भारत पाकिस्तान सीमापार आतंकवाद को वैश्विक मंच पर लाया, ब्रसेल्स में यूरोपीय नेताओं को दी जानकारी
"ब्रसेल्स में भारतीय संसद के नौ सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने एक मजबूत कूटनीतिक कदम उठाते हुए पाकिस्तान द्वारा आतंकवाद को राष्ट्रीय नीति के रूप में इस्तेमाल किए जाने का मुद्दा विश्व स्तर पर उठाया। रविशंकर प्रसाद के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल ने यूरोपीय संसद की उपाध्यक्ष क्रिस्टेल शाल्डेमोज से मुलाकात की और 22 अप्रैल को हुए पहलगाम हमले व भारत की प्रतिक्रिया—ऑपरेशन सिंदूर—की विस्तार से जानकारी दी।"
यूरोपीय संसद को बताया: पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद से कश्मीर में विकास बाधित
बैठक के दौरान भारतीय प्रतिनिधियों ने बताया कि कैसे पाकिस्तान सीमापार आतंकवाद का इस्तेमाल कश्मीर में विकास कार्यों को बाधित करने और सांप्रदायिक तनाव फैलाने के लिए कर रहा है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर साझा की गई जानकारी के अनुसार, यह एक ऐसा अवसर था जहाँ भारत ने संसद स्तर पर अपनी चिंता स्पष्ट रूप से रखी।
रविशंकर प्रसाद की टिप्पणी:
"हमने यूरोपीय संसद की उपाध्यक्ष को पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद और भारत की जीरो टॉलरेंस नीति से अवगत कराया। साथ ही यह आग्रह किया कि अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर पाकिस्तान को आतंकवाद के समर्थन की वास्तविक कीमत चुकानी चाहिए।"
ऑपरेशन सिंदूर: आतंकवाद पर भारत की सटीक और संगठित प्रतिक्रिया
ऑपरेशन सिंदूर को भारत की आतंकवाद विरोधी रणनीति का केंद्र बताया गया। यूरोपीय संसद के सदस्यों को इस अभियान के लक्ष्यों और संचालन की प्रक्रिया से अवगत कराया गया।
- आतंकवाद के खिलाफ भारत की सटीक नीति
- सीमापार आतंकी हमलों पर संगठित और सामरिक प्रतिक्रिया
- वैश्विक सुरक्षा के लिए भारत की भूमिका
पीड़ितों के प्रति यूरोपीय एकजुटता
यूरोपीय संसद के सदस्यों ने पहलगाम आतंकी हमले के पीड़ितों के प्रति संवेदना और एकजुटता जताई। प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि यह समर्थन आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक साझेदारी को मज़बूत करता है।
थिंक टैंक के साथ गहन विमर्श
ब्रसेल्स में भारतीय सांसदों ने थिंक टैंक संस्थाओं के साथ सीमापार आतंकवाद और साइबर सुरक्षा जैसे विषयों पर गहन चर्चा की। बैठक में इस बात पर बल दिया गया कि:
- भारत के खिलाफ आतंकवाद को एक रणनीतिक उपकरण के रूप में प्रयोग किया जा रहा है
- भारत की सुरक्षा नीति आतंकवाद के प्रति पूर्ण असहिष्णुता पर आधारित है
- वैश्विक जागरूकता और कार्रवाई अत्यंत आवश्यक है
प्रवासी भारतीय समुदाय की सहभागिता
भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने भारतीय प्रवासियों के साथ भी बातचीत की, जिन्होंने भारत के आतंकवाद विरोधी रुख और नीति की सराहना की। साथ ही, उन्होंने भारत के लिए समर्थन व्यक्त करते हुए वैश्विक मंचों पर देश की आवाज़ बनने का संकल्प दोहराया।
बहुदलीय प्रतिनिधिमंडल की भागीदारी
प्रतिनिधिमंडल में शामिल थे:
- रविशंकर प्रसाद (भाजपा)
- दग्गुबाती पुरंदेश्वरी (भाजपा)
- प्रियंका चतुर्वेदी (शिवसेना-यूबीटी)
- गुलाम अली खटाना (भाजपा)
- अमर सिंह (कांग्रेस)
- समिक भट्टाचार्य (भाजपा)
- एम. थंबीदुरई (एआईएडीएमके)
- एम.जे. अकबर (पूर्व केंद्रीय मंत्री)
- पंकज सरन (पूर्व राजदूत)
इस बहुदलीय सहभागिता से यह संदेश गया कि भारत आतंकवाद के मुद्दे पर एकजुट है।
अंतरराष्ट्रीय कूटनीति में भारत की सक्रियता
ब्रसेल्स दौरे से पहले प्रतिनिधिमंडल ने फ्रांस, इटली, डेनमार्क और ब्रिटेन का दौरा किया, जहाँ उन्होंने पाकिस्तान द्वारा आतंकवाद को समर्थन देने की रणनीति को उजागर किया। यह भारत की वैश्विक कूटनीतिक संपर्क अभियान का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य है:
- आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक समर्थन जुटाना
- भारत की नीति को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्पष्ट करना
- आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की भावना फैलाना
भारत पाकिस्तान सीमापार आतंकवाद पर वैश्विक समर्थन के लिए कर रहा है निर्णायक प्रयास
भारत पाकिस्तान सीमापार आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक समर्थन जुटाने की दिशा में गंभीर प्रयास कर रहा है। ब्रसेल्स में उठाया गया यह मुद्दा भारत की कूटनीतिक सक्रियता, रणनीतिक दृढ़ता और आतंकवाद के प्रति उसके अडिग रुख को दर्शाता है। ऑपरेशन सिंदूर एक संदेश है कि भारत अब केवल प्रतिक्रिया नहीं, बल्कि वैश्विक नेतृत्व के साथ मिलकर सक्रिय रणनीति अपनाने को तैयार है।
