भारत बना दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था, 2027 तक तीसरे स्थान पर पहुंचने का लक्ष्य
"नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी बीवीआर सुब्रह्मण्यम ने एक महत्वपूर्ण घोषणा करते हुए बताया कि भारत अब जापान को पीछे छोड़कर दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है। यह जानकारी उन्होंने 10वीं नीति आयोग गवर्निंग काउंसिल मीटिंग के बाद आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में दी। उन्होंने कहा कि यह डेटा अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) द्वारा पुष्टि किया गया है।"
भारत की जीडीपी 4 ट्रिलियन डॉलर के पार पहुंची
IMF के वर्ल्ड इकोनॉमिक आउटलुक अप्रैल 2025 के अनुसार, भारत की नॉमिनल जीडीपी 2025 में 4,187.017 अरब डॉलर हो जाएगी, जबकि जापान की जीडीपी 4,186.431 अरब डॉलर रहने का अनुमान है।
विश्व में भारत की स्थिति अब केवल अमेरिका, चीन और जर्मनी से पीछे है
भारत ने जापान को पीछे छोड़ दिया है और अब तीसरे स्थान पर काबिज जर्मनी से केवल एक कदम दूर है। नीति आयोग के अनुसार, अगर विकास दर इसी गति से बनी रही, तो अगले 2.5 से 3 वर्षों में भारत तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा।
भारत की अर्थव्यवस्था 2027 तक 5 ट्रिलियन डॉलर पार कर सकती है
IMF के अनुमानों के अनुसार भविष्य उज्ज्वल है
2027 तक भारत की जीडीपी 5,069.47 अरब डॉलर तक पहुंच सकती है और 2028 तक यह बढ़कर 5,584.476 अरब डॉलर हो सकती है। इस समयावधि में जर्मनी की अनुमानित जीडीपी 5,251.928 अरब डॉलर रहेगी, जिससे स्पष्ट होता है कि भारत तीसरे स्थान पर पहुंच जाएगा।
वैश्विक अर्थव्यवस्था में भारत की बढ़ती भूमिका
अमेरिका और चीन अभी भी शीर्ष पर
IMF के अनुसार, 2025 में अमेरिका 30,507.217 अरब डॉलर की जीडीपी के साथ पहले और चीन 19,231.705 अरब डॉलर के साथ दूसरे स्थान पर रहेगा। भारत की स्थिर वृद्धि दर और सुधारात्मक नीतियां इसे वैश्विक आर्थिक परिदृश्य में मजबूत बनाती हैं।
यूरोपीय देशों की धीमी वृद्धि भारत के लिए अवसर
यूरोप की अर्थव्यवस्था में मंदी
2025 में यूरोपीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 0.8% रहने की संभावना है। 2026 में इसमें मामूली सुधार के साथ यह 1.2% तक पहुंच सकती है।
भारत दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था: इसके पीछे क्या हैं मुख्य कारण?
1. मजबूत उपभोग आधारित अर्थव्यवस्था
भारत की आंतरिक खपत और बढ़ती मध्य वर्ग आबादी ने देश को स्थिर आर्थिक आधार प्रदान किया है।
2. तकनीक और नवाचार में बढ़त
स्टार्टअप्स, डिजिटल इंडिया, और तकनीकी सुधारों के चलते भारत ग्लोबल टेक्नोलॉजी हब बनता जा रहा है।
3. बुनियादी ढांचे और निर्माण क्षेत्र में वृद्धि
रेल, सड़क, बंदरगाह और औद्योगिक गलियारों में भारी निवेश ने निर्माण और रोजगार दोनों में तेजी दी है।
4. वैश्विक निवेशकों का भरोसा
भारत अब FDI के लिए एक सुरक्षित और आकर्षक गंतव्य बन चुका है।
भारत के आर्थिक विकास से जुड़े वैश्विक परिदृश्य पर असर
अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की भूमिका सशक्त
जैसे-जैसे भारत की जीडीपी बढ़ रही है, वैसे-वैसे उसकी भूमिका G20, BRICS और WTO जैसे मंचों पर भी अहम हो रही है।
विकासशील देशों के लिए प्रेरणा
भारत की आर्थिक प्रगति अन्य विकासशील देशों को दिखाती है कि संस्थागत सुधार और तकनीकी नवाचार से किस तरह वैश्विक अर्थव्यवस्था में सशक्त उपस्थिति बनाई जा सकती है।
“भारत दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बना”
- “नीति आयोग की बैठक में बीवीआर सुब्रह्मण्यम”
- “भारत और जापान की जीडीपी तुलना 2025”
- “भारत की जीडीपी वृद्धि दर 2025 से 2028 तक”
भारत की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की दिशा में कदम
भारत को तीसरे स्थान तक पहुंचने के लिए निरंतर सुधार, निवेश में वृद्धि, और व्यापारिक स्थायित्व को बनाए रखना होगा। नीति आयोग और सरकार की योजनाएं इसी दिशा में संकेत देती हैं।
भारत दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने के क्या मायने हैं?
- वैश्विक निवेश में वृद्धि
- रोजगार और उद्यमिता में अवसर
- सामरिक और राजनयिक ताकत में वृद्धि
- भारत का वैश्विक नेतृत्व बढ़ना
