गोवा के शिरगांव में लैराई जात्रा के दौरान भगदड़, कई श्रद्धालुओं की मौत पर पीएम मोदी ने जताया शोक
"गोवा के शिरगांव गांव में लैराई देवी जात्रा के दौरान शनिवार तड़के मची भगदड़ ने कई लोगों की जान ले ली और कई श्रद्धालु घायल हो गए। यह हादसा धार्मिक उत्सव के दौरान उस समय हुआ जब हज़ारों श्रद्धालु जलते अंगारों पर चलने की परंपरा निभाने के लिए मंदिर परिसर में जमा हुए थे।"
प्रधानमंत्री मोदी का संवेदनात्मक संदेश
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) के माध्यम से इस दर्दनाक घटना पर गहरा दुख प्रकट किया। उन्होंने लिखा:
“गोवा के शिरगांव में भगदड़ के कारण हुई मौतों से दुखी हूं। अपने प्रियजनों को खोने वालों के प्रति संवेदना। घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं। स्थानीय प्रशासन प्रभावित लोगों की सहायता कर रहा है।”
मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत की प्रतिक्रिया
गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने भी इस घटना को “बेहद दुखद” बताया और कहा कि उन्होंने खुद अस्पताल जाकर घायलों से मुलाकात की। उन्होंने कहा:
“प्रधानमंत्री मोदी ने मुझसे बात की और स्थिति का जायजा लिया। राज्य सरकार सभी जरूरी मदद सुनिश्चित कर रही है और मैं खुद स्थिति की निगरानी कर रहा हूं।”
कैसे हुआ हादसा? प्रत्यक्षदर्शियों की जुबानी
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक यह हादसा उस वक्त हुआ जब धार्मिक रस्म के एक अहम पड़ाव पर ढलान पर भीड़ अचानक तेजी से आगे बढ़ने लगी। इसके चलते कई लोग आपस में टकरा गए और भगदड़ की स्थिति बन गई।
स्थानीय स्वयंसेवकों और मंदिर कर्मचारियों ने स्थिति को संभालने की कोशिश की, लेकिन भीड़ की संख्या अधिक होने के कारण अफरातफरी फैल गई।
धार्मिक परंपरा का हिस्सा था जुलूस
लैराई जात्रा गोवा की सबसे प्रमुख धार्मिक परंपराओं में से एक है, जहां श्रद्धालु आस्था के प्रतीक के रूप में नंगे पांव जलते अंगारों पर चलते हैं। यह परंपरा सदियों से चली आ रही है और हर वर्ष लाखों की संख्या में श्रद्धालु इसमें भाग लेते हैं।
घायलों का इलाज और राहत कार्य
राज्य प्रशासन ने तुरंत राहत और बचाव कार्य शुरू किया। घायलों को नजदीकी अस्पतालों में भर्ती कराया गया है और गंभीर रूप से घायल लोगों को प्राथमिकता दी जा रही है।
मुख्यमंत्री कार्यालय और पुलिस प्रशासन ने घटनास्थल की घेराबंदी कर दी है और घटना की जांच के आदेश भी दे दिए गए हैं।
स्थानीय प्रशासन की पहल
| क्रिया | विवरण |
|---|---|
| राहत कार्य | घायलों के लिए एंबुलेंस और चिकित्सा सुविधा |
| निगरानी | मुख्यमंत्री द्वारा स्थिति की व्यक्तिगत समीक्षा |
| प्रधानमंत्री की बात | केंद्र सरकार द्वारा हरसंभव सहायता का आश्वासन |
| जांच प्रक्रिया | प्रशासन द्वारा हादसे के कारणों की जांच शुरू |
इस हादसे से मिले सबक
धार्मिक आयोजनों में भीड़ नियंत्रण के लिए सुरक्षा व्यवस्था और प्लानिंग बेहद जरूरी है।स्थानीय प्रशासन और मंदिर समितियों को इमरजेंसी रिस्पॉन्स प्लान बनाना चाहिए।टेक्नोलॉजी के उपयोग जैसे ड्रोन निगरानी, सीसीटीवी, पब्लिक अनाउंसमेंट सिस्टम को और मजबूत किया जाना चाहिए।
