तमिलनाडु में भारी बारिश: पश्चिमी घाट क्षेत्र में जलस्तर बढ़ा, पर्यटक कार्यक्रम स्थगित
"तमिलनाडु में भारी बारिश की वजह से कई जिलों में जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। खासकर पश्चिमी घाट क्षेत्र में हो रही लगातार बारिश ने नदियों, झीलों और बांधों के जलाशयों को भरना शुरू कर दिया है। तिरुनेलवेली और कोयंबटूर जिलों से मिली जानकारी के अनुसार, वहां के प्रमुख बांधों का जलस्तर सामान्य से ऊपर पहुंच गया है।"
पापनासम डैम में तीन दिन में 6 फीट की बढ़ोतरी
तिरुनेलवेली जिले में स्थित पापनासम डैम में पिछले तीन दिनों में 6 फीट जलस्तर की वृद्धि दर्ज की गई है। वर्तमान में डैम का जलस्तर 130.20 फीट तक पहुंच गया है। इसमें प्रति सेकंड 5222 क्यूबिक फीट पानी का इनफ्लो हो रहा है, जबकि सिंचाई के लिए 1400 क्यूबिक फीट पानी छोड़ा जा रहा है।
सर्वलार और मणिमुथर डैम में भी तेजी से बढ़ा जल
- सर्वलार डैम का जलस्तर 10 फीट बढ़कर 142.12 फीट हो गया है।
- मणिमुथर डैम में जलस्तर 94 फीट पर पहुंच चुका है, जिसमें 619 क्यूबिक फीट इनफ्लो और 75 क्यूबिक फीट आउटफ्लो है।
ये आंकड़े दर्शाते हैं कि बारिश का प्रभाव जलस्रोतों पर साफ नजर आ रहा है और जलापूर्ति में इजाफा हो रहा है।
कोयंबटूर में इकोटूरिज्म कार्यक्रम रद्द, मौसम विभाग का ऑरेंज अलर्ट
भारी बारिश के चलते कोयंबटूर जिले में आयोजित होने वाला इकोटूरिज्म कार्यक्रम स्थगित कर दिया गया है। यह कार्यक्रम हर सप्ताहांत और छुट्टियों के दौरान पर्यटकों के लिए आयोजित किया जाता है, जिसमें पिल्लूर डैम के परालीकाड क्षेत्र में बोटिंग और जंगल भ्रमण शामिल होता है।
तीन दिन की भारी बारिश की चेतावनी
मौसम विभाग ने कोयंबटूर और नीलगिरी जिलों में अगले तीन दिनों तक भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। इसके चलते 14 और 15 जून के सभी इकोटूरिज्म स्लॉट रद्द कर दिए गए हैं। वन विभाग ने कहा कि यह कदम पर्यटकों की सुरक्षा के लिहाज से जरूरी था।
प्राकृतिक सुंदरता का केन्द्र: परालीकाड
पर्वतीय चोटियों और घने जंगलों से घिरा परालीकाड क्षेत्र, कोयंबटूर का प्रमुख पर्यटन स्थल है। यहां की झीलनुमा जलराशि और नाव यात्रा पर्यटकों को आकर्षित करती है। लेकिन मौसम की अनिश्चितता को देखते हुए प्रशासन ने सतर्कता बरती है।
दक्षिण-पश्चिम मानसून का असर तेज
तमिलनाडु में दक्षिण-पश्चिम मानसून के जोर पकड़ने से पश्चिमी घाट की पहाड़ियों में तेज वर्षा हो रही है। यह बारिश खेती और जल भंडारण के लिए लाभकारी है, लेकिन पर्यटन गतिविधियों को इससे झटका लगा है।
भारी बारिश के लाभ और चुनौतियां
✅ लाभ:
- कृषि के लिए जलस्तर बढ़ना फायदेमंद
- बांधों से सिंचाई क्षेत्र को मिलेगा लाभ
- भविष्य की जल आवश्यकता को पूरा करने की तैयारी
⚠️ चुनौतियां:
- पर्यटन गतिविधियों में रुकावट
- भूस्खलन और जलभराव की आशंका
- बिजली आपूर्ति और यातायात पर असर
स्थानीय प्रशासन की तैयारियां
स्थानीय प्रशासन ने बताया है कि सभी बांधों और जलाशयों पर निगरानी बढ़ा दी गई है। यदि पानी का स्तर खतरे के निशान को पार करता है, तो आपात निकासी और राहत कार्य के लिए एनडीआरएफ की सहायता भी ली जाएगी।
"अगर मानसून ऐसे ही सक्रिय रहता है, तो इस साल तमिलनाडु में जल संकट की आशंका काफी कम हो सकती है। साथ ही, इकोटूरिज्म कार्यक्रमों के लिए जुलाई के अंतिम सप्ताह से दोबारा संचालन की योजना बनाई जा सकती है।"
