पीएम मोदी क्रोएशिया यात्रा में मिले ऐतिहासिक संस्कृत ग्रंथ से भारत-क्रोएशिया रिश्तों में नई मजबूती
"प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की क्रोएशिया यात्रा ऐतिहासिक बन गई जब उन्हें वहां के प्रधानमंत्री आंद्रेज प्लेंकोविच ने 18वीं सदी में प्रकाशित एक दुर्लभ संस्कृत व्याकरण ग्रंथ भेंट किया। यह उपहार न केवल सांस्कृतिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है, बल्कि भारत और क्रोएशिया के ऐतिहासिक संबंधों की गहराई को भी उजागर करता है।"
1790 में छपी पहली लैटिन-भाषा संस्कृत व्याकरण पुस्तक
प्रधानमंत्री मोदी को जो ग्रंथ भेंट किया गया, वह 1790 में छपा था और यह पहली बार लैटिन में प्रकाशित संस्कृत व्याकरण की पुस्तक मानी जाती है। इस किताब के लेखक थे फिलिप वेजडिन (Ivan Filip Vezdin), जिन्हें भारत में रहते हुए संस्कृत और भारतीय परंपराओं में गहरी रुचि हुई।
वे एक मिशनरी और विद्वान थे, जिन्होंने मलाबार (केरल) में ब्राह्मणों और स्थानीय पांडुलिपियों का अध्ययन करके यह पुस्तक तैयार की। वेजडिन 1774 में भारत आए और बाद में मलाबार तट पर वाइसर-जनरल भी बने। वे यूरोप के उन पहले वैज्ञानिकों में गिने जाते हैं, जिन्होंने भारतीय भाषाओं और संस्कृति का गहन अध्ययन किया।
यह उपहार क्यों है खास?
- यह पुस्तक यूरोप और भारत के बीच भाषा और संस्कृति के आदान-प्रदान का प्रतीक है।
- यह भारत की प्राचीन शिक्षा प्रणाली और यूरोपीय विद्वानों की उसमें रुचि का प्रमाण है।
- संस्कृत के प्रति यूरोपीय विद्वानों का आकर्षण आज भी सांस्कृतिक संवाद का एक मजबूत आधार बन सकता है।
पीएम मोदी को मिली एक और खास पुस्तक
प्रधानमंत्री मोदी को क्रोएशियाई राजनयिक सिनीशा ग्रगिका द्वारा लिखी गई एक और पुस्तक भी भेंट की गई, जिसका नाम है:
“Croatia and India: Bilateral Navigator for Diplomats and Business”
यह पुस्तक भारत और क्रोएशिया के बीच संबंधों का विश्लेषण करती है और सहयोग के संभावित क्षेत्रों पर प्रकाश डालती है। यह व्यापार और कूटनीति दोनों क्षेत्रों में उपयोगी मार्गदर्शक के रूप में देखी जा रही है।
जाग्रेब में हुआ गर्मजोशी से स्वागत
प्रधानमंत्री मोदी जैसे ही क्रोएशिया की राजधानी जाग्रेब पहुंचे, उनका स्वागत गर्मजोशी और भारतीय संस्कृति के सम्मान के साथ हुआ। यह किसी भी भारतीय प्रधानमंत्री की क्रोएशिया की पहली आधिकारिक यात्रा है, जो साइप्रस और कनाडा के बाद उनकी तीन देशों की यात्रा का अंतिम चरण था।
फ्रांजो तुजमान एयरपोर्ट पर क्रोएशियाई प्रधानमंत्री ने खुद मोदी का स्वागत किया।
इसके बाद जैसे ही पीएम मोदी का काफिला शहर से गुज़रा, भारतीय समुदाय के लोग “भारत माता की जय” और “वंदे मातरम्” के नारों के साथ स्वागत करते नजर आए।
सांस्कृतिक प्रस्तुतियों से हुआ भव्य स्वागत
होटल पहुंचने पर प्रधानमंत्री मोदी का स्वागत भारतीय और क्रोएशियाई सांस्कृतिक प्रस्तुतियों से किया गया। पीएम मोदी ने न केवल भारतीय समुदाय से मुलाकात की बल्कि स्थानीय लोगों के साथ वैदिक श्लोकों का उच्चारण भी किया। उन्होंने कहा:
“जाग्रेब में भारतीय संस्कृति को बहुत सम्मान मिला है। भारतीय समुदाय ने क्रोएशिया की तरक्की में योगदान दिया है और अपनी जड़ों से जुड़े रहे हैं।”
पीएम मोदी और प्रधानमंत्री प्लेंकोविच के बीच अहम बैठक
प्रधानमंत्री मोदी और क्रोएशियाई प्रधानमंत्री प्लेंकोविच के बीच सेंट मार्क्स स्क्वायर में द्विपक्षीय वार्ता हुई। दोनों नेताओं ने प्रतिनिधिमंडल स्तर पर बातचीत की और भविष्य के सहयोग पर चर्चा की।
प्रधानमंत्री प्लेंकोविच ने कहा:
“यह यात्रा भारत-क्रोएशिया संबंधों में एक नया अध्याय लिखने जा रही है। यह हमारे लिए एक ऐतिहासिक अवसर है।”
भारत-क्रोएशिया सहयोग के संभावित क्षेत्र
विशेषज्ञों के अनुसार, इस यात्रा से निम्नलिखित क्षेत्रों में सहयोग को नई दिशा मिल सकती है:
- राजनीतिक और आर्थिक संबंध
- व्यापार और निवेश
- बंदरगाह और समुद्री सहयोग
- विज्ञान और तकनीक
- रक्षा और सुरक्षा
- श्रमिक आदान-प्रदान और मानव संसाधन
- संस्कृति और उच्च शिक्षा
भारत-क्रोएशिया सांस्कृतिक संवाद: भविष्य की नींव
यह यात्रा केवल कूटनीतिक नहीं बल्कि सांस्कृतिक पुनर्संवाद का प्रतीक भी है। संस्कृत व्याकरण की पुस्तक जैसे उपहार इस बात का संकेत हैं कि यूरोप और भारत के बीच सांस्कृतिक जुड़ाव सदी पुराना है, जिसे अब एक नई ऊर्जा दी जा रही है।
