दिल्ली एम्स सुरक्षा जवानों को मिला एक महीने का विशेष पुलिस प्रशिक्षण
एम्स ने सुरक्षा जवानों को दिलाया विशेष प्रशिक्षण
“दिल्ली एम्स सुरक्षा जवानों का प्रशिक्षण अब और मजबूत हो गया है। एम्स प्रशासन ने स्थायी सुरक्षा जवानों को दिल्ली पुलिस अकादमी, झड़ोदा कलां में एक महीने का विशेष पुलिस प्रशिक्षण प्रदान किया। यह पहल मुख्य सुरक्षा अधिकारी और एम्स निदेशक के निर्देशों पर संभव हुई।”
पहला प्रशिक्षण बैच सफल
- 6 अगस्त 2025 को पहला बैच पूरा हुआ।
- इसमें 30 सुरक्षा जवानों ने भाग लिया।
- प्रशिक्षण में उन्हें सुरक्षा कौशल, निगरानी तकनीक और आगंतुक प्रबंधन जैसी अहम बातें सिखाई गईं।
प्रशिक्षण में शामिल विषय
जवानों को विभिन्न व्यावहारिक और सैद्धांतिक विषयों पर प्रशिक्षित किया गया, जैसे:
- संघर्ष निवारण और भीड़ नियंत्रण
- कतार प्रबंधन और अग्नि सुरक्षा
- आपदा प्रबंधन और चिकित्सा आपातकालीन सहायता
- आतंकवादी खतरे से निपटने की जागरूकता
- अस्पताल-विशिष्ट सुरक्षा प्रोटोकॉल
- वीवीआईपी गतिविधियों का प्रबंधन
- रोगी अनुरक्षण और सेवा कर्तव्य
नैतिक और व्यवहारिक प्रशिक्षण
प्रशिक्षण में केवल सुरक्षा कौशल ही नहीं, बल्कि मानवीय और नैतिक मूल्यों पर भी जोर दिया गया।
- नैतिक आचरण और सत्यनिष्ठा
- लैंगिक संवेदनशीलता और उत्पीड़न विरोधी जागरूकता
- सॉफ्ट स्किल्स और ग्राहक सेवा शिष्टाचार
- टीमवर्क और अनुशासन
- घटना रिपोर्ट लेखन और कानूनी प्रशिक्षण
स्वास्थ्य और फिटनेस पर ध्यान
एम्स सुरक्षा जवानों को शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ा प्रशिक्षण भी दिया गया। इसका उद्देश्य जवानों को हर परिस्थिति में सक्षम, अनुशासित और सतर्क बनाना है।
प्रशिक्षण का उद्देश्य
इस प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य है—
- एम्स की सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करना।
- रोजाना आने वाले डॉक्टरों, मरीजों, आगंतुकों और कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित करना।
- आपातकालीन परिस्थितियों में तुरंत प्रतिक्रिया देने की क्षमता बढ़ाना।
अधिकारियों की सराहना
एम्स निदेशक, उपनिदेशक और मुख्य सुरक्षा अधिकारी ने सभी प्रशिक्षित जवानों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि यह पहल संस्थान की सुरक्षा को ऐतिहासिक रूप से मजबूत बनाएगी।
“दिल्ली एम्स सुरक्षा जवानों का प्रशिक्षण अस्पताल की सुरक्षा व्यवस्था को नया आयाम देगा। अब जवान न केवल तकनीकी और व्यावहारिक रूप से सक्षम होंगे बल्कि नैतिक और मानवीय दृष्टिकोण से भी बेहतर सेवा दे सकेंगे। यह कदम एम्स को सुरक्षित और मरीजों के लिए और भी भरोसेमंद बनाएगा।”