दिल्ली में वायु प्रदूषण संकट: एक्यूआई ‘अति गंभीर’ श्रेणी में, स्तर 400 से 500 के बीच
“राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में वायु प्रदूषण ने एक बार फिर ‘अति गंभीर’ श्रेणी में दस्तक दे दी है। हालात इतने खराब हैं कि शहर का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 400 से ऊपर 500 के बीच रिकॉर्ड किया गया है। बढ़ते प्रदूषण के कारण लोगों को स्वास्थ्य संबंधी गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।”
एक्यूआई का अर्थ और स्थिति
वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) के अनुसार:
- 0-50: अच्छा
- 51-100: संतोषजनक
- 101-200: मध्यम
- 201-300: खराब
- 301-400: बहुत खराब
- 401-500: अति गंभीर
फिलहाल दिल्ली का एक्यूआई स्तर 450-500 के बीच है, जो स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक स्थिति को दर्शाता है।
प्रदूषण बढ़ने के कारण
विशेषज्ञों के अनुसार, दिल्ली में बढ़ते वायु प्रदूषण के मुख्य कारण निम्नलिखित हैं:
- पराली जलाना: पड़ोसी राज्यों पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने के मामलों में वृद्धि।
- वाहनों का धुआं: राजधानी में बढ़ते वाहनों की संख्या से निकलने वाला प्रदूषण।
- निर्माण कार्य: खुले में चल रहे निर्माण कार्य और धूल के कण।
- मौसम संबंधी कारक: हवा की गति कम होने से प्रदूषक कण वातावरण में स्थिर हो जाते हैं।
स्वास्थ्य पर गंभीर असर
एक्यूआई के ‘अति गंभीर’ श्रेणी में पहुंचने के बाद लोगों को कई स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है:
- सांस संबंधी बीमारियां: अस्थमा, ब्रोंकाइटिस और फेफड़ों में संक्रमण।
- आंखों में जलन और त्वचा की समस्याएं।
- बुजुर्गों और बच्चों के लिए स्थिति अधिक गंभीर।
- हृदय रोगियों को भी अतिरिक्त सावधानी बरतने की जरूरत।
सरकार द्वारा उठाए गए कदम
वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए दिल्ली सरकार ने कुछ आपातकालीन कदम उठाए हैं:
- निर्माण कार्यों पर प्रतिबंध।
- वाहनों पर नियंत्रण: आवश्यक सेवाओं को छोड़कर ट्रकों की आवाजाही पर रोक।
- जल छिड़काव अभियान: सड़कों और निर्माण स्थलों पर पानी का छिड़काव।
- स्कूलों में छुट्टियां: बच्चों की सुरक्षा के लिए स्कूलों को अस्थायी रूप से बंद किया गया है।
विशेषज्ञों की सलाह
वायु प्रदूषण के इस खतरनाक स्तर पर विशेषज्ञों ने निम्नलिखित सावधानियां बरतने की सलाह दी है:
- बिना मास्क बाहर न निकलें।
- घर के अंदर रहें और एयर प्यूरीफायर का उपयोग करें।
- व्यायाम या शारीरिक गतिविधियां सुबह और शाम के समय बाहर न करें।
- बुजुर्ग और बच्चे विशेष ध्यान रखें और स्वास्थ्य लक्षणों पर नजर बनाए रखें।