ब्रिक्स संसदीय फोरम 2025 का समापन: आतंकवाद और एआई पर साझा रणनीति बनाने की जरूरत पर जोर
"ब्रिक्स संसदीय फोरम 2025 का 11वां संस्करण सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। समापन सत्र में लोकसभा अध्यक्ष ने इस आयोजन की सफलता पर संतोष व्यक्त करते हुए मेज़बान देश के प्रति आभार प्रकट किया। इस वर्ष के फोरम में ब्राज़ील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका की संसदों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। इस फोरम का मुख्य उद्देश्य संसदीय सहयोग को मजबूत करना, तकनीकी और आर्थिक मुद्दों पर विचार-विमर्श करना, और आतंकवाद के खिलाफ साझा रणनीति बनाना था।"
संयुक्त संकल्प: आतंकवाद पर जीरो टॉलरेंस की नीति
फोरम के अंत में पारित संयुक्त संकल्प में यह स्पष्ट किया गया कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में सभी देशों को एकजुट होना जरूरी है। विशेष रूप से 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले की कड़ी निंदा की गई।
लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि भारत लंबे समय से वैश्विक स्तर पर आतंकवाद के खिलाफ एकजुट नीति की वकालत करता रहा है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उस बयान की भी याद दिलाई जिसमें उन्होंने "आतंकवाद के लिए शून्य सहनशीलता" की जरूरत पर बल दिया था।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस: जिम्मेदार और पारदर्शी उपयोग की सहमति
आधुनिक युग में AI का महत्व
ब्रिक्स देशों ने यह माना कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) आधुनिक समय की ज़रूरत है। यह शिक्षा, स्वास्थ्य, प्रशासन और अर्थव्यवस्था में क्रांतिकारी बदलाव ला सकता है।
जिम्मेदार उपयोग पर सहमति
हालांकि, इस तकनीक के दुरुपयोग की संभावना को देखते हुए, सभी देशों ने इस बात पर सहमति जताई कि इसका उपयोग जवाबदेही और पारदर्शिता के साथ होना चाहिए।
ब्रिक्स देशों ने मिलकर एक संयुक्त एआई नीति फ्रेमवर्क पर काम करने का प्रस्ताव रखा है, जिससे इसका प्रयोग जनहित में हो और वैश्विक नियमों के तहत नियंत्रित किया जा सके।
आर्थिक सहयोग और व्यापार पर विशेष ध्यान
साझा बाजार और समावेशी विकास
फोरम में आर्थिक समावेशन, आंतरिक व्यापार, और साझा विकास लक्ष्यों को आगे बढ़ाने पर चर्चा हुई। सभी सदस्य देशों ने इस बात पर बल दिया कि ब्रिक्स के अंदर व्यापार बाधाओं को कम किया जाए और साझा उद्यमों को बढ़ावा दिया जाए।
भारत की भूमिका
भारत ने स्पष्ट किया कि वह सभी देशों के साथ बहुपक्षीय सहयोग के लिए तैयार है और कानून के शासन, मानवाधिकार और विकास के लक्ष्यों को प्राथमिकता देगा।
लोकसभा अध्यक्ष का संबोधन: संसदीय संवाद की अहमियत
लोकसभा अध्यक्ष ने अपने समापन भाषण में कहा कि संसदीय संवाद और अनुभवों के आदान-प्रदान से नागरिकों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि पारदर्शी संवाद लोकतंत्र को मजबूत करता है और अंतरराष्ट्रीय सहयोग को नई दिशा देता है।
भारत करेगा अगली ब्रिक्स बैठक की मेजबानी
अगली बैठक का एजेंडा
लोकसभा अध्यक्ष ने घोषणा की कि अगली ब्रिक्स संसदीय बैठक भारत में आयोजित की जाएगी। इसके लिए भारत एआई, व्यापार, समाज और आर्थिक मुद्दों को एजेंडे में शामिल करेगा।
भारत की वैश्विक भूमिका
इस आयोजन से यह स्पष्ट है कि भारत न केवल ब्रिक्स देशों के बीच एक मजबूत साझेदार है, बल्कि वह वैश्विक मुद्दों पर नेतृत्वकर्ता की भूमिका निभा रहा है।
संसदीय फोरम की विशेषताएं
- बहुपक्षीय संवाद का मंच
- सामूहिक संकल्प और रणनीति
- आर्थिक और तकनीकी सहयोग
- शांति और सुरक्षा पर साझा सोच
ब्रिक्स संसदीय फोरम 2025: भविष्य की राह
ब्रिक्स संसदीय फोरम 2025 ने यह स्पष्ट कर दिया कि आतंकवाद, एआई और आर्थिक सहयोग जैसे वैश्विक मुद्दों पर केवल सरकारें नहीं, बल्कि संसदें भी बड़ी भूमिका निभा सकती हैं। भारत की सक्रिय भागीदारी और आगामी शिखर सम्मेलन की मेजबानी से यह उम्मीद की जा सकती है कि ब्रिक्स सहयोग को नई दिशा मिलेगी।
