भारत-भूटान आर्थिक सहयोग की दिशा में नई पहल
"भारत और भूटान के बीच लंबे समय से चले आ रहे घनिष्ठ रिश्तों को और मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया। भारत की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने हाल ही में भूटान के वित्त मंत्री ल्योनपो लेके दोरजी से मुलाकात की। इस बैठक में दोनों देशों के बीच आर्थिक सहयोग को नई दिशा देने, साझा प्राथमिकताओं और विकास योजनाओं पर चर्चा की गई।"
रणनीतिक सहयोग और साझा प्राथमिकताएं
बैठक में भारत और भूटान के बीच रणनीतिक सहयोग को विस्तार देने की प्रतिबद्धता दोहराई गई। इसमें खासतौर पर भूटान की 13वीं पंचवर्षीय योजना और इसके व्यापक आर्थिक लक्ष्यों को समर्थन देने की बात सामने आई। भारत ने इन लक्ष्यों को हासिल करने में हरसंभव सहयोग देने की मंशा जताई।
दोनों देशों ने भौतिक, डिजिटल और वित्तीय संपर्क को मजबूत करने पर जोर दिया। सीमापार व्यापार, आधारभूत ढांचे का विकास और वित्तीय एकीकरण जैसे क्षेत्रों को प्राथमिकता देने की सहमति बनी।
उभरते क्षेत्रों में सहयोग की पुष्टि
भारत ने भूटान की “गेलेफू माइंडफुलनेस सिटी” जैसी महत्वाकांक्षी पहलों की सराहना की और उनके साथ सहयोग की बात कही। इसके साथ ही नवीकरणीय ऊर्जा, डिजिटल नवाचार और फिनटेक जैसे उभरते क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने का भी भरोसा दिलाया गया।
इन क्षेत्रों में भारत की तकनीकी विशेषज्ञता और निवेश क्षमता भूटान की स्थिरता और विकास के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।
साझा भविष्य की ओर कदम
वित्त मंत्रियों की बैठक में पारंपरिक और आधुनिक क्षेत्रों में सहयोग को एक नई ऊंचाई पर ले जाने की इच्छा प्रकट की गई। भारत और भूटान ने एक साझा भविष्य के निर्माण की दिशा में काम करने की प्रतिबद्धता जताई। यह सहयोग न केवल दोनों देशों की आर्थिक समृद्धि में सहायक होगा, बल्कि दक्षिण एशिया में क्षेत्रीय स्थिरता और समावेशी विकास को भी प्रोत्साहन देगा।
भारत-इटली सहयोग पर भी चर्चा
इससे पहले निर्मला सीतारमण ने इटली के वित्त मंत्री जियानकार्लो जियोर्जेटी से भी मुलाकात की। भारत और इटली ने नवंबर 2024 में घोषित संयुक्त रणनीतिक कार्य योजना 2025-2029 के क्रियान्वयन पर चर्चा की। यह कार्य योजना दोनों देशों के बीच व्यापार, तकनीकी सहयोग और वैश्विक मंचों पर साझेदारी को गति देने में सहायक होगी।
भारत-भूटान सहयोग की विशेषताएं
1. पारंपरिक संबंधों को नई ऊर्जा
भूटान के साथ भारत के संबंध सांस्कृतिक, धार्मिक और सामाजिक आधार पर सुदृढ़ हैं। अब ये संबंध आर्थिक और तकनीकी स्तर पर भी मजबूत किए जा रहे हैं।
2. 13वीं पंचवर्षीय योजना में भारत की भूमिका
भूटान की नई विकास योजना में भारत एक रणनीतिक भागीदार के रूप में उभरा है, जो दीर्घकालिक आर्थिक स्थिरता को सहयोग देगा।
3. डिजिटल और वित्तीय संपर्क
दोनों देश सीमापार डिजिटल भुगतान, बैंकिंग साझेदारी और फिनटेक समाधानों के माध्यम से वित्तीय समावेशन को बढ़ाने पर काम कर रहे हैं।
भविष्य की रणनीति
भारत और भूटान दोनों ने यह स्पष्ट किया कि उनके संबंध केवल द्विपक्षीय लाभ के लिए नहीं, बल्कि क्षेत्रीय शांति और प्रगति के लिए भी महत्वपूर्ण हैं।
भविष्य के लक्ष्यों में शामिल हैं:
महिला सशक्तिकरण के लिए वित्तीय समावेशन
सीमापार डिजिटल व्यापार को सुगम बनाना
जलवायु परिवर्तन के प्रति संयुक्त रणनीति बनाना
युवाओं के लिए रोजगार सृजन

"भारत-भूटान आर्थिक सहयोग एक मजबूत साझेदारी का प्रतीक है, जो पारंपरिक मूल्यों और आधुनिक विकास की दिशा में एक साथ चलने का उदाहरण पेश करता है। वित्त मंत्रियों की यह मुलाकात दोनों देशों के लिए भविष्य की दिशा तय करने वाली एक प्रमुख पहल रही। अब यह देखना होगा कि इन नीतिगत चर्चाओं को जमीन पर किस तरह उतारा जाता है।"
