भारत में इलेक्ट्रिक कारों की मांग मई 2025 में नई ऊंचाई पर
"भारत में इलेक्ट्रिक कारों की मांग दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है। मई 2025 में देश में बिकने वाली कुल कारों में इलेक्ट्रिक वाहनों (EVs) की हिस्सेदारी 4 प्रतिशत से अधिक रही, जो अपने आप में एक नया रिकॉर्ड है। फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (FADA) द्वारा जारी आंकड़े इस बदलाव की पुष्टि करते हैं।"
EV बाजार में तेज़ी: मई 2025 बनाम मई 2024
| अवधि | EV बिक्री (यूनिट्स) | EV बाजार हिस्सेदारी |
|---|---|---|
| मई 2024 | 8,029 यूनिट्स | 2.6% |
| अप्रैल 2025 | 12,233 यूनिट्स | 3.5% |
| मई 2025 | 12,304 यूनिट्स | 4.01% |
यह वृद्धि दर्शाती है कि भारतीय उपभोक्ताओं का झुकाव अब पेट्रोल-डीजल कारों की बजाय हरित और स्मार्ट परिवहन विकल्पों की ओर बढ़ रहा है।
टॉप 3 कंपनियां जिन्होंने EV सेगमेंट में बनाई पकड़
FADA रिपोर्ट के अनुसार, मई 2025 में तीन प्रमुख ऑटो कंपनियों ने EV बिक्री में जबरदस्त प्रदर्शन किया:
- टाटा मोटर्स: 4,351 यूनिट्स के साथ EV मार्केट की लीडर बनी।
- JSW MG मोटर: 3,765 यूनिट्स की बिक्री कर दूसरे स्थान पर।
- महिंद्रा एंड महिंद्रा: 2,632 यूनिट्स के साथ तीसरे स्थान पर।
इन तीनों कंपनियों की संयुक्त हिस्सेदारी भारत के EV बाजार का 87% से अधिक है।
EV मांग बढ़ने के पीछे मुख्य कारण
FADA के CEO सहर्ष दमानी ने इलेक्ट्रिक वाहनों की बढ़ती लोकप्रियता के लिए निम्नलिखित कारण गिनाए:
- बेहतर बैटरी टेक्नोलॉजी
- लंबी ड्राइविंग रेंज
- EV की कीमतों में गिरावट
- सरकारी सब्सिडी और इंसेंटिव
- चार्जिंग नेटवर्क का विस्तार
ये कारक मिलकर उपभोक्ताओं का विश्वास और सुविधा दोनों बढ़ा रहे हैं।
वैश्विक आपूर्ति संकट: EV सेक्टर के सामने नई चुनौती
FADA ने चेतावनी दी है कि EV सेक्टर की इस बढ़ती सफलता को रेयर अर्थ मिनरल्स की सप्लाई में रुकावट प्रभावित कर सकती है।
- चीन, जो इन मिनरल्स का सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता है, ने हाल ही में इनके निर्यात पर प्रतिबंध लगाए हैं।
- इससे न केवल भारत बल्कि दुनिया भर में EV उत्पादन की गति धीमी हो सकती है।
भारत सरकार की नई रणनीति: EV मैन्युफैक्चरिंग में निवेश को बढ़ावा
इन चुनौतियों के बीच, भारत सरकार ने EV मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए नई स्कीम लॉन्च की है:
- उद्देश्य: भारत को इलेक्ट्रिक वाहन निर्माण का वैश्विक हब बनाना।
- लाभ: विदेशी कंपनियों को भारत में उत्पादन के लिए प्रेरित करना।
- फोकस:
- बैटरी निर्माण
- ग्रीन मोबिलिटी
- EV चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर
- घरेलू तकनीक का विकास
इलेक्ट्रिक मोबिलिटी: भारत के लिए एक स्थायी भविष्य की ओर कदम
भारत में इलेक्ट्रिक कारों की मांग अब केवल एक पर्यावरणीय विकल्प नहीं रही, बल्कि यह एक व्यावसायिक और सामाजिक क्रांति बन चुकी है। जैसे-जैसे चार्जिंग सुविधा, रेंज और किफायती मॉडल सामने आ रहे हैं, EV अपनाने की दर में निरंतर वृद्धि देखी जा रही है।
"भारत में इलेक्ट्रिक कारों की मांग मई 2025 में जिस तरह से बढ़ी है, वह आने वाले वर्षों के लिए एक सकारात्मक संकेत है। जहां एक ओर नई तकनीकों और प्रतिस्पर्धी कीमतों ने बाजार को रफ्तार दी है, वहीं दूसरी ओर वैश्विक आपूर्ति शृंखला के मुद्दे भविष्य की रणनीतियों के लिए चुनौती हैं। सरकार और निजी क्षेत्र के संयुक्त प्रयासों से भारत न केवल EV अपनाने में अग्रणी बन सकता है, बल्कि पूरी दुनिया के लिए एक उदाहरण भी पेश कर सकता है।"
