गढ़चिरौली के कटेजरी गांव में पहली बस: विकास की ओर एक ऐतिहासिक कदम
"महाराष्ट्र के नक्सल प्रभावित गढ़चिरौली जिले के कटेजरी गांव में आज़ादी के 77 वर्षों बाद पहली बार सरकारी परिवहन सेवा (ST बस) शुरू की गई। 26 अप्रैल 2025 को चली यह बस केवल एक गाड़ी नहीं, बल्कि आशा, बदलाव और विकास की प्रतीक बन गई है।"
कटेजरी और आसपास के गांवों में फैली खुशी की लहर
कटेजरी गांव की जनसंख्या लगभग 500 है। पहले यहां पहुंचने के लिए ग्रामीणों को कई किलोमीटर पैदल चलना पड़ता था। बच्चों को स्कूल और महिलाओं को बाज़ार या अस्पताल जाने के लिए बड़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ता था।
अब गढ़चिरौली से कटेजरी तक दिन में दो बार चलने वाली बस ने यह दूरी घटा दी है। यह बस सेवा सिर्फ कटेजरी नहीं, बल्कि चांदगांव, धनौरा, पेंडरी, मरूमगांव और धरेखेड़ा जैसे करीब 30 गांवों को जोड़ रही है।
नक्सलवाद की छाया से विकास की रोशनी तक
कटेजरी गांव कभी "रेड जोन" के रूप में जाना जाता था। यहां की पहचान नक्सल गतिविधियों से होती थी। लेकिन अब पुलिस और प्रशासन की लगातार कोशिशों और ग्रामीणों के सहयोग से हालात में काफी बदलाव आया है।
कटेजरी पुलिस थाने की रिपोर्ट के अनुसार, स्थानीय लोगों और सुरक्षा बलों की मांग पर शासन ने इस क्षेत्र का सर्वे कराया। इसके बाद राज्य परिवहन विभाग ने 26 अप्रैल से नियमित बस सेवा शुरू की।
परिवहन से आगे, आत्मविश्वास और जुड़ाव का प्रतीक
यह केवल एक बस सेवा की शुरुआत नहीं है, बल्कि यह एक "मानसिक और सामाजिक जुड़ाव" की प्रक्रिया है।
- अब ग्रामीणों को स्वास्थ्य, शिक्षा और बाज़ारों तक पहुंचने में आसानी होगी।
- कृषि उत्पादों की बिक्री के लिए बाहर जाना आसान होगा।
- बच्चों को स्कूल और कॉलेज तक नियमित पहुँच मिलेगी।
ग्रामीणों की प्रतिक्रिया: “जैसे सपना सच हुआ”
कटेजरी और आसपास के गांवों के लोगों ने कहा कि उन्हें कभी नहीं लगा था कि उनके गांव में भी सरकारी बस सेवा शुरू होगी। कुछ बुजुर्गों ने इसे "आज़ादी के बाद सबसे बड़ा बदलाव" बताया।
- “पहले बाहर जाने के लिए पूरे दिन लग जाता था, अब 1 घंटे में गढ़चिरौली पहुंच जाते हैं।”
- “बच्चों को पढ़ाई में अब किसी तरह की बाधा नहीं आएगी।”
- “महिलाएं भी अब शहर जाकर बाजार और अस्पताल तक जा सकती हैं।”
सुरक्षा बलों और शासन की संयुक्त पहल
कटेजरी क्षेत्र में पहले सुरक्षा व्यवस्था कमजोर मानी जाती थी। लेकिन CRPF, महाराष्ट्र पुलिस और प्रशासन ने मिलकर इस क्षेत्र में सुरक्षा और विश्वास बहाली का काम किया। इसी का परिणाम है कि यहां सरकारी सेवाएं अब नियमित रूप से पहुंचने लगी हैं।
कटेजरी बना विकास का प्रतीक
गढ़चिरौली के कटेजरी गांव में पहली बस का पहुंचना महज एक सुविधा की शुरुआत नहीं, बल्कि यह एक मनःस्थिति का परिवर्तन है। यह दिखाता है कि अगर प्रशासनिक इच्छाशक्ति हो और जनता का सहयोग मिले, तो रेड जोन भी विकास के नक्शे में शामिल हो सकता है।
आज कटेजरी की सड़कों पर बंदूक की आवाज नहीं, बल्कि बस के हॉर्न की गूंज सुनाई देती है – और यही है आत्मनिर्भर भारत का असली चेहरा।
