डोनाल्ड ट्रंप का नया व्यापार नीति बयान: सभी विदेशी स्मार्टफोन पर टैरिफ लागू करने की योजना
"पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक हालिया साक्षात्कार में कहा है कि यदि वह 2025 में दोबारा राष्ट्रपति चुने जाते हैं, तो सभी विदेश में बने स्मार्टफोन पर टैरिफ लगाया जाएगा। ट्रंप ने यह भी साफ कर दिया कि इस फैसले से एप्पल जैसे अमेरिकी ब्रांड भी प्रभावित होंगे, यदि उनके उत्पाद अमेरिका के बाहर बनाए जाते हैं।"
विदेशी स्मार्टफोन पर टैरिफ: ट्रंप की सोच क्या है?
डोनाल्ड ट्रंप ने अपने राष्ट्रपति कार्यकाल के दौरान पहले भी चीन के खिलाफ व्यापार युद्ध छेड़ा था। अब एक बार फिर वह अमेरिका में स्थानीय निर्माण को प्रोत्साहित करने के लिए विदेशी उत्पादों पर टैरिफ लगाने की रणनीति अपना रहे हैं।
मुख्य कारण:
स्थानीय विनिर्माण को बढ़ावा देनाचीन पर आर्थिक निर्भरता कम करनाअमेरिकी नौकरियों की सुरक्षाटेक्नोलॉजी कंपनियों को अमेरिका में निवेश के लिए प्रेरित करना
एप्पल पर भी होगा असर
हालांकि एप्पल एक अमेरिकी कंपनी है, लेकिन इसके ज्यादातर उत्पाद जैसे कि iPhone और iPad चीन, वियतनाम और भारत में बनाए जाते हैं। ऐसे में ट्रंप की यह नीति एप्पल जैसे अमेरिकी ब्रांड पर भी प्रत्यक्ष प्रभाव डालेगी।
यदि एप्पल को टैरिफ देना पड़ा, तो इसका असर iPhone की कीमतों पर पड़ेगा और यह उपभोक्ताओं के लिए महंगा हो सकता है।
किन स्मार्टफोन ब्रांड्स पर पड़ेगा सबसे अधिक असर?
एप्पल: चीन और भारत में मैन्युफैक्चरिंगसैमसंग: वियतनाम और दक्षिण कोरिया में उत्पादनशाओमी, ओप्पो, वीवो: पूर्णतः चीन केंद्रितगूगल (Pixel): ताइवान और वियतनाम में निर्माण
इन सभी ब्रांड्स के अमेरिका में बिकने वाले मॉडल यदि विदेशों में बने होते हैं, तो उन पर नया टैरिफ लागू होगा।
क्या होगा इस फैसले का असर अमेरिकी उपभोक्ताओं पर?
1. स्मार्टफोन महंगे होंगे
टैरिफ का बोझ कंपनियां उपभोक्ताओं पर डालेंगी, जिससे स्मार्टफोन की कीमतें बढ़ सकती हैं।
2. विकल्पों की कमी
स्थानीय मैन्युफैक्चरिंग का समय और लागत ज्यादा होती है, जिससे बाजार में विकल्प सीमित हो सकते हैं।
3. उपभोक्ता अनुभव प्रभावित होगा
कम बजट वाले यूजर्स के लिए प्रीमियम डिवाइस खरीदना मुश्किल हो जाएगा।
फोकस कीवर्ड से संबंधित उप-शीर्षक:
स्मार्टफोन पर टैरिफ: अमेरिकी राजनीति का नया मुद्दा
ट्रंप के बयान से साफ है कि स्मार्टफोन पर टैरिफ अब सिर्फ व्यापार नीति नहीं, बल्कि चुनावी मुद्दा भी बन चुका है। वे इसे 'अमेरिका फर्स्ट' रणनीति का हिस्सा बता रहे हैं।
स्मार्टफोन पर टैरिफ नीति का वैश्विक असर
यदि अमेरिका में यह टैरिफ लागू होता है, तो दुनियाभर के स्मार्टफोन उत्पादकों को अपने व्यापार मॉडल में बदलाव करना पड़ेगा। इससे वैश्विक सप्लाई चेन प्रभावित हो सकती है।
क्या है उद्योग विशेषज्ञों की राय?
कई टेक विशेषज्ञों का मानना है कि यह फैसला तकनीकी विकास को धीमा कर सकता है। एक विशेषज्ञ ने कहा, "यदि टैरिफ बहुत ऊंचा होता है, तो कंपनियों को अमेरिका में प्लांट लगाने होंगे, जिससे उत्पादन लागत बढ़ेगी और उपभोक्ताओं की जेब पर असर पड़ेगा।"
क्या ट्रंप की यह नीति लागू हो पाएगी?
यह पूरी तरह इस बात पर निर्भर करता है कि ट्रंप चुनाव जीतते हैं या नहीं। साथ ही, उन्हें अमेरिकी कांग्रेस से इस नीति को पारित करवाना होगा, जो एक कठिन राजनीतिक प्रक्रिया है।
