गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे से किसानों को मिला सम्मान और समृद्धि
"गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे किसान मुआवजा योजना ने न सिर्फ पूर्वांचल के बुनियादी ढांचे को मजबूती दी है, बल्कि इसने हजारों किसानों की आर्थिक स्थिति को भी बेहतर किया है। इस एक्सप्रेसवे परियोजना के तहत उत्तर प्रदेश सरकार ने पारदर्शी तरीके से किसानों को उचित मुआवजा दिया, जिससे विकास के साथ-साथ सामाजिक संतुलन भी सुनिश्चित हो सका।"
22,000 से अधिक किसानों को मिला करोड़ों का मुआवजा
इस महत्वाकांक्षी परियोजना के लिए 1,148.77 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया गया, जिसमें गोरखपुर, संत कबीर नगर, अंबेडकर नगर और आजमगढ़ जिलों के 172 गांव शामिल हैं। इन क्षेत्रों के 22,029 किसानों को उनकी भूमि के बदले कुल ₹2,030.29 करोड़ की राशि का भुगतान डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) के माध्यम से किया गया।
भूमि अधिग्रहण में पारदर्शिता बनी विश्वास की नींव
भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया में किसी भी तरह का बड़ा विवाद नहीं हुआ। इसकी मुख्य वजह थी प्रक्रिया की पारदर्शिता और सरकार द्वारा किसानों को सम्मानपूर्वक मुआवजा देना। राज्य सरकार ने इस प्रक्रिया को भरोसेमंद बनाने के लिए समय-समय पर खुली बैठकें और जन सुनवाई आयोजित कीं। इससे किसान बिना डर या संकोच के अपनी भूमि सरकार को विकास कार्यों के लिए दे सके।
मुख्यमंत्री ने किसानों को बताया विकास का भागीदार
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस परियोजना के आरंभ में ही किसानों के योगदान को खुले मंच पर सराहा। जनवरी 2020 में गोरखपुर के गीडा क्षेत्र में आयोजित एक विशेष कार्यक्रम में 500 किसानों को सम्मानित किया गया, जिनमें से 40 को मुख्यमंत्री ने स्वयं मंच से सम्मानित किया।
उनका स्पष्ट कहना था कि किसान सिर्फ अन्नदाता नहीं, बल्कि राज्य के औद्योगिक विकास के सहयोगी भी हैं। यही कारण है कि सरकार ने किसानों को केवल मुआवजा नहीं दिया, बल्कि उन्हें भागीदारी का सम्मान भी दिया।
एक्सप्रेसवे बना विकास और विश्वास का प्रतीक
गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे अब पूर्वांचल में एक मजबूत कनेक्टिविटी का आधार बन चुका है। गोरखपुर से आजमगढ़ को जोड़ने वाला यह 91.35 किलोमीटर लंबा मार्ग औद्योगिक विकास, व्यापारिक गतिविधियों और निवेशकों के लिए नए अवसरों के द्वार खोल रहा है। इस परियोजना के लोकार्पण के साथ ही यह चर्चा एक बार फिर प्रबल हो गई है कि जब सरकार और किसान मिलकर कार्य करें, तो कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं होता।
विकास कार्यों में किसानों की भूमिका अहम
उत्तर प्रदेश सरकार की यह पहल दर्शाती है कि यदि भूमि अधिग्रहण जैसे संवेदनशील मुद्दे को पारदर्शिता और संवेदनशीलता के साथ पूरा किया जाए, तो किसान भी सरकार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े होते हैं। गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे किसान मुआवजा योजना इसी विचार की मिसाल है।
भविष्य में भी किसानों के सहयोग से बनेगी विकास की नींव
गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे की सफलता यह दिखाती है कि भविष्य में बनने वाले हर मेगा प्रोजेक्ट में किसानों की भूमिका अहम होगी। सरकार यदि उन्हें उचित मूल्य, सम्मान और भागीदारी का अवसर दे, तो वे राष्ट्र निर्माण में अपनी जिम्मेदारी निभाने से पीछे नहीं हटते।
"गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे किसान मुआवजा योजना ने यह साबित कर दिया है कि जब किसान और सरकार एक साथ चलें, तो कोई भी विकास परियोजना एक मिसाल बन सकती है। पारदर्शी नीति, समयबद्ध भुगतान और मानवीय दृष्टिकोण के साथ सरकार ने जो विश्वास जीता है, वह देश के अन्य हिस्सों के लिए भी एक प्रेरणा है।"
