार 14वीं बार PAP को बहुमत मिलने का संकेत है। इससे यह साफ हो गया है कि लॉरेंस वोंग एक बार फिर सिंगापुर के प्रधानमंत्री बनेंगे।"
लॉरेंस वोंग की ऐतिहासिक वापसी
लॉरेंस वोंग ने मई 2024 में पूर्व प्रधानमंत्री ली ह्सियन लूंग के पद छोड़ने के बाद प्रधानमंत्री का पद संभाला था। 2025 का आम चुनाव उनके नेतृत्व की पहली अग्निपरीक्षा थी, जिसे उन्होंने बड़े जनादेश के साथ पार किया। सिंगापुर की आज़ादी (1965) के बाद से PAP सत्ता में है और यह जीत उस परंपरा को जारी रखती है।
चुनाव आयोग के आंकड़े और जन भागीदारी
सिंगापुर के चुनाव आयोग के अनुसार, 27,58,846 पंजीकृत मतदाताओं ने 1,240 मतदान केंद्रों पर वोट डाले। कुल 97 सीटों में से 92 पर मतदान हुआ। PAP ने सभी सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे। इस बार भी विपक्ष को सीमित सफलता मिली।
पीएम नरेंद्र मोदी की शुभकामनाएं
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लॉरेंस वोंग को चुनाव में शानदार जीत की बधाई दी। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर लिखा:
“चुनाव में शानदार जीत पर हार्दिक बधाई लॉरेंस वोंग। भारत और सिंगापुर के रिश्ते मजबूत और बहुआयामी हैं। मैं आपके साथ मिलकर इन संबंधों को और गहरा करने के लिए काम करने को उत्साहित हूं।”
इस बधाई संदेश से यह स्पष्ट है कि भारत और सिंगापुर के बीच रणनीतिक, व्यापारिक और सांस्कृतिक सहयोग और प्रगाढ़ होगा।
पिछले चुनावों की तुलना में प्रगति
| वर्ष | PAP की सीटें | वोट प्रतिशत |
|---|---|---|
| 2015 | 83 | 69.86% |
| 2020 | 83 | 61.24% |
| 2025 | 87 | (अभी जारी नहीं) |
इस बार वोंग और उनकी टीम ने अमेरिकी व्यापार टैक्स और वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं के बीच जनता से समर्थन मांगा और उन्हें भारी समर्थन मिला।
विपक्ष की स्थिति
वर्कर्स पार्टी, जो कि PAP की प्रमुख विरोधी पार्टी है, 2020 में 10 सीटें जीतने में सफल रही थी। इस बार भी उसने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई, लेकिन PAP की बढ़त बरकरार रही।
भारत-सिंगापुर संबंधों की नई दिशा
1. व्यापारिक सहयोग
भारत और सिंगापुर के बीच आर्थिक भागीदारी पहले से ही मजबूत है। इस राजनीतिक स्थिरता से व्यापार समझौते और निवेश बढ़ने की संभावना है।
2. डिजिटल और फिनटेक सहयोग
दोनों देश डिजिटल भुगतान, डेटा सुरक्षा और स्टार्टअप सहयोग पर मिलकर काम कर रहे हैं।
3. रक्षा और समुद्री सुरक्षा
हिंद-प्रशांत क्षेत्र में स्थिरता बनाए रखने के लिए दोनों देशों के बीच रक्षा समझौते और संयुक्त अभ्यास होते रहे हैं।
4. शिक्षा और प्रवासी सहयोग
सिंगापुर में हजारों भारतीय छात्र और व्यवसायी कार्यरत हैं। नई सरकार के साथ भारत को इस क्षेत्र में और अवसर मिल सकते हैं।
सिंगापुर की राजनीतिक स्थिरता: वैश्विक निवेश के लिए भरोसा
पीपुल्स एक्शन पार्टी की लगातार जीत ने सिंगापुर को निवेश के लिए एक स्थिर और सुरक्षित गंतव्य बनाए रखा है। लॉरेंस वोंग का नेतृत्व इस स्थिरता को नई दिशा देने के लिए तैयार है।
