मोदी सरकार 3.0 के एक साल पूरे, भाजपा शासित राज्यों में प्रेस कॉन्फ्रेंस करेगी पार्टी
"मोदी सरकार 3.0 के एक साल पूरे हो गए हैं। इस मौके पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) देशभर के भाजपा शासित राज्यों में प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित कर सरकार की उपलब्धियों की जानकारी देगी। यह पहल न केवल जनता को रिपोर्ट सौंपने का जरिया है, बल्कि आगामी चुनावों के लिए राजनीतिक जमीन भी तैयार करती है।"
मोदी सरकार 3.0 की शुरुआत – एक संक्षिप्त झलक
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीसरी बार देश की कमान 9 जून 2024 को संभाली थी।
- पिछली दो बार की तुलना में इस बार भाजपा को पूर्ण बहुमत नहीं मिला, लेकिन उन्होंने सहयोगी दलों के साथ मिलकर एनडीए सरकार का गठन किया।
- पिछले एक वर्ष में कई बड़े निर्णय, योजनाएं और अंतरराष्ट्रीय यात्राएं हुईं।
प्रमुख निर्णय जो मोदी सरकार 3.0 के पहले साल में लिए गए
- एक देश, एक चुनाव पर विधायी पहल
- तीन तलाक कानून को और सख्त करने की कोशिश
- ‘वाइब्रेंट विलेज’ योजना को सीमांत क्षेत्रों में विस्तार देना
- डिजिटल इंडिया 2.0 के तहत नई योजनाएं
- पेंशन योजना में सुधार और किसानों को सीधा लाभ
भाजपा का प्लान – प्रेस कॉन्फ्रेंस और जन संवाद
सरकार की उपलब्धियाँ सामने लाने के लिए भाजपा ने एक व्यापक रणनीति बनाई है।
- हर भाजपा शासित राज्य में प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की जाएगी।
- इन बैठकों में केंद्र सरकार की योजनाओं, उपलब्धियों और आगामी विज़न को साझा किया जाएगा।
- केंद्रीय मंत्री, सांसद और राज्य सरकारों के मंत्री इन संवाद कार्यक्रमों में शामिल होंगे।
किन मुद्दों पर दिया जाएगा ज़ोर?
- गरीबी उन्मूलन और ‘प्रधानमंत्री आवास योजना’
- स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार, विशेषकर आयुष्मान भारत
- रेलवे और इंफ्रास्ट्रक्चर के विस्तार
- विदेश नीति में भारत की भूमिका
- अंतरिक्ष और रक्षा क्षेत्र में उपलब्धियाँ (जैसे Gaganyaan मिशन)
भाजपा के लिए राजनीतिक महत्व
मोदी सरकार 3.0 के एक साल पूरे होने पर यह आयोजन केवल रिपोर्ट कार्ड प्रस्तुत करने तक सीमित नहीं है।
- यह रणनीति भाजपा की आगामी विधानसभा चुनावों की तैयारी का भी हिस्सा है।
- जन संवाद और रिपोर्टिंग के माध्यम से पार्टी जन समर्थन को दोबारा सुदृढ़ करना चाहती है।
- इससे विपक्ष के आरोपों का जवाब भी दिया जा सकेगा।
विपक्ष की क्या प्रतिक्रिया हो सकती है?
कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल इस प्रेस कॉन्फ्रेंस सीरीज़ को "प्रचार" और "झूठ का पुलिंदा" कह सकते हैं।
- कांग्रेस नेता पहले ही सरकार पर बेरोज़गारी, महंगाई और किसान मुद्दों को लेकर सवाल उठाते रहे हैं।
- वहीं आम आदमी पार्टी, तृणमूल कांग्रेस जैसे क्षेत्रीय दल इसे “लोकलुभावन अभियान” कह सकते हैं।
जनता तक कैसे पहुँचेगा संदेश ?
भाजपा सोशल मीडिया, यूट्यूब चैनल, फेसबुक लाइव और ट्विटर के माध्यम से भी इन प्रेस कॉन्फ्रेंस की जानकारी साझा करेगी।
- साथ ही, क्षेत्रीय भाषाओं में भी प्रेस ब्रीफिंग होगी ताकि हर वर्ग तक सरकार का संदेश पहुँचे।
- मीडिया किट में पावरपॉइंट प्रेजेंटेशन, वीडियो क्लिप्स और योजनाओं का डेटा साझा किया जाएगा।
सरकार की कुछ प्रमुख योजनाओं का प्रदर्शन
| योजना का नाम | लाभार्थियों की संख्या | राज्य उदाहरण |
|---|---|---|
| आयुष्मान भारत | 35 करोड़+ | उत्तर प्रदेश, गुजरात |
| उज्ज्वला योजना | 9 करोड़+ | बिहार, राजस्थान |
| पीएम आवास योजना | 2 करोड़+ | मध्य प्रदेश, ओडिशा |
| जल जीवन मिशन | 13 करोड़ घरों तक नल | महाराष्ट्र, कर्नाटक |
एक साल का रिपोर्ट कार्ड – उपलब्धियाँ बनाम चुनौतियाँ
उपलब्धियाँ:
- कोविड के बाद अर्थव्यवस्था में रिकवरी
- जी20 सम्मेलन की सफलता
- सरकारी योजनाओं की डिजिटल निगरानी
चुनौतियाँ:
- महंगाई नियंत्रण
- युवाओं में रोजगार की कमी
- विपक्ष का एकजुट होना (INDIA गठबंधन)
आगे की दिशा क्या हो सकती है ?
भाजपा की योजना है कि एक साल की रिपोर्ट के बाद, हर 6 महीने में प्रगति रिपोर्ट जारी की जाए।
- इससे जनता को पारदर्शिता का अनुभव होगा
- मोदी सरकार अपने “100 दिन के एजेंडे” के कार्यान्वयन की समीक्षा भी करेगी
- इससे गवर्नेंस में निरंतरता और जवाबदेही बढ़ेगी
