राइजिंग नॉर्थ ईस्ट निवेश समिट 2025: पूर्वोत्तर भारत में 4 लाख करोड़ के निवेश प्रस्ताव, 8 एमओयू हुए साइन
"पूर्वोत्तर भारत के आर्थिक परिदृश्य को सशक्त बनाने के उद्देश्य से आयोजित राइजिंग नॉर्थ ईस्ट निवेश समिट 2025 ने नई ऊंचाइयों को छू लिया है। इस समिट के दौरान 4 लाख करोड़ रुपए से अधिक के निवेश प्रस्ताव सामने आए और आठ महत्वपूर्ण समझौतों (एमओयू) पर हस्ताक्षर हुए।"
पूर्वोत्तर भारत: निवेश का नया केंद्र
राइजिंग नॉर्थ ईस्ट निवेश समिट 2025 का उद्देश्य क्षेत्र में व्यापारिक संभावनाओं को पहचानना और निवेशकों को आकर्षित करना था। सरकार ने इसे एक ऐसा मंच बनाया, जहां उद्योगपति, सरकारी अधिकारी, और विभिन्न क्षेत्रों के प्रतिनिधि एकत्रित हुए।
इस समिट से यह स्पष्ट हो गया कि पूर्वोत्तर भारत अब निवेश का केंद्र बन रहा है। इसके पीछे वहां की प्राकृतिक संपदा, रणनीतिक स्थिति और सरकार की योजनाएं मुख्य भूमिका निभा रही हैं।
प्रमुख निवेश क्षेत्र और प्रस्ताव
उद्योग और उत्पादन क्षेत्र में निवेश
कई निवेशकों ने मैन्युफैक्चरिंग और कृषि आधारित उद्योगों में रुचि दिखाई है। क्षेत्र की प्राकृतिक संपत्ति और संसाधन इस ओर निवेश को आकर्षित कर रहे हैं।
पर्यटन और हॉस्पिटैलिटी सेक्टर
पूर्वोत्तर की प्राकृतिक सुंदरता और सांस्कृतिक विविधता को देखते हुए पर्यटन क्षेत्र में भी भारी निवेश प्रस्ताव मिले हैं।
बुनियादी ढांचा और परिवहन
सरकार ने बुनियादी ढांचे के विकास पर विशेष जोर दिया है। सड़कों, रेलवे और हवाई अड्डों में निवेश की कई घोषणाएं इस समिट में की गईं।
8 महत्वपूर्ण समझौतों (एमओयू) पर हस्ताक्षर
इस निवेश समिट में 8 एमओयू साइन किए गए, जिनमें से कुछ निम्नलिखित हैं:
- ऊर्जा उत्पादन परियोजनाएं
- कृषि तकनीक में निवेश
- इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग यूनिट
- शिक्षा व स्किल डेवलपमेंट प्रोजेक्ट्स
इन समझौतों से अनुमानित तौर पर लाखों रोजगार के अवसर पैदा होंगे और स्थानीय अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी।
सरकार की भूमिका और नीति समर्थन
नीति में लचीलापन और सहूलियतें
राज्य और केंद्र सरकार द्वारा व्यापार के अनुकूल माहौल तैयार करने के लिए नीति में लचीलापन, कर में छूट, और तेजी से स्वीकृति की प्रक्रिया को बढ़ावा दिया गया है।
स्थानीय उद्यमियों को बढ़ावा
समिट के जरिए स्थानीय उद्यमियों और स्टार्टअप्स को निवेशकों से जोड़ने की पहल की गई, जिससे उनका भी विकास सुनिश्चित हो सके।
रोजगार और सामाजिक प्रभाव
नौकरी के अवसर
प्रस्तावित निवेश से अनुमान है कि 5 लाख से अधिक प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर पैदा होंगे।
स्थानीय उत्पादों को वैश्विक बाजार
पूर्वोत्तर के बांस, चाय, हस्तशिल्प जैसे उत्पादों को अब वैश्विक बाजार में स्थान मिलने की संभावना बढ़ी है।
राइजिंग नॉर्थ ईस्ट निवेश समिट: भविष्य की राह
यह समिट केवल निवेश प्रस्तावों का मंच नहीं रहा, बल्कि यह पूर्वोत्तर भारत की अर्थव्यवस्था के परिवर्तन की दिशा में एक बड़ा कदम है। इस पहल से यह संकेत मिला है कि क्षेत्र की भू-राजनीतिक स्थिति, संपदा, और संस्कृति को आर्थिक शक्ति में बदला जा सकता है।
लेकिन एक प्रेरणा
राइजिंग नॉर्थ ईस्ट निवेश समिट 2025 ने यह सिद्ध कर दिया कि सही नीतियों और मंच के साथ, भारत के पूर्वोत्तर राज्यों को विकास और निवेश का केंद्र बनाया जा सकता है। निवेशकों का विश्वास और सरकार की प्रतिबद्धता इस दिशा में मील का पत्थर साबित हो सकती है।
