कश्मीर में लौट रही रौनक: एकनाथ शिंदे का दौरा और पर्यटन में सुधार की उम्मीदें
"महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने हाल ही में जम्मू-कश्मीर के सोनमर्ग में स्थानीय लोगों से मुलाकात की। यह दौरा उनके कारगिल यात्रा के दौरान हुआ, जहां वे कारगिल युद्ध की 26वीं वर्षगांठ पर आयोजित ‘सरहद शौर्यथॉन 2025’ कार्यक्रम में भाग लेने जा रहे थे। सोनमर्ग में उन्होंने अपनी यात्रा रोककर स्थानीय दुकानदारों, घोड़ा चालकों, फल विक्रेताओं और पर्यटकों से संवाद किया। उन्होंने घाटी की मौजूदा स्थिति का जायजा लिया और यह स्पष्ट किया कि कश्मीर पर्यटन अब फिर से पटरी पर लौट रहा है।"
शांत होते हालात और पर्यटकों की वापसी
एकनाथ शिंदे ने बातचीत के दौरान बताया कि हाल की कुछ घटनाओं के बावजूद, अब घाटी में स्थिति सुधर रही है। विशेष रूप से पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद उत्पन्न असुरक्षा के माहौल के बावजूद, अब पर्यटक दोबारा कश्मीर का रुख कर रहे हैं। स्थानीय नागरिकों ने भी इस बात की पुष्टि की कि पर्यटकों की संख्या में इजाफा हो रहा है और व्यापार फिर से बढ़ने लगा है।
भुट्टे वाला और ज़मीन से जुड़ा व्यवहार
डिप्टी सीएम ने स्थानीय भुट्टा विक्रेता से भुट्टा खरीद कर खाया और ठंडी वादियों का आनंद लिया। यह उनके सहज व्यवहार का प्रमाण था जिसे स्थानीय लोगों ने खूब सराहा।
पर्यटन से जुड़ी आशाएं और चुनौतियाँ
कश्मीर पर्यटन को लेकर पिछले कुछ वर्षों में कई उतार-चढ़ाव आए हैं। सुरक्षा कारणों से अक्सर पर्यटकों की संख्या में गिरावट देखने को मिलती है, लेकिन अब स्थिति धीरे-धीरे सामान्य हो रही है। एकनाथ शिंदे का यह दौरा इस लिहाज़ से महत्वपूर्ण है क्योंकि यह संदेश देता है कि सरकार कश्मीर के आम नागरिकों के साथ है और आतंकवाद को स्थानीय लोगों से जोड़ना अनुचित है।
पहलगाम हमला और अफवाहों का असर
22 अप्रैल को हुए पहलगाम आतंकी हमले में 26 निर्दोष लोगों की जान चली गई थी। उस हमले के बाद यह अफवाहें फैलीं कि स्थानीय लोगों की सहायता से आतंकियों ने हमला किया। इससे घाटी की छवि को काफी नुकसान हुआ। शिंदे ने स्थानीय लोगों से संवाद कर यह स्पष्ट किया कि आतंकवादियों की गतिविधियों को आम नागरिकों से जोड़ना गलत है।
ऑपरेशन सिंदूर: भारत की प्रतिक्रिया
इस हमले के ठीक 15 दिन बाद, भारत सरकार और सेना ने मिलकर पाकिस्तान के खिलाफ ऑपरेशन सिंदूर चलाया। यह भारत की ओर से एक कड़ा संदेश था कि वह आतंकवाद के खिलाफ कठोर रुख अपनाने के लिए प्रतिबद्ध है।
पर्यटन के आर्थिक और सामाजिक लाभ
कश्मीर की अर्थव्यवस्था में पर्यटन एक प्रमुख भूमिका निभाता है। सोनमर्ग, गुलमर्ग, पहलगाम जैसे क्षेत्रों में व्यापारिक गतिविधियाँ मुख्यतः पर्यटकों पर निर्भर हैं। जब पर्यटक आते हैं, तो स्थानीय रोजगार, खासकर होटल व्यवसाय, परिवहन, हस्तशिल्प और फलों के व्यापार में वृद्धि होती है।
सरकारी प्रयास और नीतियाँ
सरकार द्वारा पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत किया गया है, साथ ही पर्यटकों के लिए सुविधाओं में भी सुधार किया जा रहा है। एकनाथ शिंदे जैसे नेताओं के दौरे से यह भरोसा बढ़ता है कि केंद्र और राज्य सरकारें मिलकर कश्मीर को पर्यटन के नक्शे पर फिर से उभारने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
कश्मीर पर्यटन में भविष्य की संभावनाएँ
- नई उड़ानों की शुरुआत
- होटल और होमस्टे की संख्या में वृद्धि
- सुरक्षा व्यवस्था में सुधार
- स्थानीय गाइड और दुकानदारों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम
इन प्रयासों से कश्मीर पर्यटन को और मजबूती मिलने की उम्मीद है।
"एकनाथ शिंदे का यह दौरा केवल एक औपचारिक यात्रा नहीं थी, बल्कि यह एक प्रयास था स्थानीय लोगों से संवाद स्थापित करने और घाटी की सकारात्मक छवि को फिर से मजबूत करने का। सही जानकारी और सरकारी प्रयासों के माध्यम से, कश्मीर पर्यटन को वैश्विक स्तर पर फिर से पहचान दिलाई जा सकती है। घाटी की शांति और सुंदरता एक बार फिर लोगों को आकर्षित करने लगी है – और यही कश्मीर की असली पहचान है।"
