वित्त आयोग की टीम ने उत्तराखंड में विकास योजनाओं पर की अहम बातचीत
“मुख्यमंत्री धामी और वित्त आयोग के बीच विकास के मुद्दों पर हुई बातचीत”
उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में रविवार को 16वें वित्त आयोग का प्रतिनिधिमंडल राज्य दौरे पर पहुंचा। इस दौरे के दौरान आयोग की टीम ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से शासकीय आवास पर मुलाकात की। इस बैठक में राज्य के समग्र विकास, वित्तीय जरूरतों और संरचनात्मक योजनाओं पर चर्चा हुई।
मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया पर जानकारी दी कि उन्होंने 16वें वित्त आयोग के अध्यक्ष डॉ. अरविंद पनगढ़िया और उनके साथ आए प्रतिनिधियों का स्वागत किया। उन्होंने बताया कि राज्य के विकास से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर सार्थक चर्चा हुई।
वित्त आयोग उत्तराखंड विकास चर्चा का उद्देश्य
वित्त आयोग उत्तराखंड विकास चर्चा के माध्यम से राज्य की वित्तीय स्थिति, संसाधनों के वितरण, केंद्र से मिलने वाले अनुदानों और विभिन्न योजनाओं के लिए आवश्यक सहयोग को समझने का प्रयास कर रहा है। आयोग का यह दौरा राज्यों की ज़मीनी ज़रूरतों को समझकर सिफारिशें तैयार करने की दिशा में एक अहम कदम है।
प्रतिनिधिमंडल में शामिल रहे प्रमुख सदस्य
16वें वित्त आयोग की टीम में वरिष्ठ अधिकारी और विशेषज्ञ शामिल थे। इनमें एनी जॉर्ज मैथ्यू, मनोज पांडा, सौम्या कांतिघोष, सचिव ऋत्विक पांडे, संयुक्त सचिव केके मिश्रा और संयुक्त निदेशक पी. अमृतवर्षिणी प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।
राज्य सरकार की ओर से कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल, मुख्य सचिव आनंद बर्धन, प्रमुख सचिव आर.के. सुधांशु, सचिव वित्त दिलीप जावलकर और वित्त विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारी बैठक में मौजूद थे।
सोमवार को सचिवालय में रखे जाएंगे राज्य के प्रस्ताव
राज्य सरकार ने सोमवार को सचिवालय में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में एक विस्तृत बैठक आयोजित करने का निर्णय लिया है। इस बैठक में वित्त आयोग के समक्ष उत्तराखंड के विकास, योजनाओं और वित्तीय जरूरतों से जुड़े प्रस्ताव रखे जाएंगे।
इस बैठक में उत्तराखंड सरकार की ओर से राज्य के समग्र विकास, अधोसंरचना परियोजनाओं, शिक्षा, स्वास्थ्य, पर्यटन और परिवहन से जुड़े प्रस्तावों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
पंचायत और निकाय प्रतिनिधियों से भी करेगा आयोग संवाद
वित्त आयोग केवल सरकारी अधिकारियों से नहीं, बल्कि स्थानीय निकायों और पंचायत प्रतिनिधियों से भी सीधे संवाद करेगा। आयोग का उद्देश्य यह है कि स्थानीय स्तर पर चल रही योजनाओं, वित्तीय समस्याओं और सुधारों को भी अपने सुझावों में शामिल किया जा सके।
इसके साथ ही, विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों से भी संवाद की योजना है, ताकि राज्य में सभी वर्गों की भागीदारी से वित्तीय योजनाएं तैयार की जा सकें।
राज्य सरकार की अपेक्षाएं – विशेष आर्थिक सहायता
उत्तराखंड जैसे पर्वतीय राज्यों को भौगोलिक परिस्थितियों और सीमित संसाधनों के कारण कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। राज्य सरकार ने लंबे समय से केंद्र सरकार से विशेष आर्थिक सहायता की मांग की है।
वित्त आयोग उत्तराखंड विकास चर्चा के माध्यम से इन विशिष्ट आवश्यकताओं को पहचानने की कोशिश कर रहा है। राज्य सरकार का मानना है कि आयोग की सिफारिशों में उत्तराखंड को अतिरिक्त सहायता प्राप्त हो सकती है।
वित्त आयोग की भूमिका और जिम्मेदारी
भारत सरकार द्वारा गठित 16वां वित्त आयोग केंद्र और राज्यों के बीच संसाधनों के वितरण पर सुझाव देगा। यह आयोग यह तय करता है कि केंद्र सरकार किस प्रकार राज्यों को अनुदान देगी और किन राज्यों को विशेष सहायता की जरूरत है।
उत्तराखंड की ओर से यह अपेक्षा है कि पर्वतीय और सीमावर्ती राज्य होने के नाते उसे विशेष दर्जा और सहायता दी जाए।
- आयोग का नेतृत्व: डॉ. अरविंद पनगढ़िया
- मुख्यमंत्री से बैठक: शासकीय आवास, देहरादून
- प्रमुख विषय: विकास योजनाएं, वित्तीय आवश्यकताएं, केंद्र से सहायता
- शामिल सदस्य: वित्त विभाग व आयोग के वरिष्ठ अधिकारी
- आगामी योजना: सोमवार को सचिवालय में विस्तृत बैठक
- अन्य बैठकें: पंचायत, निकाय और राजनीतिक दलों से संवाद
