गाजियाबाद में हरित डेटा सेंटर का शिलान्यास: आत्मनिर्भर भारत की ओर एक सशक्त कदम
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26 जून
2025 को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने गाजियाबाद के साहिबाबाद में केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड
(CEL) और
ESDS के बीच सहयोग से विकसित हो रहे हरित डेटा सेंटर का शिलान्यास किया। यह परियोजना भारत के डिजिटल अवसंरचना को आत्मनिर्भर और सतत बनाने की दिशा में एक ऐतिहासिक मील का पत्थर है।"

परियोजना का दायरा और निवेश
CEL: सौर नवाचार से लेकर रक्षा तक
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने
CEL के सौर फोटोवोल्टिक क्षेत्र में अग्रणी योगदान की सराहना करते हुए कहा कि यह संस्था दूरदराज क्षेत्रों तक सौर ऊर्जा पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। उन्होंने यह भी जोड़ा कि
CEL का योगदान रेलवे सुरक्षा, डिजिटल साक्षरता और रक्षा क्षेत्र तक फैला हुआ है।
CEL का पुनरुद्धार: एक प्रेरणादायक मॉडल
डॉ. जितेंद्र सिंह ने
CEL के इतिहास और पुनरुद्धार पर प्रकाश डालते हुए बताया:
- स्थापना: 1974 (CSIR तकनीकों के वाणिज्यीकरण हेतु)
- पहला सौर सैल: 1977 में
- वित्तीय संकट: हाल के वर्षों में गंभीर स्थिति
- पुनरुद्धार: सफल पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप मॉडल के माध्यम से
- दर्ज़ा: अब एक मिनीरत्न PSU
उन्होंने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में
CEL के रडारों की भूमिका का भी उल्लेख किया, जो आकाश मिसाइल प्रणाली में लगे थे।

क्यों विशेष है यह हरित डेटा सेंटर?
- ऊर्जा दक्षता और पर्यावरणीय जिम्मेदारी को ध्यान में रखते हुए डिजाइन किया गया।
- नवाचार, स्टार्टअप और सरकारी एजेंसियों को आकर्षित करने हेतु तैयार।
- स्थायित्व, उच्च प्रदर्शन, और डिजिटल संप्रभुता को सुनिश्चित करता है।
उत्तर प्रदेश में विज्ञान और नवाचार को बढ़ावा
डॉ. जितेंद्र सिंह ने उत्तर प्रदेश में भविष्य की योजनाओं का भी खुलासा किया:
उन्होंने राज्य सरकार द्वारा विज्ञान और नवाचार के लिए दिए जा रहे समर्थन को "भारत की विकसित राष्ट्र यात्रा में भागीदार" बताया।

विज्ञान और नवाचार में भारत की प्रगति
कुछ प्रमुख वैज्ञानिक उपलब्धियाँ जिनका उन्होंने उल्लेख किया:
- 108 पंखुड़ियों वाला कमल: CSIR-NBRI द्वारा विकसित
- अयोध्या के लिए ऑफ-सीजन ट्यूलिप
- सूर्य तिलक घटना: भारतीय खगोल भौतिकी संस्थान द्वारा
- कुंभ मेला 2025 में मल कीचड़ उपचार संयंत्र: परमाणु ऊर्जा विभाग द्वारा, 1.5 मिलियन टन कचरे का उपचार
भविष्य की दिशा: सहयोग और विज्ञान
डॉ. जितेंद्र सिंह ने विकसित भारत
@2047 की अवधारणा को साकार करने के लिए सरकार और निजी क्षेत्र के बीच सहयोगात्मक मिशन की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा:
"गाजियाबाद में हरित डेटा सेंटर का शिलान्यास न केवल एक डिजिटल अवसंरचना परियोजना है, बल्कि यह भारत के आत्मनिर्भर, पर्यावरणीय और नवाचार-आधारित भविष्य की दिशा में एक ठोस कदम है।
CEL का पुनरुद्धार और इसकी तकनीकी उपलब्धियाँ इस बात का प्रमाण हैं कि सरकारी और निजी क्षेत्र मिलकर भारत को एक वैश्विक डिजिटल शक्ति में बदल सकते हैं।"