171 यात्रियों को 5-8 सेकंड तक महसूस हुआ झटका, फ्लाइट में मचा हड़कंप
“एअर इंडिया की फ्लाइट AI 407, जो दिल्ली से पटना आ रही थी, सोमवार को लैंडिंग से ठीक पहले टर्बुलेंस का शिकार हो गई। इस अचानक झटके ने विमान में बैठे 171 यात्रियों को हिलाकर रख दिया। लोग सहम गए और कई ने अनहोनी की आशंका जताई।”
झटकों के कारण जलपान गिरा, बैग सीट पर गिरे
जब विमान टर्बुलेंस में फंसा, उस समय अधिकतर यात्री जलपान कर रहे थे। अचानक हुए झटके से कई यात्रियों के हाथ से चाय-कॉफी गिर गई और बैग्स सीट से फिसलकर नीचे आ गिरे। कुछ लोग डर के मारे चिल्ला उठे।
क्रू मेंबर्स की सतर्कता से स्थिति नियंत्रित
घटना के तुरंत बाद एयर होस्टेस ने यात्रियों को शांत रहने की सलाह दी और सीट बेल्ट लगाने को कहा। क्रू मेंबर्स ने बताया कि यह सामान्य स्थिति है और घबराने की कोई जरूरत नहीं है। इसके बाद पायलट ने फ्लाइट को सुरक्षित रूप से लैंड करा दिया।
पटना पहुंचने में हुई देरी, फिर वापस दिल्ली रवाना
दिल्ली से पटना आने वाली इस फ्लाइट का निर्धारित समय
3:05 था, लेकिन फ्लाइट देरी से रवाना हुई। पटना एयरपोर्ट पर यह करीब एक घंटे देर से लैंड हुई। बाद में यह विमान समय से दिल्ली के लिए रवाना हो गया।
क्या होता है टर्बुलेंस? जानिए इसके पीछे की वजह
जब विमान हवा के सामान्य बहाव में उड़ता है, तो यात्रियों को किसी प्रकार की असहजता महसूस नहीं होती। लेकिन जैसे ही हवा का बहाव अचानक बदलता है या उसमें उथल-पुथल होती है, विमान को संतुलन बनाए रखने में कठिनाई होती है। इस कारण यात्रियों को झटके महसूस होते हैं — इसी को टर्बुलेंस कहा जाता है।
IMD ने पटना में बारिश की चेतावनी पहले ही दी थी
घटना के समय पटना और आसपास के इलाकों में भारी बारिश हो रही थी। मौसम विभाग
(IMD) ने पहले ही बताया था कि अगले कुछ दिनों तक बिहार में मौसम खराब रह सकता है, जिससे हवाई यातायात पर असर पड़ सकता है।
फ्लाइट घटना सारांश
विवरण | जानकारी |
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फ्लाइट नंबर | एअर इंडिया AI 407 |
मार्ग | दिल्ली से पटना |
कुल यात्री | लगभग 171 |
घटना | लैंडिंग से पहले टर्बुलेंस, झटके |
असर | बैग गिरे, जलपान फैला, डर का माहौल |
समाधान | क्रू मेंबर्स की सूझबूझ से सुरक्षित लैंडिंग |
कारण | पटना क्षेत्र में बारिश व अस्थिर हवा |
“दिल्ली से पटना फ्लाइट टर्बुलेंस का शिकार हुई लेकिन एअर इंडिया की सतर्कता और पायलट की कुशलता से कोई बड़ा हादसा नहीं हुआ। यह घटना एक बार फिर से यह याद दिलाती है कि हवाई यात्रा में मौसम और हवा की स्थिति कितनी अहम भूमिका निभाती है।”