जम्मू-कश्मीर पाक गोलाबारी राहत 2025: केंद्र सरकार ने 25 करोड़ रुपये की सहायता राशि दी मंजूर
"जम्मू-कश्मीर पाक गोलाबारी राहत 2025 के तहत केंद्र सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। पाकिस्तानी गोलाबारी से सीमावर्ती इलाकों में तबाह हुए घरों को राहत देने के लिए 25 करोड़ रुपये की अतिरिक्त सहायता राशि मंजूर की गई है। यह फैसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा घोषित अतिरिक्त मुआवजा नीति के तहत लिया गया है। गृह मंत्रालय के मुताबिक, इस राहत राशि से जम्मू-कश्मीर और पंजाब के सीमावर्ती क्षेत्रों के 2060 परिवारों को सीधा लाभ मिलेगा।"
ऑपरेशन सिंदूर के बाद स्थिति बेहद संवेदनशील बनी
सीमा पार से रिहायशी इलाकों पर हमला
ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान की ओर से लगातार सीमा पार गोलाबारी की घटनाएं सामने आईं। इसमें रिहायशी घर, धार्मिक स्थल, स्कूल, गुरुद्वारे, मंदिर, मस्जिद और व्यवसायिक परिसंपत्तियाँ क्षतिग्रस्त हुईं। सैकड़ों परिवारों को जान-माल का भारी नुकसान हुआ।
प्रभावित परिवारों को मिलेगा मुआवजा: पूरी और आंशिक क्षति पर अलग राशि
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घोषणा की थी कि:
- पूरी तरह क्षतिग्रस्त घरों के लिए ₹2 लाख
- आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त घरों के लिए ₹1 लाख
की अतिरिक्त सहायता दी जाएगी। गृह मंत्रालय ने इसका त्वरित अनुपालन करते हुए धनराशि स्वीकृत कर दी है।
जमीन पर राहत कार्यों की समीक्षा और तत्परता
गृह मंत्री अमित शाह ने पुंछ का किया दौरा
29-30 मई, 2025 को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पुंछ जिले का दौरा किया। उन्होंने सीमा पार गोलाबारी में जान गंवाने वाले लोगों के परिजनों को अनुकंपा नियुक्ति पत्र भी सौंपे।
“सरकार पीड़ितों के साथ मजबूती से खड़ी है,” गृह मंत्री ने कहा।
397 आश्रय शेड्स में 15,000 से ज्यादा लोग पहुंचे
गोलाबारी के दौरान, प्रशासन ने 3.25 लाख लोगों को संवेदनशील क्षेत्रों से सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया। इनमें से लगभग 15,000 लोगों को:
- भोजन
- पानी
- बिजली
- स्वास्थ्य सेवा
जैसी सुविधाओं से युक्त 397 राहत केंद्रों में रखा गया।
स्वास्थ्य सेवाओं के लिए तैनात की गईं 394 एम्बुलेंस
पुंछ में 62 एम्बुलेंस विशेष रूप से लगाई गईं
गोलाबारी से घायल नागरिकों को तत्काल अस्पताल पहुंचाने के लिए 394 एम्बुलेंस लगाई गईं, जिनमें से 62 अकेले पुंछ जिले में तैनात रहीं।
साथ ही, 2818 नागरिक रक्षा स्वयंसेवक राहत एवं बचाव कार्यों में लगाए गए।
‘सीमा पर हर नागरिक के साथ खड़ी है सरकार’
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने जम्मू-कश्मीर दौरे के दौरान स्पष्ट कहा कि केंद्र सरकार हर सीमावर्ती परिवार के साथ खड़ी है। उन्होंने यह भी दोहराया कि हर प्रभावित परिवार को राहत और पुनर्वास मिलेगा।
“यह सरकार केवल नीतियाँ नहीं बनाती, उन्हें ज़मीन पर लागू भी करती है,” पीएम मोदी ने कहा।
पंजाब के सीमावर्ती जिलों को भी मिलेगा लाभ
यह राहत केवल जम्मू-कश्मीर तक सीमित नहीं है। पंजाब के सीमावर्ती क्षेत्र, जहां पाकिस्तानी गोलाबारी से नुकसान हुआ, वहां भी इसी मुआवजा मॉडल को लागू किया जाएगा।
स्थानीय प्रशासन ने दिखाई सक्रियता
सीमावर्ती जिलों के जिला प्रशासन ने:
- राहत शिविरों की स्थापना
- आपात सेवाओं की व्यवस्था
- स्वास्थ्य सेवाओं का संचालन
- आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति
जैसे कार्यों में तेजी दिखाई। इसका परिणाम यह हुआ कि हजारों लोगों की जान बचाई जा सकी।
सुरक्षा के साथ पुनर्निर्माण भी सरकार की प्राथमिकता
जम्मू-कश्मीर पाक गोलाबारी राहत 2025 न केवल एक वित्तीय सहायता योजना है, बल्कि यह सरकार की मानवीय संवेदनशीलता और सुरक्षा नीतियों का भी परिचायक है। प्रधानमंत्री मोदी की घोषणाएं केवल भाषण नहीं, बल्कि त्वरित क्रियान्वयन की दिशा में भी सफल रही हैं। गृह मंत्रालय द्वारा मंजूर की गई ₹25 करोड़ की राशि और मुआवजे की स्पष्ट नीति आने वाले समय में प्रभावित परिवारों के लिए पुनर्निर्माण की नई शुरुआत साबित होगी।
