एनईएसडीए-वे फॉरवर्ड डैशबोर्ड की मई 2025 रिपोर्ट: राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में ई-सेवाओं की संख्या में वृद्धि
"प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग (DARPG) ने मई 2025 के महीने के लिए राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस सेवा वितरण मूल्यांकन (एनईएसडीए-वे फॉरवर्ड) डैशबोर्ड का 25वां संस्करण जारी किया है। इस रिपोर्ट में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में ई-सेवा वितरण की स्थिति पर एक विस्तृत अवलोकन प्रस्तुत किया गया है, और यह देश के डिजिटल शासन के प्रयासों की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।"
मई 2025 के रिपोर्ट के मुख्य बिंदु
रिपोर्ट के अनुसार, राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में अब तक कुल 21,062 ई-सेवाएं प्रदान की गई हैं। इनमें से सबसे बड़ी संख्या 7,065 ई-सेवाएं स्थानीय शासन और उपयोगिता सेवा क्षेत्र से संबंधित हैं।
इसके अलावा, इस रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया है कि 424 नई ई-सेवाएं जोड़ी गई हैं, जो ई-गवर्नेंस के दृष्टिकोण को और अधिक सशक्त बनाती हैं। यह सेवाएं मुख्य रूप से राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म के माध्यम से नागरिकों को प्रदान की जा रही हैं।
अनिवार्य ई-सेवाओं की संतृप्ति दर 79% से अधिक
रिपोर्ट में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि का भी उल्लेख किया गया है। 2,016 अनिवार्य ई-सेवाओं में से 1,599 ई-सेवाएं अब 36 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में उपलब्ध हैं। इससे 79 प्रतिशत से अधिक संतृप्ति दर प्राप्त की गई है। खास बात यह है कि महाराष्ट्र और उत्तराखंड जैसे राज्यों ने 100 प्रतिशत संतृप्ति प्राप्त की है।
त्रिपुरा का योगदान
इस रिपोर्ट में त्रिपुरा राज्य का योगदान विशेष रूप से उल्लेखनीय है, जहां सबसे अधिक नई ई-सेवाएं जोड़ी गई हैं। त्रिपुरा ने राज्यों के लिए सेवा वितरण के मॉडल को मजबूत किया है और ई-सेवाओं के वितरण को बेहतर बनाया है।
चंडीगढ़ की प्रतिबद्धता: सेवा के अधिकार (RTS) पर जोर
रिपोर्ट में चंडीगढ़ की विशेष पहल पर भी प्रकाश डाला गया है। चंडीगढ़ ने सेवा के अधिकार (RTS) ढांचे के तहत सार्वजनिक सेवा वितरण को सुधारने के लिए कदम उठाए हैं। इससे नागरिकों को वास्तविक समय में सेवाओं की स्थिति की पारदर्शिता मिलती है और सेवा वितरण प्रणाली को एकीकृत किया जा रहा है।
नई मापदंडों का समावेश
एनईएसडीए ढांचे में तीन नए मापदंड भी शामिल किए गए हैं, जो मुक्त सरकारी डेटा, ई-भागीदारी और उभरती प्रौद्योगिकियों का उपयोग करके सेवाओं की गुणवत्ता और वितरण को बेहतर बनाने पर जोर देते हैं। इस बदलाव से राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को डिजिटल शासन में और अधिक सक्षम बनाने की दिशा में एक कदम और बढ़ाया गया है।
सर्वोत्तम प्रथाओं का उदाहरण
रिपोर्ट में केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयों और विभागों द्वारा संचालित सेवा वितरण पोर्टल जैसे वस्तु एवं सेवा कर (GST) पोर्टल और राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल के उदाहरण भी दिए गए हैं। ये पोर्टल सर्वोत्तम प्रथाओं के रूप में पेश किए गए हैं, जिनसे राज्यों को डिजिटल सेवा वितरण में मार्गदर्शन मिलता है।
ई-सेवाओं की एकीकृत सेवा वितरण प्लेटफार्म के माध्यम से वृद्धि
ई-सेवाओं की संख्या में वृद्धि एकल एकीकृत सेवा वितरण पोर्टल के माध्यम से हो रही है, जिससे नागरिकों को विभिन्न सरकारी सेवाओं तक आसान पहुंच मिल रही है। यह पहल प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग द्वारा किए गए डिजिटल सुधारों का परिणाम है, जिससे सरकार के विभिन्न विभागों के बीच बेहतर समन्वय हुआ है।
"एनईएसडीए-वे फॉरवर्ड डैशबोर्ड की मई 2025 की रिपोर्ट से यह स्पष्ट होता है कि भारत की डिजिटल सेवा वितरण प्रणाली में लगातार सुधार हो रहा है। इस रिपोर्ट में दर्शाए गए आंकड़े और सुधार, भारत के डिजिटल इंडिया मिशन की दिशा में महत्वपूर्ण कदम साबित हो रहे हैं। रिपोर्ट के आंकड़े यह दर्शाते हैं कि राज्य सरकारें और केंद्र शासित प्रदेश अब ई-गवर्नेंस में पूरी तरह से सक्षम हैं और नागरिकों को बेहतर और तेज़ सेवाएं प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।"
